इस साल देश के सात प्रमुख प्रॉपर्टी मार्केट में 5.44 लाख रेडी-टू-मूव (तैयार) मकान उपलब्ध होंगे। ये 2016 के बाद बीते छह साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मांग बढ़ने के बीच हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का काम तेजी से पूरे होने से तैयार मकानों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। देश के सात प्रमुख प्रॉपर्टी मार्केट में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), पुणे, बेंगलुरू, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता शामिल हैं।
बीते साल के मुकाबले 93.3% ज्यादा मकान बनकर तैयार होंगे
रिपोर्ट के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान दिल्ली-एनसीआर में बीते साल के मुकाबले 93.3% ज्यादा 1,66,850 मकान बनकर तैयार हो जाएंगे। 2022 में यहां 86,300 मकान बनकर तैयार हुए थे। 2021 में तैयार मकानों की संख्या भी लगभग इतनी ही थी।
दरअसल कोविड-19 के बाद रियल एस्टेट कंपनियों ने मकानों के निर्माण की रफ्तार तेज की। नतीजतन 2022 में देश के सात बड़े शहरों में 4.02 मकान बनकर तैयार हुए। यह वर्ष 2017 के बाद बीते पांच साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है। एक साल पहले के मुकाबले भी ये करीब डेढ़ गुना ज्यादा है। वर्ष 2021 के दौरान इन सात बड़े शहरों में 2.79 लाख मकान बनकर तैयार हुए थे।
आधे से ज्यादा डेवलपरों को मकानों के दाम बढ़ने की उम्मीद
रियल एस्टेट सेक्टर की संस्था क्रेडाई के ‘रियल एस्टेट डेवलपर्स सेंटिमेंट सर्वे’ में शामिल 58% डेवलपरों ने इस साल मकानों के दाम बढ़ने की उम्मीद जताई। इनका कहना है कि निर्माण लागत बढ़ने से मकान महंगे होंगे। 32% डेवलपरों को ये भी लगता है कि इस साल मकानों के दाम स्थिर रहेंगे।
इस साल तेज रफ्तार से होगा हाउसिंग प्रोजेक्ट में कंस्ट्रक्शन
इस साल ज्यादातर हाउसिंग प्रोजेक्ट्स तय समय पर पूरे होंगे। बिल्डर्स कोई नया प्रोजेक्ट लॉन्च करने से पहले मौजूदा हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ऐसे में बुकिंग करने वालों को समय पर डिलीवरी मिलने की संभावना है।