UN ने कराया AI और किसानों में मुकाबला:पारंपरिक खेती के सामने आखिरकार तकनीक जीती; 196 प्रतिशत ज्यादा पैदावारचीन एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की मेजबानी में 4 महीने तक चली स्मार्ट औद्योगिक खेती स्पर्धा
खेती के क्षेत्र में तकनीक ने किसानों को पराजित कर दिया है। दरअसल, कृषि के क्षेत्र में चौथी औद्योगिक क्रांति के मद्देनजर चीन में स्ट्राॅबेरी की खेती की अनोखी स्पर्धा आयोजित की गई। इसके तहत दो टीमें बनाई गईं। पहली टीम में वे किसान थे, जिन्होंने खेती के लिए परंपरागत तरीका अपनाया, जबकि दूसरी टीम में किसानों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) जैसी उन्नत तकनीक, मशीन का इस्तेमाल किया। चार महीने तक स्पर्धा चली।
नतीजे आए तो पता चला कि परंपरागत खेती की तुलना में तकनीक का इस्तेमाल करने वाले किसानों ने स्ट्रॉबेरी का 196% अधिक उत्पादन किया। इतना ही नहीं, विजेता टीम के किसानों ने निवेश के मुकाबले औसतन 75.5% ज्यादा रिटर्न भी हासिल किया। स्मार्ट औद्योगिक खेती स्पर्धा का आयोजन संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने किया।
मेजबानी चीन के सबसे बड़े संस्थान कृषि प्रौद्योगिक मंच ‘पिंडोदुओ’ और चीन एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने संयुक्त रूप से की। विजेता टीम के किसानों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और अन्य तकनीक की मदद से स्ट्राबेरी की पैदावार की। इन किसानों ने तापमान और आर्दता को नियंत्रित करने के लिए इंटेलीजेंट सेंसर का उपयोग किया। साथ ही पानी और मिट्टी के पोषक तत्वों को बचाने के लिए पॉलीमर तकनीक की जुगत लगाई। इस तकनीक में परंपरागत खेती की तुलना में 90% पानी कम खर्च होता है।
विशेषज्ञ बोले- एआई एग्रोटेक्नोलॉजी भविष्य में अहम साबित होगी
उन्नत तकनीक अपनाने वाली टीम के सदस्य चेंग बिआवो ने कहा कि दुनियाभर में की गई कई स्टडीज आर्थिक विकास और उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए एआई तकनीक अपनाने पर जोर दे रही हैं। फसलों की निगरानी और रख रखाव में सटीकता बढ़ाने की एग्रोटेक्नॉलॉजी की क्षमता निकट भविष्य में अहम साबित हो सकती है।