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फारूक अब्दुल्ला बोले- 370 का मामला चीन खुद उठा रहा है, मुझे बोलने की जरूरत नहीं

फारूक अब्दुल्ला बोले- 370 का मामला चीन खुद उठा रहा है, मुझे बोलने की जरूरत नहीं; चीन से सीधे बात करने से ही तनाव कम होगा चीन पर दिए बयान पर अब्दुल्ला ने कहा- मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गयानेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और श्रीनगर से लोकसभा सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला के अनुछेद 370 को चीन से जोड़ने वाले बयान से बवाल मचा हुआ है। वहीं, अब्दुल्ला ने भास्कर से एक टेलिफोनिक इंटरव्यू में अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा- अनुछेद 370 का मामला चीन खुद उठा रहा है। इसमें फारूक अब्दुल्ला को बोलने की जरूरत ही नहीं है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला अपने बयानों से चर्चा में रहते हैं। लेकिन, चीन की मदद से अनुछेद 370 को वापस लाने वाला उनका पिछले दिनों दिया गया बयान सुर्खियों में है। अब सीनियर अब्दुल्ला कहते हैं- मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। उन्होंने गलत बात की है, क्योंकि वो यही करना चाहते हैं। उनकी कोशिश यही है।

मुल्क में बर्बादी चाहते हैं यह लोग
फारूक अपने बयान को गलत तरीके से पेश किए जाने को लेकर गुस्से में हैं। इस बारे में उनका कहना है- उनको तो कोई चीज सही नहीं दिखती। ये लोग मुल्क में बर्बादी करना चाहते हैं। हर तरफ से, गलत चीजें लाना चाहते हैं| अब्दुल्ला के बयान पर राजनीतिक बवाल हो रहा है| बीजेपी इस बयान पर कटाक्ष कर रही है। उनके बयान को देश विरोधी बताया गया है। जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रविंद्र रैना का कहना है कि फारूक अनुछेद 370 पर मुंगेरी लाल जैसे सपने देख रहे हैं।

हमें बीच में क्यों लाते हैं…
फारूक संसद में भी इसी तरह का बयान दे चुके हैं। इस बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा- मैंने पहले भी इनसे कहा था भैया… सवाल इस बात का है कि हम तो कहीं नहीं हैं। यह तो प्रॉब्लम है मुल्क के डिफेंस की और चीन की। हमें क्यों आप बीच में डाल रहे हैं।

बातचीत से हल हो मसला
भारत और चीन के रिश्तों में तनाव को पर फारूक ने कहा- यह मामला बातचीत से ही सुलझ सकता है, सेना से नहीं। जहां तक हिंदुस्तान और चीन का मामला है। यह लड़ाई से नहीं, बातचीत से हल हो सकता है। कोई भी मसला जो है, वो लड़ाई से कभी हल नहीं हुआ। न आज होगा, न कल होगा। इनको बातचीत करनी चाहिए। और जो यह आर्मी की तरफ से बातचीत कर रहे हैं, उससे कुछ नहीं होने वाला। इन लोगों को चीन से डायरेक्टली बात करनी चाहिए। डिप्लोमैटिक चैनल से बात करनी चाहिए। उसी से हल निकलेगा, उसके बगैर हल नहीं निकलेगा।

पिछले साल जम्मू-कश्मीर से अनुछेद 370 और 35ए हटाई गई थी। उसके बाद फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर और पीडीपी चीफ मेहबूबा मुफ्ती सहित कई बड़े नेता कई महीनों नजरबंद रहे। फारूक और उमर अब्दुल्ला तो रिहा हो चुके हैं। लेकिन, मेहबूबा अब भी नजरबंद हैं। फारूक कहते हैं- जहां तक 370 का मामला है, इसे चीन खुद उठा रहा है। फारूक अब्दुल्ला को कहने की ज़रूरत ही नहीं है। मुझे क्या कहना है इस बारे में, मैं इस मामले में कहीं नहीं हूं।

फारूक के विवादास्पद बयान
फारूक अब्दुल्ला कई बार अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहे हैं। नवम्बर 2017 में उन्होंने पीओके को पाकिस्तान का हिस्सा कहा था। उन्होंने यहां तक कहा था कि अगर भारत हमला करता है तो पाकिस्तान ने भी चूड़ियां नहीं पहन रखीं। इस बयान के विरोध में प्रदर्शन हुए थे। जम्मू के एक समाज सेवी अब्दुल्ला के खिलाफ कोर्ट भी गए थे। इसी महीने अब्दुल्ला ने एक और बयान दिया था। इसमें कहा था- आपने एक पाकिस्तान बनाया है। अब और देश के कितने टुकड़े करोगे।

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