इजरायल-हमास में युद्ध के बीच ईरान द्वारा हमले से हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं। वहीं इजरायल गए युवाओं के स्वजनों को चिंताएं सताने लगी है। परिजनों का कहना है कि वहां हालात खराब हैं कैसे न करें चिंता। इजरायल में कंस्ट्रक्शन कार्य के लिए भारत सरकार (Indian Government) ने कई जिलों के 64 श्रमिकों का दल भेजा था।
इजरायल-हमास में युद्ध के बीच अब ईरान द्वारा किए गए हमले से इजरायल में हालात खराब हो गए हैं। युद्ध के हालातों में इजरायल गए हरियाणा के युवाओं के स्वजन को चिंता सताने लगी है। वे अपने बच्चों की सलामती की दुआ कर रहे हैं, लेकिन इजरायल गए युवाओं का कहना है कि यहां किसी तरह का खतरा फिलहाल नहीं है। इसलिए हमारी चिंता करने की जरूरत नहीं है।
बेशक, युवा वहां सुरक्षित हैं, लेकिन स्वजन की मांग है कि भारत सरकार इजरायल की परिस्थितियों पर नजर बनाए रखे, ताकि कोई संकट खड़ा हो जाए तो प्रदेश के युवाओं को सकुशल देश लाया जा सके। झज्जर, सोनीपत, कुरुक्षेत्र और कई अन्य जिलों से युवा इजरायल कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए गए हुए हैं। भारत सरकार ने पिछले दिनों हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 64 श्रमिकों के दल को रवाना किया था, जिसमें करीब 20 हरियाणा से हैं। हालांकि हरियाणा के 200 से अधिक युवाओं का चयन इजरायल जाने के लिए हो चुका है।
झज्जर के आजाद पुत्र जयभगवान 12 फरवरी, 2024 को दिल्ली की एक निजी कंपनी की तरफ से इजरायल गया था। मीडिया में आ रही खबरों को लेकर स्वजन में चिंता सताने लगी है। आजाद की पत्नी और दो बच्चे हैं। आजाद अपनी मां चंद्रकला, पत्नी और भाई प्रदीप के पास रोजाना मोबाइल पर वीडियो कॉल करता है। आजाद ने बताया कि मैं पूरी तरह से सुरक्षित हूं। जहां ईरान ने मिसाइलें दागी थीं, वो जगह उसके शहर से काफी दूर है। इसलिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
सोनीपत के सविन मोर ने दैनिक जागरण प्रतिनिधि से मोबाइल पर वीडियो कॉल से बात की। सविन ने बताया कि उसकी ड्यूटी इजरायल के तेल अवीव में है। यहां किसी प्रकार का डर नहीं है, जिस होटल में रह रहे हैं, वहां अन्य भारतीय वर्कर्स भी हैं। जिस बिल्डिंग में हैं, वहां बेसमेंट में बंकर भी बने हैं। अगर कोई अलर्ट आता है तो बंकर में जा सकते हैं। सभी लोगों को व्यक्तिगत तौर पर अलर्ट सिस्टम दिया है। खाना-पीना सब ठीक है। इजरायल सरकार तकनीकी तौर पर काफी मजबूत है।
ईरान ने काफी मिसाइलें दागीं, लेकिन सभी को बाहर ही ध्वस्त कर दिया गया। इसलिए किसी को डरने की जरूरत नहीं है।
रोहतक के गांव डोभ के विक्की और फूल कुमार ने बताया कि महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में कौशल परीक्षण दिया गया था। हरियाणा रोजगार कौशल निगम के तहत पंजीकरण कराया था। कौशल परीक्षण में पास हो चुके हैं। मेडिकल भी हो चुका है। इजरायल जाने के लिए वीजा भी हाथ में आ गया है। उड़ान भरने का इंतजार था, लेकिन इजरायल पर ईरान द्वारा किए गए हमले के बाद हालात खराब होने की बात सामने आ रही है।
भारत सरकार ने आगामी आदेशों तक इजरायल भेजने पर रोक लगा दी है। अब तो अभिभावक भी उनको भेजने पर झिझक रहे हैं। लेकिन खतरा तो कहीं भी हो सकता है। इसलिए जब भी रोक हटेगी, इजरायल जाने को तैयार रहेंगे।