कस्टमर केयर नंबर पर धोखाधड़ी:युवक ने 459 रुपए वापस लेने के लिए किया था फोन, बात करने वाले ने 20 हजार की चपत
December 19, 2021
जींद में 300 एकड़ की पराली में भयंकर आग:धान कटाई के बाद खरेंटी में किसानों ने लगा रखे थे ढ़ेर, 30 लाख का नुकसान
December 19, 2021

थाने में ईसाई व हिंदू धर्म के लोगों में बना टकराव, दोनों ने आमने-सामने लगाए धार्मिक नारे

धर्मांतरण के आरोप काे लेकर हिंदू संगठनों के सदस्यों व ईसाई धर्म के लोगों के बीच शनिवार को गांधीनगर थाने में टकराव की स्थिति बन गई। थाने में पहले हिंदू पक्ष ने पास्टर पर केस दर्ज कराया हुआ है। वहीं, पास्टर के समर्थन में भी कुछ ईसाई धर्म के लोगों ने हिंदू पक्ष पर दुर्व्यवहार के आरोप लगाए। दोनों पक्ष आमने-सामने हुए, तब बात बिगड़ती देख पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस पर हिंदू पक्ष के लोगों ने पास्टर की गिरफ्तारी न कर पुलिस पर पक्षपात के आरोप लगाए और थाने से बाहर मसीह अस्पताल के सामने दरी बिछाकर रोड जाम कर दिया। गांधीनगर थाना प्रभारी अभी लोगों को समझा ही रहे थे कि देखते ही देखते मौके पर हिंदू संगठनों के काफी लोग पहुंच गए। वे थाने के बाहर से पुराना एनएच-73 पर उतर आए। जहां दरी बिछाकर यमुनानगर-जगाधरी-अम्बाला रोड जाम कर दिया। लिखित आश्वासन मिलने तक मार्ग दोनों ओर से जाम रखने पर अड़ गए। सूचना पर डीएसपी प्रमोद कुमार समझाने पहुंचे, जिनके समक्ष बाद में पास्टर फैलोशिप यमुनानगर अध्यक्ष सुच्चा सिंह से लिखित आश्वासन मिला। इस पर सवा दो घंटे बाद जाम खोला गया, तब तक करीब 3 घंटे थाना परिसर व बाहर दोनों पक्ष अपने धार्मिक नारे लगाते रहे। वहीं, शनिवार काे जिले में बने सात केंद्रों पर शनिवार दोपहर दो बजे एचटेट का पेपर था। इससे पहले 12.15 बजे हिंदू संगठनों के लोगों ने गांधीनगर थाने के पास पुराना एनएच-73 जाम कर दिया।

पास में पड़े पेड़ों के टूटे तने, चारपाई, टूटे सोफे भी रास्ते में डाल दिए। देखते ही देखते सड़क के दोनों ओर मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जाम लगा रहे लोगों ने चार एंबुलेंस के लिए रास्ता दिया, पर सवा दो घंटे अम्बाला, पंचकूला, चंडीगढ़, देहरादून, पांवटा साहिब समेत जिले के लिंक रूटों की हरियाणा रोडवेज सहित हिमाचल, यूपी रोडवेज की बसें भी जाम में फंसी रहीं। जिनके चालक-परिचालक सहित यात्री बसों में या नीचे उतर जाम खुलने का इंतजार में रहे और गंतव्य पर पहुंचने में लेट हुए। कई वाहन चालक जाम के बीच से निकलने लगे तो उनकी हिंदू संगठनों के लोगों से बहस हुई।

लैपटॉप से मिली मूर्ति पूजन विरोधी सामग्री : उदयवीर
हिंदू संगठनों की ओर से उदयवीर शास्त्री ने कहा कि तीन माह पहले धर्मांतरण का मामला पकड़वाया था, पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। अब भी पास्टर की गिरफ्तारी न कर केस दर्ज कर छोड़ दिया। जबकि उसके लैपटॉप से मूर्ति पूजन का विरोध करती सामग्री भी मिली है। यह हिंदू समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। मामले में पुलिस कार्रवाई न होने पर जाम लगाने पर मजबूर हुए हैं। इसके बाद पास्टर फैलोशिप यमुनानगर का अध्यक्ष सुच्चा मसीह ने डीएसपी प्रमोद कुमार के सामने लिखित आश्वासन दिया कि किसी का धर्मांतरण नहीं किया जाएगा। इस पर जाम खोला गया। शास्त्री ने कहा कि धर्मांतरण के मामले व गलत प्रचार सामग्री मिलने पर हिंदू संगठन के लोगों फिर सड़कों पर उतरेंगे। मौके पर हिंदू राष्ट्रीय जागरूक मंच के प्रांत अध्यक्ष मनोज, चिराग सिंघल, विक्रम राणा, संजय मित्तल, वार्ड-21 से पार्षद अभिषेक मोदगिल, अनिल कांबोज, सोमप्रकाश शर्मा भी मौजूद रहे।

तीसरी बार में फाइनल हुआ समझौता पत्र
हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों की मांग पर पास्टर फैलोशिप अध्यक्ष सुच्चा मसीह की ओर से लिखित आश्वासन तीन बार लिखवाया गया। पहले दो बार के लिखित आश्वासन में इस्तेमाल भाषा को लेकर हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने एतराज जता दिया था। वहीं, जो हिंदू संगठनों के पदाधिकारी लिखवाना चाहते थे, उसे ईसाई समुदाय संविधान की भावना के विपरीत बता रहे थे। तीसरी बार में थाना गांधी नगर एसएचओ के नाम लिखित आश्वासन में लिखा कि “मैं पास्टर सुच्चा मसीह, अध्यक्ष पास्टर फैलोशिप यमुनानगर। यह आश्वासन देता हूं कि किसी का धर्मांतरण नहीं किया जाएगा। आपसी बातचीत में तय हुआ है।”

सहारनपुर व चंडीगढ़ से पहुंचे थे लोग, साेमवार काे बैठक
हिंदू समुदाय द्वारा आरोपी बनाए गए पास्टर को शुक्रवार को तफ्तीश में शामिल होने के लिए थाने में बुलाया था। उनके समर्थन में चंडीगढ़ व सहारनपुर से भी चर्च के लोग पहुंचे थे। इसी बात की भनक हिंदू संगठनों के सदस्यों को लगी तो वे भी बड़ी संख्या में पहुंच गए। लिखित समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले ईसाई समुदाय के एक पदाधिकारी ने थाना परिसर में कुछ लोगों के साथ आरोपी की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि वह सही दिशा में काम कर रहा है और समाज के सभी लोग साथ हैं। सोमवार को बैठक कर (स्थान नहीं बताया) इस बारे में आगे के बारे में सोचा जाएगा। यहां पर जब कुछ युवा ईसाई लिखित समझौते की भाषा का विरोध करने लगे तो उन्होंने मौके के अनुसार काम करने की बात कहकर उन्हें शांत किया। इन हालातों से तय है कि लिखित में भले ही समझौता हो गया हो पर कानूनी रूप से यह मामला अभी लंबा चलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES