किसान आंदोलन:किसान नेता की मांग- कृषि कानून रद्द करने व एमएसपी की गारंटी के लिए संसद की आपात बैठक बुलाएं पीएमकितलाना टोल पर चल रहे धरने से किसानों का एक ट्रैक्टर जत्था टिकरी बॉर्डर के लिए रवाना
कृषि कानूनों के खिलाफ कितलाना टोल प्लाजा पर चल रहे किसानों के धरने पर गुरुवार को किसानों ने मामले में प्रधानमंत्री से सीधा हस्तक्षेप करते हुए कृषि कानून रद्द करने व एमएसपी की गारंटी देने के लिए संसद की आपात बैठक बुलाने की मांग की। क्योंकि 11 दौर की बातचीत के बाद भी केंद्रीय कृषि मंत्री मसले को नहीं सुलझा पाए हैं। गुरुवार को धरना स्थल से किसानों का एक ट्रैक्टर जत्था दिल्ली टिकरी बॉर्डर के लिए रवाना किया गया।
धरने को संबोधित करते हुए खाप फौगाट के प्रधान बलवंत नंबरदार ने कहा कि 11 दौर की बातचीत के बाद भी मसला नहीं सुलझ पाया है। इसलिए प्रधानमंत्री तुरंत प्रभाव से किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए संसद की आपात बैठक बुलाए।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में अब तक 125 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने उनके परिवारों को आर्थिक मदद करना तो दूर उनके बारे में एक शब्द तक बोलना उचित नहीं समझा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों की अनदेखी सरकार को महंगी पड़ेगी।
लोहारू संवाददाता के अनुसार उधर, बारवास लाड गांव के धरने पर पूर्व विधायक सोमवीर सिंह, बाढड़ा के पूर्व विधायक नृपेन्द्रसिंह, पूर्व बीईओ कर्ण सिंह गोठड़ा व उमेद फरटिया ने समर्थन दिया। किसान नेताओं धर्मपाल बारवास, रामपाल शर्मा, पाल बारवास, कर्मबीर, पूर्व चेयरमैन सुरेश, भागीरथ बारवास, पूर्व सरपंच कृष्ण ढाणी ने कहा कि तीन नए कानून वापस होने तक धरने जारी रहेंगे और 26 जनवरी को किसान हर हाल में दिल्ली पहुंचेंगे तथा सरकार को अपनी ताकत दिखाएंगे।