अभी आतकंवादियों को मारने के लिए सेना को कई-कई दिन ऑपरेशन चलाना पड़ जाता है. क्योंकि वो कुछ ऐसी जगहों पर छिपे रहते हैं जहां सीधे ऑपरेशन करना मुश्किल होता है, लेकिन अब भारतीय सेना ने एक ऐसा हथियार तैयार कर लिया है जिससे सेना को इस तरह के ऑपरेशन में बहुत मिलने वाली है. सेना की फ्लेर-डी-लीस ब्रिगेड ने पहली बार एक फर्स्ट-पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन का कामयाबी के साथ टेस्ट कर लिया है, जो एक आत्मघाती हमले की भूमिका निभाने वाले एंटी-टैंक हथियार से लैस है. यह भारतीय सेना के जरिए बनाई गई अपनी तरह की पहली परियोजना है और डिफेंस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है.