टीम इंडिया के उभरते हुए स्पीड स्टार आवेश खान अभी आयरलैंड में टी-20 सीरीज खेल रहे हैं। इस सीरीज के बाद वे इंग्लैंड दौरे पर भी जाएंगे। इससे पहले आवेश साउथ अफ्रीका के खिलाफ घर में हुई सीरीज में भी भारतीय टीम का हिस्सा थे। 2016 अंडर-19 वर्ल्ड कप से देश के क्रिकेट प्रेमियों की रडार पर आए आवेश ने IPL में अपने परफॉर्मेंस के दम पर नेशनल टीम का रास्ता तय किया। डोमेस्टिक क्रिकेट में भी वे मध्य प्रदेश की टीम के लिए कमाल करते रहे।
आवेश ने आयरलैंड-इंग्लैंड दौरे, पिछले IPL सीजन और टीम इंडिया में तेज गेंदबाजों के बीच बढ़ रहे कॉम्पिटिशन पर दैनिक भास्कर से बातचीत की। आप इस बातचीत को आगे पढ़ना जारी रख सकते हैं और साथ ही खबर के साथ लगी पहली तस्वीर को क्लिक कर सुन भी सकते
सवाल- साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के शुरुआती तीन मैचों में आपको विकेट नहीं मिले। इसके बाद चौथे मुकाबले में आपने एक साथ चार विकेट झटक लिए। एक ही सीरीज के दौरान परफॉर्मेंस में इतना बड़ा बदलाव कैसे आ गया?
आवेश- कुछ बदला नहीं था। पहले तीन मैचों में भी मेरी बॉलिंग अच्छी थी। चौथे मुकाबले में भी मैं उसी को कंटीन्यू करने की कोशिश कर रहा था। अच्छी गेंदबाजी करना मेरे हाथ में है। विकेट मिलना या न मिलना मेरे हाथ में नहीं है। हां, मुझे यह जरूर लग रहा था कि किसी मैच में एक साथ तीन-चार विकेट मिलेंगे। चौथे मुकाबले में यही हुआ।
सवाल- साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले दो मैचों के बाद एक्सपर्ट कहने लगे थे कि आपकी जगह उमरान मलिक को मौका देना चाहिए। तब ड्रेसिंग रूम में क्या चल रहा था? आपकी परफॉर्मेंस पर कोच राहुल द्रविड़ का क्या कहना था?
आवेश- राहुल सर बोल रहे थे कि तू अच्छा कर रहा है। बॉलिंग अच्छी हो रही है। अन्फॉर्च्युनेट्ली कुछ गेंदें स्टंप के बेहद करीब से निकल गईं। एक मैच में कैच भी छूटे। कोच इन सब के बावजूद हौसला बढ़ा रहे थे। वे यही कहते रहे- तू अपना करता रह। विकेट कभी भी आ जाएंगे। चौथे मैच में वैसा ही हुआ तो अच्छा लगा।
सवाल- साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में आपकी ही गेंद पर वेन डेर डूसेन का कैच श्रेयस अय्यर से छूटा था। क्या वह कैच छूटना अब भी चुभता है क्योंकि उसके बाद डूसेन ने साउथ अफ्रीका को जीत दिला दी थी। क्या इस बारे में श्रेयस से कोई बात भी हुई?
आवेश- नहीं। कैच तो छूटते रहते हैं। यह पार्ट ऑफ द गेम है। श्रेयस टीम के वन ऑफ द बेस्ट फील्डर हैं। कभी-कभी कैच छूट जाते हैं। ऐसा सभी के साथ होता है। राहुल सर, हमेशा यही कहते हैं कि हर मैच में हम गलतियों से सीखेंगे और आगे बढ़ेंगे। टीम मीटिंग में इस बारे में बात भी नहीं हुई। सिर्फ बॉलिंग और बैटिंग पर बात होती थी कि कहां हम सुधार कर सकते हैं और क्या हमने अच्छा किया है।
सवाल- पिछले IPL सीजन में अपने परफॉर्मेंस को कैसा आंकते हैं। सीजन का सबसे यादगार लम्हा क्या था?
आवेश- यह सीजन मेरे लिए अच्छा था। मैंने लखनऊ के लिए 18 विकेट निकाले। हमने नॉकआउट के लिए क्वालिफाई भी किया। अफसोस है कि हम और आगे नहीं बढ़ सके। उस मैच में भी RCB के रजत पाटीदार के कुछ कैच छूटे और कुछ फैसले हमारे खिलाफ गए। इन वजहों से हम मैच हार गए।
सीजन के यादगार लम्हे की बात करूं तो KKR के खिलाफ पुणे में मेरे घर वाले मैच देखने आए थे और वहां मुझे मैन ऑफ द मैच मिला था। मेरे लिए अच्छा मोमेंट था। पहली बार मेरे घर वाले मुझे लाइव खेलते हुए देख रहे थे। मैन ऑफ द मैच चुना जाना सोने में सुहागा हो गया।
सवाल- साउथ अफ्रीका के खिलाफ एक मैच में चार विकेट लेने पर आपको मैन ऑफ द मैच मिला। आपने तब कहा था कि यह आपकी ओर से पापा को बर्थडे गिफ्ट है। पापा की ओर से क्या रिएक्शन मिला?
आवेश- वे बहुत खुश थे। उन्होंने कहा वेल बोल्ड… पापा के बर्थडे को हम सबने इंदौर के सराफे में सेलिब्रेट किया।
सवाल- इस IPL सीजन से उमरान मलिक, प्रसिद्ध कृष्णा, मोहसिन खान, अर्शदीप सिंह जैसे कई युवा तेज गेंदबाज सामने आए हैं। नेशनल टीम में पहले से जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार जैसे सीनियर भी हैं। तेज गेंदबाजों के बीच इतने तगड़े कॉम्पिटिशन पर आपकी क्या राय है?
आवेश- मैं हमेशा अपने परफॉर्मेंस पर फोकस करता हूं। मैं चाहता हूं कि खुद को बेहतर करूं। मैं एक खिलाड़ी के तौर पर हर टूर्नामेंट में देखता हूं कि क्या सीख सकता हूं। मैं अपने आप में ज्यादा सुधार करने को देखता हूं, बजाय इसके कि कॉम्पिटिशन किससे है। यदि मैं कॉम्पिटिशन के बारे में सोचने लगा तो अपने ऊपर ही एक दबाव ही लूंगा। मैं यही सोचता हूं कि मैच से मैं क्या-क्या सीख सकता हूं। कैसे अपनी बॉलिंग को बेहतर बना सकता हूं। कैसे अपने क्रिकेट को बेहतर कर सकता हूं। खुद को कैसे फिट रख सकता हूं। मैं इन चीजों पर ज्यादा फोकस करता हूं।
सवाल- भारतीय तेज गेंदबाजों की स्पीड भी आज कल काफी चर्चा में है। उमरान 150+ की स्पीड से गेंद फेंकते हैं। बतौर तेज गेंदबाज आपका क्या नजरिया है। स्पीड ज्यादा अहम है या लाइन-लेंथ?
आवेश- दोनों अहम हैं। अगर आप स्पीड के साथ अच्छी लेंथ पर बॉल फेंकेंगे तो ज्यादा प्रभावी रहेंगे और बल्लेबाज को कठिनाई होगी। वहीं, सिर्फ स्पीड होगी और गेंद आउट ऑफ लाइन या लेंथ होगी तो बैटर के लिए पेस यूज करना आसान होगा। आजकल बैटर पेस से इतना नहीं डरते हैं। सभी अच्छी क्वालिटी क्रिकेट खेलकर आगे आते हैं। सभी को पेस की आदत होती है। इसलिए मैं कहूंगा कि स्पीड कहीं आपकी दोस्त होती है तो कहीं दुश्मन भी।
सवाल- आपकी घरेलू टीम मध्य प्रदेश ने पहली बार रणजी ट्रॉफी जीत लिया? क्या फाइनल को मिस किया?
आवेश- बहुत। जब से रणजी खेल रहा था एक ही सपना था रणजी ट्रॉफी फाइनल खेलना है, उसे एंजॉय करना है। हमारी टीम फाइनल खेली, लेकिन मैं उस टीम का हिस्सा नहीं था। जब हम बेंगलुरु में थे तो मैं और वेंकटेश टीम से मिलने गए थे। कोच सर (चंद्रकांत पंडित) ने कहा था कि किसी को मत बताना। हमें बहुत अच्छा लगा। सभी खुश थे, क्योंकि उसी दिन सेमीफाइनल जीते थे और सर के साथ बैठे थे। हमने उन्हें सरप्राइज दिया। इससे टीम मोटिवेट हुई। मेरे लिए इमोशनल मोमेंट था।
सवाल- आयरलैंड के बाद इंग्लैंड दौरा है। आगे वेस्टइंडीज से खेलना है। इन दौरों के लिए क्या कहेंगे?
आवेश- टी-20 वर्ल्ड कप के लिहाज से तीनों ही दौरे महत्वपूर्ण हैं। इसलिए हम हर सीरीज में पूरा दमखम लगाएंगे।
सवाल- इंग्लैंड के बल्लेबाजों को लेकर क्या कहेंगे? खासकर जोस बटलर। वे IPL के टॉप स्कोरर रहे हैं।
आवेश- बटलर को तो मैंने IPL में तीन बॉल में दो बार आउट किया था। तो मुझे काफी आत्मविश्वास है कि यदि उनके सामने बॉलिंग करूंगा तो उन्हें आउट कर लूंगा। मुझे अच्छा भी लगेगा। मैं यह नहीं कहता कि उन्हें आउट करना आसान होगा, क्योंकि हर दिन नया होता है। हर विकेट अलग होती है और कंडीशन अलग होती है। इंटरनेशनल क्रिकेट में आसान कुछ नहीं होता। प्लानिंग करनी पड़ती है। आपको किसे कहां बॉल डालना है, सिचुएशन क्या है…इन सब बातों का ध्यान रखना होता है। इंग्लैंड के पास बटलर के अलावा जेसन रॉय, ओएन मॉर्गन, लियाम लिविंग्सटन, बेन स्टोक्स जैसे बल्लेबाज भी हैं। एक लाइन में कहूं तो उनकी बैटिंग लाइन पैक है, ऐसे में मजा आएगा उनको बॉलिंग करने में।