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किसानों को समर्थन:मकड़ाैली में धरने पर बैठे किसानाें के बीच पहुंचे पूर्व सीएम हुड्‌डा,

किसानों को समर्थन:मकड़ाैली में धरने पर बैठे किसानाें के बीच पहुंचे पूर्व सीएम हुड्‌डा, बोले- विशेष सत्र टालना सरकार की हारचौथे दिन भी जिले के टोल से फ्री में गुजरे वाहन, किसानों का धरना जारी
किसानों के आंदोलन के चलते मकड़ौली टोल पर सोमवार को लगातार चौथे दिन भी टोल फ्री रहा। यहां किसानाें का धरना भी जारी रहा। सोमवार को पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आंदोलनरत किसानों को समर्थन देने के लिए मकड़ौली टोल स्थित धरना स्थल पर पहुंचे।

उन्होंने किसानों से कहा कि अपनी मांगों को लेकर चल रहा देश का सबसे बड़ा ये आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से चल रहा है। उन्होंने जिंदगी में कभी इतना अनुशासित आंदोलन नहीं देखा। इसके लिए वो किसानों के जज्बे को सलाम करते हैं। वो मांग करते हैं कि सरकार हठधर्मिता छोड़कर किसानों की मांगों को माने।

क्योंकि लोकतंत्र में राजहठ का कोई स्थान नहीं होता

किसानों को संबोधित करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वो पहले दिन से ही मन, वचन और कर्म से किसानों का समर्थन करते आए हैं। क्योंकि उनकी मांगे पूरी तरह जायज़ हैं। आज जाति, धर्म, क्षेत्र, भाषा और राजनीति से ऊपर उठकर लोग इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। क्योंकि हर इंसान किसान का दिया अनाज खाता है।

भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से किसान आंदोलन की स्थिति को लेकर विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। लेकिन सीएम अपने ही विधायकों की बगावत से डरे हुए हैं। फैसला राज्यपाल को लेना है लेकिन उससे पहले ही सीएम मनोहर लाल अपनी हार मान विशेष सत्र न बुलाने की बात कह रहे हैं।

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने कहा कि राजनीति व किसी भी क्षेत्र में वो बाद में आते हैं पहले किसान के ताैर पर अपनी पहचान व कर्म तय करते हैं। इसी हैसियत से वो किसानों के बीच पहुंचे हैं। दूसरी ओर मदीना टोल पर भी सोमवार को किसानों का धरना जारी रहा। यहां किसानों ने धरने पर सरकार से जल्द तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए दिन भर नारेबाजी की। वाहनों को भी बगैर टोल दिए गुजारा गया।

कृषि अध्यादेश को लेकर किसान न उठाएं आत्महत्या जैसा कदम

भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान ने सोमवार को मकड़ौली टोल प्लाजा पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कहा कि किसान आत्महत्या जैसे कदम ना उठाएं। सरकार को ये 3 अध्यादेश जो किसानों को बर्बाद करने वाले हैं हर हाल में वापस लेने होंगे।

उन्होंने कहा जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेती है तब तक पूरे प्रदेश के टोल प्लाजा फ्री रहेंगे और धरना भी अनिश्चितकालीन चलता रहेगा। साथ ही उन्होंने बताया कि वे देर रात रेवाड़ी रोड पर भी जितने टोल प्लाजा है उन सब पर चेकिंग के लिए पहुंचे कि कहीं टोल तो नहीं लिया जा रहा।

भाकियू नेता बल्लू प्रधान ने कहा कि किसान आंदोलन को आमजन का भारी सहयोग और समर्थन मिल रहा है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार को ये कृषि को बर्बाद करने वाले तीन अध्यादेश हर हाल में वापस लेने होंगे।

ठहरने और खाने की बढ़ाएंगे व्यवस्था

किसानों की मांगें ना मानें जाने तक बेमियादी टोल फ्री किए जाने के ऐलान के बाद अब धरनों पर व्यवस्था बढ़ानी शुरू कर दी है। जिले में मकड़ौली टोल प्लाजा पर ठहरने के लिए टेंट बढ़ाए जा रहे हैं। यहां पर रात में भी नौ दिन से धरना पहले ही चल रहा है। अब आगे तक आंदोलन बढ़ाने के चलते यहां पर व्यवस्था बढ़ाई जा रही है। यहां ठहरने वालों के लिए सांझा किसान-मजदूर रसोई पहले से ही चलाई जा रही है। अब किसानों ने राशन दान करने की मात्रा बढ़ा दी है।

अब तक 66 लाख के नुकसान का दावा

किसान संगठनों के आह्वान पर चौथे दिन भी टोल फ्री किए जाने से सोमवार को मकड़ौली टोल प्लाजा से दिन भर वाहनों का आवागमन जारी रहा। प्रबंधन ने अब तक तीन दिन में 66 लाख रुपए के टोल शुल्क के नुकसान होने का दावा किया है।

किसान आंदोलन के समर्थन में गेट सभा कल

रोहतक, हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन की केंद्रीय कमेटी की बैठक का कार्यालय में हुई। अध्यक्षता राज्य प्रधान श्रीकृष्ण चंद शर्मा व संचालन राज्य महासचिव कंवर लाल यादव ने किया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर किसानों की मांगों के समर्थन में 30 दिसंबर को प्रदेश भर के सभी विभागों में गेट सभाएं की जाएंगी।

12 जनवरी को डीसी कार्यालय का घेराव घेराव करेंगे। मांगों को लेकर यूनियन की राज्य परिषद की बैठक जनवरी में होगी। बैठक में आंदोलन के दौरान दम तोड़ चुके किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। राज्य सरकार से 50 लाख रुपए पीड़ित किसान परिवार को देने की मांग की गई। बैठक में कार्यालय सचिव अजीत पांचाल, वरिष्ठ उप प्रधान गंगाराम, उप प्रधान जय भगवान दहिया, राकेश लाकड़ा, राजेश धनखड़ आदि मौजूद रहे।

खेड़ी का किसान परिवार समेत टिकरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठा

33 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन में जिले के खेड़ी साध के किसान राजीव गहलावत उर्फ नीटू, पत्नी रश्मि, पुत्र 12 वर्षीय जीवांशु, पुत्री 8 वर्षीय बुलबुल टिकरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। किसान राजीव ने बताया कि 33 दिनों से जिस प्रकार कड़ाके की ठंड में किसानों को संघर्ष करते देख रहा नहीं गया और किसान धर्म निभाने के लिए परिवार समेत टिकरी बॉर्डर पर पहुंच गए और भूख हड़ताल शुरू कर दी।

उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की बात को स्वीकार करना चाहिए यह कानून किसानों के लिए बनाया गया है जबकि किसान इस कानून को नहीं स्वीकार कर रहे तो यह कानून क्यों बनाया जा रहा है।

एआईडीएसओ ने स्थापना दिवस टिकरी बाॅर्डर पर मनाया

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (एआईडीएसओ) ने अपना स्थापना दिवस सोमवार को किसान आंदोलन के बीच टिकरी बॉर्डर पर जुलूस निकालकर मनाया। एआईडीएसओ के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष अशोक मिश्र ने कहा कि संगठन अपने स्थापना काल 28 दिसंबर 1954 से ही छात्र, शिक्षा और जनता के हर जनवादी आंदोलनों के साथ संघर्ष करता रहा है।

संगठन ने अपने स्थापना दिवस को किसानों के संघर्ष को समर्पित किया। इस बार यह ऐतिहासिक दिन एक ऐतिहासिक आंदोलन के बीच आया है। जब संगठन किसान आंदोलन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई के मैदान में है और मोर्चे पर डटा हुआ है। इस मौके पर शिवाशीष प्रहराज, कार्यालय सचिव, हरीश कुमार, प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा उमेश कुमार आदि मौजूद रहे।

रिटायर्ड कर्मचारी संघ की 2 घंटे भूख हड़ताल कल

रिटायर्ड कर्मचारी संघ जिला इकाई की बैठक सोमवार को कर्मचारी भवन सुखपुरा चौक में हुई। इसमें प्रेस सचिव जगपाल सांगवान ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए किसान 32 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर ठंड में धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांग पूरी नहीं कर रही है।

राज्य कमेटी के निर्णय के अनुसार 30 दिसंबर को दोपहर 12 से 2 बजे तक मानसरोवर पार्क में 2 घंटे की भूख हड़ताल की जाएगी। अध्यक्षता जिला प्रधान रामनिवास सैनी ने की। जिला सचिव ओमप्रकाश कादियान, राज्य उपाध्यक्ष रामकिशन, राज्य सचिव जगरूप मलिक, पूंजीपतियों अहलावत, जगपाल सांगवान, जयबीर शर्मा, खेमचन्द, चतर सिंह हुड्डा, आजाद मलिक, रामकुमार महम, बाबूराम रोहिल्ला, सतबीर, महेन्द्र ढुल, अनूप कन्हेली, रणधीर घिलौड़, भगत सिंह, महेन्द्र चुलियाना, रामअवतार, ओमप्रकाश खिड़वाली, रामभज आदि माैजूद रहे।

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