Haryana Election 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जाट उम्मीदवारों की संख्या घटाकर ब्राह्मण और पंजाबी उम्मीदवारों को टिकट देकर सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाया है। इस बार 16 जाट उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है जबकि पिछले चुनाव में 20 जाट नेताओं को टिकट मिला था। भाजपा ने 11 ब्राह्मण और 11 पंजाबी उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गैरजाट मतों की राजनीति को आगे बढ़ाया है। जाट उम्मीदवारों का कोटा घटाते हुए ब्राह्मणों व पंजाबियों को टिकट देने में ज्यादा रुचि दिखाई है।
टिकट आवंटन के इस फार्मूले को सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले से जोड़कर देखा जा रहा है। साल 2019 के चुनाव में भाजपा ने 20 जाट नेताओं को टिकट दिए थे, लेकिन इस बार जाट उम्मीदवारों का कोटा घटाकर 16 कर दिया गया है।
भाजपा ने 11 विधानसभा क्षेत्रों में ब्राह्मण उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि इतने ही पंजाबी नेताओं को टिकट देकर उन पर भरोसा जताया है। पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार वैश्य सिर्फ पांच वैश्य उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं। इनमें भी चार बदले गए हैं।
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सभी 17 सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है। भाजपा ने रणनीतिक रूप से ओबीसी वोट बैंक को साधते हुए 19 विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ा वर्ग के नेताओं को टिकट दिए हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ओबीसी वर्ग से आते हैं, जबकि केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत व कृष्णपाल गुर्जर भी ओबीसी वर्ग से हैं। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ब्राह्मण और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल पंजाबी हैं। पहली लिस्ट में 13 जाट उम्मीदवार उतारे थे।
दूसरी लिस्ट में तीन और जाट नेताओं को बरौदा से प्रदीप सांगवान, राई से कृष्णा गहलावत और हथीन से मनोज रावत को टिकट दिए हैं। नौ ब्राह्मणों को पार्टी ने पहली लिस्ट में उम्मीदवार बनाया था। दूसरी लिस्ट में गन्नौर से देवेंद्र कौशिक और पिहोवा से जयभगवान शर्मा ‘डीडी’ को टिकट मिले हैं।
पहली टिकट में शामिल आठ पंजाबी उम्मीदवारों के बाद भाजपा ने दूसरी लिस्ट में तीन और पंजाबी नेताओं को टिकट दिए हैं। जिन पंजाबी नेताओं को टिकट दिए हैं, उनमें ऐलनाबाद से अमीर चंद मेहता, रोहतक से मनीष ग्रोवर और बड़खल से धनेश अदलखा शामिल हैं।
मुख्यमंत्री नायब सैनी स्वयं लाडवा से चुनाव लड़ेंगे। सैनी कोटे में लाडवा के पूर्व विधायक पवन सैनी को नारायणगढ़ से टिकट मिला है। भाजपा के 18 ओबीसी प्रत्याशियों में छह यादव और पांच गुर्जर हैं। बिश्नोई समाज के लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए आदमपुर में भव्य बिश्नोई और फतेहाबाद में दूड़ाराम को पहली लिस्ट में ही टिकट दे दिए थे।
राजपूत वोट बैंक को जोड़े रखने के लिए भाजपा ने इस बार राजपूत कोटे को बढ़ाया है। रादौर से पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा को पहली लिस्ट में टिकट दिया जा चुका है, जबकि दूसरी लिस्ट में असंध से करनाल के जिलाध्यक्ष योगेंद्र राणा को उम्मीदवार बनाया है।
सोहना के विधायक व राज्यमंत्री संजय सिंह का टिकट पहली लिस्ट में काट दिया गया था, लेकिन राजपूत समाज की नाराजगी को भांपते हुए दूसरी लिस्ट में नूंह से टिकट दिया है। मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर भाजपा ने हिंदू कार्ड खेला है।
इस सीट पर संजय सिंह के पिता चौधरी सूरजभान चुनाव जीतते रहे हैं। पिहोवा से सिख का टिकट कटने के बाद यह कोटा डबवाली में सरदार बलदेव सिंह मांगीयाना के रूप में पूरा किया गया है।