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अब देश के तटीय इलाकों पर एक और तूफान का खतरा मंडरा रहा

अभी अम्फान तूफान तबाही मचाकर गया है. ओडिशा और पं. बंगाल इससे अभी उबर भी नहीं पाए हैं कि अब देश के तटीय इलाकों पर एक और तूफान का खतरा मंडरा रहा है. महाराष्ट्र और गुजरात के तटील इलाकों के तरफ चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ तेजी से आगे बढ़ रहा है.
मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में गुजरात और महाराष्ट्र में निसर्ग चक्रवाती तूफान तबाही मचा सकता है.unke मुताबिक, अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय हो गया है. इस दबाव के चलते उठा तूफान 2-3 जून को महाराष्ट्र और गुजरात के समुद्री तट से टकरा सकता है. गुजरात में तो निसर्ग तूफान का असर भी दिखना शुरू हो गया है. यहां के भावनगर में तेज बारिश हुई है. IMD ने उत्तरी और दक्षिणी गुजरात तटों पर सभी बंदरगाहों पर चक्रवात अलर्ट संकेत एक्टिव कर दिए हैं. मौसम विभाग ने गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात के लिए रेड अलर्ट जारी किया है.
मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए अरब सागर में गए मछुआरों को वापस बुला लिया है. साथ ही 4 जून तक मछुआरों को सागर से दूर रहने को कहा है. मौसम विज्ञान विभाग ने उत्तरी और दक्षिणी तटों के सभी बंदरगाहों पर चक्रवात की चेतावनी के संकेत देने का परामर्श दिया है क्योंकि समुद्र में 4 जून तक स्थिति अत्यंत खराब रहने की संभावना है.
निसर्ग चक्रवात के दौरान 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं जिनकी गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है. इस दौरान समुद्र की स्थिति बहुत अधिक खराब रह सकती है.
विभाग ने कहा, ‘दक्षिण पूर्वी और आसपास के पूर्वी मध्य अरब सागर तथा लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. इसके अगले 24 घंटे में पूर्वी मध्य और आसपास के दक्षिण पूर्वी अरब सागर के ऊपर दबाव के रूप में मजबूत होने की संभावना है तथा फिर यह अगले 24 घंटों में और अधिक मजबूत होकर चक्रवाती तूफान के रूप में तबदील हो सकता है. इसके उत्तर की तरफ आगे बढ़ने और तीन जून तक उत्तरी महाराष्ट्र तथा गुजरात तटों के पास पहुंचने की काफी संभावना है.’
मौसम विभाग के साइक्लोन ई एटलस के मुताबिक, 1891 के बाद पहली बार अरब सागर में महाराष्ट्र के तटीय इलाके के आसपास समुद्री तूफान की स्थिति बन रही है. हिंदुस्तान टाइम्स ने मौसम विज्ञानी अक्षय देवरस के हवाले से लिखा है कि इससे पहले 1948 और 1980 में दो बार इस तरह का दवाब बना था और तूफान आने की स्थिति बनी थी लेकिन बाद में स्थिति टल गई थी. दो जून दोपहर के बाद से तीन जून तक महाराष्ट्र में काफी तेज गति से हवाएं चलने और भारी बारिश की संभावना है.

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