राजनीति:जजपा नेता रामकुमार गौतम के बाद अब टोहाना विधायक के बगावती सुर, बोले- सत्ता में रहते हुए भी विपक्ष जैसा माहौल बना रहे टोहाना विधायक देवेंद्र बबली बोले- सीएम मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला तक पहुंचा चुका हूं बात, कोई सुनवाई नहीं
डिप्टी सीएम की पहले इतनी लोकप्रियता थी लेकिन अब वो रेत की तरह खिसक रहा हैहरियाणा सरकार में भारतीय जनता पार्टी के साथ सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी में बगावती सुर एक बार फिर उठने लगे हैं। पिछले दिनों खुलकर पार्टी में विरोध कर चुके नारनौंद हल्के के विधायक रामकुमार गौतम के बाद अब टोहाना हल्के से विधायक देवेंद्र सिंह बबली भी उनकी राह पर चल पड़े हैं। बबली ने खुलकर अपनी पार्टी और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वे सरेआम बयान दे रहे हैं कि सरकार में कुछ ठीक नहीं चल रहा। आज ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि सत्ता में रहते हुए भी विपक्ष जैसा माहौल बनाया जा रहा है।
ये कहा बबली ने
बबली ने इंटरव्यू देते हुए कहा कि आज ऐसे हालात हैं कि अपनी विधानसभा में भी जनता की समस्या के लिए आवाज उठाने पर भी काम नहीं होता। आम आदमी के काम तो कहां होंगे, खुद विधायक के आवाज उठाने पर भी काम नहीं होता। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्या माहौल है।
बबली ने नाम लिए बिना इशारों-इशारों में कहा कि कुछ लोग जान बूझकर कामों में अड़चन पैदा कर रहे हैं। इसको लेकर मैं डिप्टी सीएम और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला से करीब 2 से 3 घंटे की मीटिंग कर चुका हूं। इसके साथ-साथ सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर चुका हूं, विधानसभा में मुद्दा उठा चुका हूं, संबंधित विभाग के मंत्री तक बात पहुंचा चुका हूं लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। सत्ता में रहते हुए भी विपक्ष जैसा माहौल बनाया जा रहा है। बबली ने कहा कि स्थिति बद से बत्तर है। सिस्टम में सुधार की जरुर है।
बबली ने कहा कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का आज इतना विरोध हो रहा है, उन्हें इसके कारण तलाशने चाहिए। सांसद रहते हुए दुष्यंत चौटाला ने बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म तैयार किया लेकिन अब लोकप्रियता रेत की तरह खिसक रही है।
बराला को हराकर सत्ता में आए थे बबली
देवेंद्र सिंह बबली टोहाना विधानसभा में भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को हराकर सत्ता में आए थे। राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि बबली मंत्री पद के लिए पार्टी पर दबाव बना रहे हैं। वहीं चर्चाएं सुभाष बराला को लेकर भी हैं कि पूर्व विधायक उनके कामों में एक बड़ी अड़चन हैं। हालांकि खुलकर एक दूसरे पर बोलने में बबली भी हिचकते हैं और सुभाष बराला भी चुप्पी साधे हुए हैं।