मौसम का मिजाज:फरवरी महीना चार साल में सबसे गर्म, 18 दिन में अधिकतम पारा औसतन 23.6 रहापूर्वी लहरों के दबाव से प्रदेश में शीतलहर नहीं पहुंच पाई
इस बार दिसंबर और जनवरी में ठंड ने नए रिकॉर्ड बनाए। लेकिन फरवरी के दूसरे पखवाड़े में ही गर्मी का अहसास होने लगा है। दिन का तापमान एक बार तो 29.5 डिग्री तक पहुंच गया था। गुरुवार को भी यह नारनौल में 27.6 डिग्री दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी में 18 तारीख तक दिन का तापमान औसतन 23.6 डिग्री रहा। यह इस माह में पिछले चार साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 2018 में यह औसतन 23.2 डिग्री रहा था। उसके बाद 2019 व 2020 में 21 डिग्री रहा था।
वहीं, रात का तापमान भी औसतन 9.4 डिग्री दर्ज किया गया है। गुरुवार को गुड़गांव में यह 12.0 डिग्री पर पहुंच गया। मौसम विभाग के चंडीगढ़ सेंटर के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल का कहना है कि पूर्वी लहरों के दबाव और मध्य भारत में अलग-अलग तरह के वेदर सिस्टम के चलते शीतलहर उत्तर भारत तक नहीं पहुंच सकी।
इसके चलते पारा सामान्य से 4 डिग्री तक बढ़ गया। हालांकि, अभी पहाड़ों में पश्चिमी विक्षोभ असर दिखाएंगे। इनके असर से ही कुछ पारा कम होने की संभावना बन सकती है। अगले 15 दिन तक तापमान इसी तरह से सामान्य से कुछ ज्यादा रह सकता है।
औसतन तापमान 20 रहे तो बेहतर
गेहूं निदेशालय करनाल के निदेशक डॉ. जीपी सिंह के अनुसार, अभी मौसम से ज्यादा दिक्कत नहीं है। देश में अबकी बार रिकाॅर्ड 115 लाख टन गेहूं उत्पादन का अनुमान है। रात में अभी ठंड है। अधिकतम तापमान यदि 25 से 26 डिग्री तक रहता है तो कोई दिक्कत नहीं है।
औसतन तापमान यदि 20 से नीचे रहेगा तो फसलों को कोई दिक्कत नहीं है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में करीब 32 लाख हेक्टेयर में रबी की फसलें हैं। प्रमुख फसल गेहूं 25.20 लाख हेक्टेयर में है। 6.0 लाख हेक्टेयर में सरसों के अलावा जौ और चना के अलावा अन्य फसलें भी हैं।
तापमान बढ़ने के दो बड़े कारण
पूर्वी व कम ऊंचाई की हवाएं चल रही हैं। इससे पारा बढ़ रहा है।
फरवरी में पश्चिमी विक्षोभ भी अधिक असर नहीं दिखा पाए।