महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने अब कुणाल कामरा के ‘गद्दार’ जोक पर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने सख्त लहजों में कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी एक सीमा होनी चाहिए. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. हम व्यंग्य भी समझते हैं लेकिन एक सीमा होनी चाहिए. यह किसी के खिलाफ बोलने के लिए ‘सुपारी’ लेने जैसा है. शिवसेना वर्करों की ओर से हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ की घटना पर शिंदे ने कहा कि सामने वाले को भी एक स्तर बनाए रखना चाहिए अन्यथा हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है. उन्होंने आगे कहा, ‘इस शख्स (कामरा) ने सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री, पत्रकार और कुछ उद्योगपतियों पर भी टिप्पणी की थी. यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है. यह ऐसा है जैसे आप किसी के लिए काम कर रहे हैं.’