बदला-बदला सा महोत्सव:टूटी परंपरा, नहीं पहुंचे राज्यपाल, हिमाचल के सीएम ने किया मुख्य महोत्सव का उद्घाटन, प्रदेश के एक ही मंत्री शामिलमंत्रोच्चारण व शंख ध्वनि से गूंजा ब्रह्मसरोवर का पुरुषोत्तमपुरा बाग, गीता महोत्सव शुरू
5 कुंडों पर शुरू हुआ गीता यज्ञ, 18 देशों के 22 प्रतिनिधियों ने डाली आहुुति
इंटरनेशनल गीता महोत्सव की फिजां इस बार बदली-बदली है। कोविड की वजह से तमाम बड़े आयोजन रद्द हो चुके हैं। ऐसे में महोत्सव का स्वरूप ही बदल चुका है। मुख्य आयोजनों में गीता यज्ञ, ऑनलाइन सामूहिक गीता पाठ व अंतिम दिन दीपोत्सव ही रहेंगे।
बता दें कि हर साल मुख्य महोत्सव के उद्घाटन पर राज्यपाल मौजूद रहते थे। राज्यपाल ही राज्यस्तरीय प्रदर्शनी आदि का उद्घाटन करते रहे हैं। जबकि मुख्य महोत्सव में राष्ट्रपति आदि को भी मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया जाता है, लेकिन इस बार राज्यपाल व केडीबी के चेयरमैन सत्यदेव आर्य उद्घाटन पर यहां नहीं पहुंच सके। बतौर मुख्यातिथि हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर जरूर पहुंचे।
उन्होंने ही गीता पाठ व यज्ञ का शुभारंभ किया। केडीबी मानद सचिव मदनमोहन छाबड़ा के मुताबिक राज्यपाल का कार्यक्रम पहले ही रद्द हो चुका था। उन्होंने चंडीगढ़ से ऑनलाइन उद्घाटन सत्र में शिरकत की।शंख ध्वनि से गूंजे तट : मंत्रोच्चारण और शंखनाद के बीच कुरुक्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आगाज हुआ। साथ ही ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ श्लोकोंच्चारण से पूरी फिजा ही गीता मय हो गई। हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पर्यटन एवं शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, स्वामी शंकराचार्य, लोकेश मुनि ने ब्रह्मसरोवर के जल का आचमन कर पवित्र गीता का पूजन कर 21 से 25 दिसम्बर तक चलने वाले गीता महोत्सव का शुभारंभ किया।
सांसद नायब सैनी, सुभाष सुधा, राज्यपाल की सचिव एवं केडीबी सदस्य सचिव जी अनुपमा, डीसी शरणदीप कौर बराड़, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, सीईओ अनुभव मेहता ने जयराम ठाकुर का स्वागत किया।
अतिथियों ने किया ब्रह्मसरोवर का पूजन
इसके बाद अतिथियों ने ब्रहमसरोवर के पवित्र जल का आचमन कर पूजा-अर्चना की और पवित्र ग्रंथ गीता पर पुष्प अर्पित कर पूजन किया। गीता पूजन के बाद वेद पाठशाला के विद्यार्थियों और विद्वानों द्वारा किए गए श्लोकोच्चारण के बीच गीता यज्ञ में पूर्णाहुति डालकर गीता महोत्सव का शुभारंभ किया।
बता दें कि इस महोत्सव में 55 हजार विद्यार्थियों के साथ वैश्विक गीता पाठ, इंटरनेशनल गीता वेबिनार, संत सम्मेलन, ब्रह्मसरोवर की महाआरती आदि मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेंगे। अंतिम दिन एक लाख 80 हजार दीपक जलाने का लक्ष्य है। दीपदान के साथ महोत्सव संपन्न होगा। दीपदान सीएम मनोहरलाल व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह करेंगे।
बदल गया स्वरूप, नहीं लगा शिल्प मेला
बता दें कि हर बरस गीता महोत्सव के मुख्य आयोजन पांच दिन चलते हैं। जबकि शिल्प मेला व एनजेडसीसी पटियाला की तरफ से सांस्कृतिक आयोजन पहले ही शुरू होते हैं। मुख्य महोत्सव में भी सुबह से लेकर शाम तक कई सांस्कृतिक आयोजन, लेजर शो, धार्मिक व सामाजिक और प्रदेश के विकास को दर्शाती प्रदर्शनी जैसे तमाम बड़े आयोजन होते हैं।
पर्यटकों से अपील, न आएं : जी अनुपमा
राज्यपाल की सचिव एवं केडीबी सदस्य सचिव जी अनुपमा ने कहा कि कोविड-19 के कारण महोत्सव के कार्यक्रमों का वर्चुअल, ऑनलाइन किया जा रहा है। इसलिए लोग घर बैठे ही इन कार्यक्रमों का आनंद ले सकते हैं। अतिथियों के अलावा केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, सीईओ केडीबी अनुभव मेहता, भाजपा के जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी, धर्मवीर मिर्जापुर, केडीबी के पूर्व सदस्य डॉ. सौरभ चौधरी, उपेन्द्र सिंघल, विजय नरुला, गोपाल सैनी उपस्थित थे।