देश के 7 बड़े शहरों में 4.48 लाख करोड़ रु. कीमत के करीब 4.8 लाख करोड़ घरों के कंस्ट्रक्शन फिलहाल या अटका हुआ है या इसमें देरी हो रही है। मई 2022 के अंत तक इन 7 शहरों में 4,48,129 करोड़ रुपए कीमत के 4,79,940 घर कंस्ट्रक्शन के कई फेज में अटके हुए थे। जबकि कैलेंडर इयर 2021 के अंत में 4.84 लाख करोड़ रुपए कीमत के लगभग 5,16,770 घरों के कंस्ट्रक्शन कई फेज में अटके हुए थे। इस साल जनवरी से मई 2022 के बीच जनवरी 2022 से मई 2022 के बीच इन शहरों में धीमी रफ्तार से बन रहे 36,830 घरों के कंस्ट्रक्शन का काम पूरा हुआ है।
पिछले 5 महीनों में लागत काफी तेजी से बढ़ी
यह जानकारी प्रॉपर्टी कंसल्टेंट फर्म एनारॉक की रिसर्च रिपोर्ट से सामने आई है। देश के 7 बड़े शहरों में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR), कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद और पुणे शामिल हैं। एनारॉक के सीनियर डायरेक्टर प्रशांत ठाकुर ने कहा, डेवलपर्स अपने प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रेडी-टू-मूव घरों की चल रही मांग का फायदा उठा रहे हैं। वे पिछले पांच महीनों में लागत काफी तेजी से बढ़ी है। इसके बावजूद बिल्डर हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के कंस्ट्रक्शन की स्पीड को बनाए हुए हैं।
दिल्ली-एनसीआर में अटके मकानों की हिस्सेदारी 77%
एनारॉक की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 7 प्रमुख शहरों में कुल अटके/ देरी वाले घरों में दिल्ली-एनसीआर और एमएमआर की 77% हिस्सेदारी है। जबकि दक्षिणी महानगरों बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद की महज 9% हिस्सेदारी है। पुणे की हिस्सेदारी करीब 9% है, जबकि कोलकाता की हिस्सेदारी 5% है।
दिल्ली-एनसीआर में फिलहाल 1,81,410 करोड़ रुपए कीमत के 2,40,610 घरों का कंस्ट्रक्शन अटका हुआ हुआ है। वहीं, एमएमआर में 1,84,226 करोड़ रुपए कीमत की 1,28,870 के घरों के कंस्ट्रक्शन में देरी हो रही है।