टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदाेलन का 129वां दिन:आज बॉर्डर से किसान झज्जर में पहुंचकर एफसीआई के कार्यालय पर करेंगे प्रदर्शनकिसानों का प्रदर्शन जारी, 10 अप्रैल को केएमपी 24 घंटे रहेगा जाम
किसानों का एफसीआई कार्यालयों पर धरना देने के मामले में सोमवार को बहादुरगढ़ के किसान झज्जर में पहुंचकर वहां धरना देंगे। क्योंकि बहादुरगढ़ में एफसीआई का कोई कार्यालय नहीं हैं। टिकरी बाॅर्डर पर जिया लाल प्रवक्ता बीकेयू हरियाणा ने टिकरी बॉर्डर पर किसानों को समर्थन दिया। जिया लाल ने कहा कि हमें आंदोलन शांति पूर्वक चलाना है हर वर्ग हर जीव को किसान जिंदा रखता है।
सरकार ने लाठी गोली चलाकर किसानों को मारा पर किसानों ने कभी भी हिंसा नहीं की। आज एमएलए एमपी हरियाणा में हवा में घूमते रहते है नीचे आने की हिम्मत नही कर पा रहे। सीएम खट्टर किसानों के सामने कुछ भी नहीं है। अभी तक किसानों ने शांति रखी है अगर किसान गर्म हो गए तो कुछ भी हो सकता है।
किसानों में शहीद होने का दम है। आप अपना जितना खून दोगे आपकी जीत होगी। हरियाणा में कल एफसीआई के सभी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे सभी हरियाणा के वासी ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने को कहा गया। इसके िलए ड्यूटी भी लगाई जा रही है।
दोपहर को रेशमा रानी प्रधान फाजिल्का, इंदरजीत कोर प्रेसीडेंट, कुलदीप कोर, शीला देवी ब्लॉक प्रधान फाजिल्का आंगडवाडी वर्कर यूनियन सभी ने टिकरी बॉर्डर पर किसानों को समर्थन दिया। कहा कि हम मोदी सरकार को दिखा कर रहेगी कि हम पंजाब की शेरनी है। एक समय ऐसा आएगा कि हमे सरकार का नाश करने के लिए तलवार बंदूके उठानी पड़ेगी और काली का रूप धारण करना पड़ेगा।
तेजेंदर सिंह देहाती मजदूर संगठन सिरसा ने टिकरी बॉर्डर पर किसानों को समर्थन दिया। उसने कहा कि अगर संयुक्त किसान मोर्चा की बातो का कोई हरियाणा का संगठन मंच पर आकर गलत भाषण देता है हम उसका विरोध करेंगे। हम जो भी बात करेंगे संयुक्त किसान मोर्चा के अंतर्गत करेंगे।
बहादुरगढ़ में नहीं है एफसीआई का कार्यालय
पांच मार्च को एफसीआई का घेराव व धरना व 10 मार्च को केएमपी जाम करेंगे इसके लिए मिलकर तैयारी करनी है। इसी सिलसिले में जसबीर कोर सुभा प्रधान पंजाब किसान यूनियन ने टिकरी बॉर्डर पर किसानों को समर्थन दिया। कहा कि हमारी लड़ाई सरकार से है।
हमारी लड़ाई शांति से होनी चाहिए। कई आदमी यहां आकर भड़काऊ भाषण देते है हमे उस राह पर नही जाना। कोई भी भड़काऊ भाषण ना दे। हमे यहां पहरा देना चाहिए। हम सिख धर्म को मानने वाले है। कोई भी गलत काम करता है उसे हम सब को रोकना है वो भी शांति से। हमें पता चला है कि बहादुरगढ़ में एफसीआई का कोई दफ्तर नहीं है दफ्तर झज्जर में है हम लोकल लीडर को बोलेंगे कि वो उनपर जाकर प्रदर्शन करे।
स्टेज की कार्यवाही रोजाना की तरह चलेगी स्टेज की कार्यवाही ऐसे ही चलेगी। 10 मार्च को हम केएमपी को जाम करेंगे। हमे मोर्चे के अंदर किसानों की संख्या कम नही होने देनी। हमे जनता को अपने साथ लेना जरूरी है ताकि सरकार को हराया जा सके। हमे भी जनता के बीच जाकर तीन काले कानूनों के बारे में बताना चाहिए ताकि सबको पता चल सके।
आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा संगठन किसानों के साथ आने वाले है। इसी सिलसिले में रितु आल इंडिया महिला संगठन दिल्ली ने टिकरी बॉर्डर पर किसानों को समर्थन दिया। कहा कि एक स्वतंत्र देश में अपने अधिकारों के लिए किसानों को धरना प्रदर्शन अपनी जान तक देनी पड़ रही है।
हमारा संघर्ष ऐसे पड़ाव पर है अब हम पीछे नहीं हट सकते। हमारे देश में हमे आज तक धार्मिक आर्थिक आजादी नहीं मिली है। जो नारा भगत सिंह ने दिया था अब इंकलाब लाना जरूरी है। जब तक हमें आर्थिक आजादी नहीं मिलेगी तब तक हम पीछे नही हटेंगे। हमने शांति से लड़ाई लड़ ली है अब क्रांतिकारी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। 10 अप्रैल को 24 घंटे केएमपी बंद रखने के िलए एक दो दिनों में डयूटी लगाने की बात की।
रागिनी व लोकगीत से किसानों से की जा रही संख्या बढ़ाने की अपील
बादली, ढासा बॉर्डर के धरने पर धरना दे रहे किसानों के मनोरंजन के लिए समय-समय पर ख्याति प्राप्त लोक कलाकार व महिला कलाकार पहुंच रही हैं। लोगों से अपील कर रहे हैं कि वह भारी संख्या में धरना स्थल पर पहुंचे और संख्या बढ़ाने की अपील की जा रही है। कृषि कानून रद्द न होने तक धरने पर डटे रहे। सरकार को किसानों की मांगें माननी ही होगी। कानून रद्द करने ही पड़ेंगे।
ढासा बॉर्डर पर लोक कलाकारों के अलावा समय-समय पर ग्रामीण महिलाएं भी अपने लोकगीतों के माध्यम से किसानों को धरने पर डटे रहने की अपील कर रही हैं। किसानों का हौसला बढ़ा रही है। किसानों के साथ उनकी हर लड़ाई में सहयोग की बाते कर रही है।
इसके अलावा महिलाएं सरकार से भी आह्वान कर रही है कि वह किसानों की मांगों को स्वीकार करते हुए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करें। ढ़ासा बॉर्डर के धरने पर किसान नेता दीपक धनखड़ कासनी, सतवीर एडवोकेट दरियापुर, होशियार सिंह गुलिया दरियापुर, इंटक के जिला अध्यक्ष सुरजीत गुलिया सहित अन्य संगठनों, किसान संगठनों से जुड़े नेताओं ने कहा कि अब तक किसानों ने यह साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक वे आंदोलन जारी रखते हुए दिल्ली के रास्तों से नहीं हटेंगे।
किसान बॉर्डरों पर डेरा डेरा डाले बैठे हैं और बैंठे रहेंगे। सड़क पर ही खाना बना रहे हैं और आपस में मिल बांट कर खा रहे हैं। बेदन ठेकेदार, हिम्मल पहलवान, कप्तान लाडपुर ने कहा कि गर्मी के मौसम को देखते हुए किसान अपने लिए यहीं पर गर्मी से बचाव के साधन कर रहे हैं।
किसान लंबे आंदोलन की तैयारियां कर रहे हैं। सरकार यह बिल्कुल न समझे कि किसान दिल्ली के बाॅडरों से अपने आप परेशान होकर चले जाएंगे। किसान कहीं नहीं जाने वाले। जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं कर दिया जाता वह धरने पर ही रहेंगे। गर्मी के मौसम में भी वह धरने को छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले।
बसपाइयों ने कृषि बिल कमियों में कमी गिनाईं
झज्जर, बहुजन समाज पार्टी की मीटिंग रविवार को नया गांव में हुई। इसमें सूर्यवंशी सुभाष गोठवाल, पूर्व लोकसभा प्रभारी हेम चंद्र मेहरा, रत्न लाल गौतम, राज कुमार सैनी ने पार्टी का इतिहास बताया। बैठक के दौरान सक्रिय कार्यकर्ता नामित किये गए। साथ ही किसान विरोधी कृषि बिलों की कमियां बताई गई। बैठक में तुले राम धानक, पूर्व सरपंच करतार सिंह, मुख्तियार सिंह, राज सिंह बाल्मीकि, भगीरथ, प्रीतम, प्रेम सिंह, जगरूप, सुल्तान सिंह, करतार सिंह सैनी, प्रकाश बाल्मीकि, सतबीर, सम्मी सैनी, दर्शन सैनी मौजूद रहे।