फिल्म ‘बवाल’ को जापानी में डब कराने की मांग:जापानी लोगों की मेकर्स से अपील; फिल्म का कुछ पार्ट वर्ल्ड वॉर-2 से प्रेरित

वरुण धवन और जान्हवी कपूर स्टारर फिल्म ‘बवाल’ प्राइम वीडियो पर 21 जुलाई को रिलीज होगी। फिल्म में वर्ल्ड वॉर 2 का भी जिक्र है। अब जापान के लोगों ने फिल्म के प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला से एक अपील की है।

उनकी मांग है कि फिल्म को जापानी भाषा में डब किया जाना चाहिए। फिल्म की स्टोरी का कुछ पार्ट वर्ल्ड वॉर 2 की कहानी से जुड़ा हुआ है।

जाहिर है कि वर्ल्ड वॉर 2 में जापान की बड़ी भूमिका थी। वे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित भी रहे थे। इसलिए जापान के लोग इस फिल्म को देखने के लिए इच्छा जाहिर कर रहे हैं।

फिल्म में वर्ल्ड वॉर 2 का क्या कनेक्शन है, पहले ये पढ़िए..
ट्रेलर में दिखाया गया है कि वरुण धवन, जान्हवी को टूर पर यूरोप लेकर जाते हैं। कपल को इस ट्रिप के दौरान रियल लाइफ में वर्ल्ड वॉर 2 से जुड़ी घटनाओं की झलक देखने को मिलती है।

यूरोप में वरुण-जान्हवी के बीच बहस होती है और जान्हवी अपने अंदर चल रहे वॉर को पहचानने और उससे बाहर निकलने की बात करती हैं। फिल्म के ट्रेलर में हिटलर के गैस चैम्बर्स और होलोकॉस्ट की झलक भी देखने को मिली थी।

फिल्म को नितेश तिवारी ने डायरेक्ट और को-प्रोड्यूस किया है।

फिल्म को नितेश तिवारी ने डायरेक्ट और को-प्रोड्यूस किया है।

फिल्म को लोकल लैंग्वेज में डब करने की मांग
सोर्सेज ने कहा- जापानी ऑडियंस की तरफ से एक रिक्वेस्ट आई है। उन्होंने मंशा जाहिर है कि फिल्म को लोकल लैंग्वेज में भी डब किया जाए। ये फिल्म जापान की ऑडियंस को पसंद आ सकती है।

चूंकि फिल्म में वर्ल्ड वॉर-2 से जुड़े कुछ सीन्स हैं, और जापान का वर्ल्ड वॉर 2 से संबंध रहा है। इसलिए जापान में फिल्म को एक मैटर ऑफ सब्जेक्ट की तरह लिया गया है।

फिल्म में वरुण धवन और जान्हवी कपूर पहली बार साथ काम कर रहे हैं।

फिल्म में वरुण धवन और जान्हवी कपूर पहली बार साथ काम कर रहे हैं।

अमेरिका ने जापान के दो शहरों पर परमाणु बम गिराया था, इसके बाद खत्म हो गया था वर्ल्ड वॉर-2
1 सितंबर,1939 को जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने पोलैंड पर हमला कर सेकेंड वर्ल्ड वॉर का ऐलान किया था। उसके साथ इटली और जापान जैसे देश थे। दूसरी तरफ अमेरिका, सोवियत यूनियन, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस जैसे शक्तिशाली देश थे।

6 साल चले इस युद्ध में दोनों ओर से 2 करोड़ 40 लाख सैनिक मारे गए। वहीं चार करोड़ 90 लाख नागरिकों ने अपनी जान गंवाई। इस युद्ध का सबसे खौफनाक मंजर तब आया जब अमेरिका ने 6 और 9 अगस्त 1945 को जापान के दो शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिरा दिया।

फोटो 1945 में ली गई थी। इसमें अमेरिका द्वारा हिरोशिमा पर परमाणु हमला किए जाने के बाद की स्थिति नजर आ रही है।

फोटो 1945 में ली गई थी। इसमें अमेरिका द्वारा हिरोशिमा पर परमाणु हमला किए जाने के बाद की स्थिति नजर आ रही है।

दो सितंबर 1945 को जापान ने अमेरिका के सामने सरेंडर कर दिया। इसके साथ ही वर्ल्ड वॉर का अंत हो गया।

जापान में मची थी भारी तबाही, 10 किलोमीटर तक का रेंज जलकर खाक हो गया था
6 अगस्त को सुबह 8:15 बजे अमेरिका के इनोला गे विमान ने हिरोशिमा पर पहला परमाणु बम गिराया। उस वक्त तापमान 10 लाख डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा गर्म हो गया था। करीब 10 किलोमीटर तक सब कुछ जलकर खाक हो गया। इसमें 80 हजार से ज्यादा लोग मारे गए और कई घायल हुए थे।

तीन दिन के बाद 9 अगस्त को 11 बजे (लोकल टाइम) नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया गया। इस हमले में 40 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। हिरोशिमा और नागासाकी दोनों शहर में 1.2 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 50% लोग विस्फोट के दिन ही मारे गए थे।

वहीं, 80-100% लोगों की रेडिएशन और घायल होने के बाद जान गई। आज भी इस क्षेत्र में शारीरिक रूप से अक्षम लोग पैदा होते हैं।

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