दुर्लभ संयोग:499 साल बाद हाेली पर दुर्लभ याेग, सर्वार्थ सिद्धि याेग के साथ अमृत सिद्धि याेग में मनाई जाएगी हाेली22 मार्च से शुरू होगा होलाष्टक 28 तक चलेगा, होलिका दहन का मुहूर्त शाम 6:36 बजे
इससे पहले 3 मार्च 1521 काे इस प्रकार का योग बना था
29 मार्च काे हाेली के माैके पर दुर्लभ संयाेग बन रहा है। 499 साल के बाद चंद्रमा कन्या राशि में तो गुरु और शनि ग्रह अपनी ही राशियों में रहेंगे। पंडित दीपलाल जयपुरी ने बताया कि इस दिन ध्रुव योग का भी निर्माण हो रहा है। वहीं दूसरा योग भी दुर्लभ योग है जो दशकों बाद आ रहा है, इसके अनुसार इस बार यह होली सूर्य, ब्रह्मा और अर्यमा की साक्षी रहेगी। उन्हाेंने बताया कि इससे पहले 3 मार्च 1521 काे इस प्रकार का योग बना था।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है। इससे एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। वहीं जिस दिन रंग खेला जाता है, उसे कहीं धुलंदी भी कहा जाता है। ऐसे में इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार रंगाें की होली 29 मार्च 2021 को फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को पड़ रही है। होली सर्वार्थसिद्धि योग में मनेगी, इसके साथ ही साथ इस दिन अमृतसिद्धि योग भी रहेगा। 22 मार्च से होलाष्टक शुरू हाेगा जो 28 मार्च को समाप्त होंगे। होलिका दहन रविवार 28 मार्च को होगा। इसका मुहूर्त शाम 6 बजकर 36 मिनट 38 सेकंड से शुरू हाेकर 8 बजकर 56 मिनट 23 सेकंड तक रहेगा। कुल अवधि 2 घंटे 19 मिनट 39 सेकंड तक रहेगी। पूर्णिमा तिथि 28 मार्च को सुबह 3:27 से शुरू होकर 29 मार्च को रात 12:17 तक रहेगी।
होलाष्टक में नहीं हाेंगे शुभ कार्य
हिंदू धर्म के अनुसार होली से 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है। जिस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। यही कारण है कि शादी, गृह प्रवेश समेत अन्य मांगलिक कार्य इस दौरान नहीं किए जाते हैं। पंचांग के अनुसार इस साल होलाष्टक 22 मार्च से शुरू होने जा रहा है। इस दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी। चंद्रमा मिथुन राशि में विराजमान रहेंगे। इस दिन आद्रा नक्षत्र रहेगा। अन्य ग्रहों की बात करें तो वृष राशि में राहु और मंगल, वृश्चिक राशि में केतु, मकर राशि में गुरू और शनि, कुंभ राशि में बुध और मीन राशि में सूर्य व शुक्र विराजमान रहेंगे। होलाष्टक का समापन होलिका दहन 28 मार्च काे हाेगा। रंगों की होली 29 मार्च को खेली जाएगी।
भगवान विष्णु की पूजा से मिलेगा लाभ
होलाष्टक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूर्य के मीन राशि में प्रवेश के साथ खरमास का आरंभ हो चुका है। खरमास में मांगलिक कार्याें को करना शुभ नहीं माना जाता है। लेकिन हाेलाष्टक के दाैरान भगवान विष्णु की पूजा से मनचाहा फल प्राप्त किया जा सकता है।