तीन ग्रहों का राशि परिवर्तन:आज मंगल, 15 को सूर्य और 16 को बदलेगी बुध की चाल; बढ़ सकती है महंगाई, मौसम में बदलाव के योग भी
March 13, 2023
शाहरुख ने 6 पैक एब्स के लिए की कड़ी मेहनत:पठान के दौरान किया जबरदस्त वर्कआउट,
March 13, 2023

तीज-त्योहार और परंपरा:बदलते मौसम में बीमारियों के संक्रमण से बचने में मदद करता है शीतला माता का व्रत और पूजन

शीतला माता की पूजा मंगलवार और बुधवार को होगी। ग्रंथों के मुताबिक मान्यता है इनकी पूजा से सुख-समृद्धि बढ़ती है। साथ ही व्रत करने वालों के परिवार में बड़ी बीमारी नहीं होती है।

इस व्रत पर एक दिन पहले देवी के लिए नैवेद्य और परिवार वालों के लिए खाना बना लिया जाता है। फिर सप्तमी या अष्टमी तिथि पर ठंडे खाने का भोग लगाया जाता है। इस दिन घर के सभी लोग सिर्फ ठंडा खाना ही खाते हैं।

पुराणों के मुताबिक शीतला माता का रूप शीतल है और बीमारियां दूर करने वाला है। इनका वाहन गधा है और इनके हाथों में कलश, सूप, झाड़ू, नीम के पत्ते रहते हैं। इनकी पूजा खासतौर से गर्मी के मौसम में होती है। इसलिए हिन्दू पंचांग के मुताबिक चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी को बसोड़ा पूजन किया जाता है।

शीतला माता को क्यों चढ़ाया जाता है बासी प्रसाद
शीतला सप्तमी या अष्टमी पर घर में ताजा भोजन नहीं बनाया जाता। इस दिन ठंडा खाना खाने की परंपरा है। इसकी वजह ये है कि कि शीतला यानी जिन्हे ठंडा खाना पसंद है। इसीलिए शीतला देवी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें ठंडी चीजों का भोग लगाते हैं। इसी कारण उत्तर भारत में शीतला सप्तमी या अष्टमी के इस व्रत को बसौड़ा कहते हैं।

इसके पीछे एक वजह ये भी है कि इस दिन के बाद से ठंडा खाना बंद कर देते हैं। ये मौसम का आखिरी दिन होता है जब बासी खाना खा सकते हैं। इसके बाद गर्मीयां शुरू हो जाती है। इन दिनों ठंडा खाना खराब हो जाता है। इसलिए शीतला देवी की पूजा के साथ ठंडा खाना खाते हैं।

इस व्रत से शीतला देवी प्रसन्‍न होती हैं और व्रत करने वाले के परिवार में बुखार, इंफेक्शन, चेचक और आंखों की बीमारियां नहीं होती। शीतला माता सफाई से रहने की सीख देती हैं।

शीतला माता व्रत की कथा
किसी गांव में एक महिला रहती थी। वो शीतला माता की भक्त थी और शीतला माता का व्रत करती थी। उसके गांव में और कोई भी शीतला माता की पूजा नहीं करता था। एक दिन उस गांव में किसी कारण से आग लग गई। जिससे गांव की सभी झोपड़ियां जल गई। लेकिन उस औरत की झोपड़ी सलामत रही। सब लोगों ने उससे वजह पूछी तो उसने बताया कि माता शीतला की पूजा करने से ऐसा हुआ। ये सुनकर गांव के बाकी लोग भी शीतला माता की पूजा करने लगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES