Tourist Places in Nashik दिवाली की छुट्टियों में शहर से बाहर किसी शांत और खूबसूरत जगह जाकर बिताना चाहते हैं अपनी छुट्टियां तो नासिक है एक अच्छा ऑप्शन। हिमाचल और उत्तराखंड से अलग इस बार नासिक को करें एक्सप्लोर। जहां से देखने के लिए काफी कुछ। आइए जानते हैं नासिक के पॉपुलर ट्रैवल डेस्टिनेशन्स और उनकी खासियत के बारे में।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Tourist Places in Nashik: दिवाली हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है, लेकिन दिवाली के दौरान दिल्ली का माहौल काफी खतरनाक होता है। पटाखों से निकलने वाला धुंआ और पराली का धुंआ दोनों मिलकर ऐसा वातावरण बना देते हैं, जिसमें सांस लेना दूभर हो जाता है। सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों की परेशानी ऐसे माहौल में और गंभीर हो सकती है, तो इस सिचुएशन से बचने के लिए बेहतर होगा आप कहीं शहर से कहीं बाहर निकल जाए। अब कहां जाएं ये भी एक बड़ा सवाल है, तो आप नासिक का प्लान बना सकते हैं।
ट्रेकिंग, हाइकिंग जैसे एडवेंचर करके और मंदिरों, गुफाएं, म्यूज़ियम्स को एक्सप्लोर करके बोर हो चुके हैं, तो इस बार कुछ अलग ट्राई करें। नासिक आकर आप वाइनयार्ड देख सकते हैं, जो वाकई एक शानदार एक्सपीरियंस होगा। नासिक के सुला वाइनयार्ड आकर आपको वेस्टर्न ट्रैवल कलचर की झलक देखने को मिलेगी। मुंबई से लगभग 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नासिक शहर को खासतौर से इसके वाइनयार्ड के लिए जाना जाता है। यहीं एकchota sa gao है डिंडोरी। पहाड़ों और छोटी सी झील से घिरा यह गांव बेहद खूबसूरत दिखता है। इस गांव में देश का सबसे मशहूर सुला वाइनयार्ड मौजूद है। यहां रोजाना 8 से 9 हजार टन के अंगूरों को क्रश करके वाइन तैयार की जाती है। जिसकी खपत भारत ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में भी होती है।
भगवान हनुमान का जन्म स्थान भी नासिक में स्थित है। जो इस शहर से महज 28 किमी की दूरी पर है। अंजनेरी हनुमान मंदिर में हनुमान जी की माता अंजनी की बेहद सुंदर प्रतिमा स्थित है। एक अलग ही आनंद और सुकून का एहसास यहां आने पर होता है, तो इसे मिस न करें।
एडवेंचर और नेचर लवर के साथ ही अगर आप थोड़े धार्मिक प्रवृत्ति के हैं, तो नासिक में ऐसी बहुत सारी जगहें हैं, जहां आकर आप आत्मिक और मानसिक शांति पा सकते हैं। nasik में गोदावरी नदी पर स्थित है राम कुंड। माना जाता है कि भगवान राम ने यहांं स्नान किया था। ये भी मान्यता है कि इस कुंड में मरे हुए व्यक्ति की अस्थियां प्रवाहित करने से उसकी आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है।
नासिक शहर से 35 किलोमीटर दूर गौतमी नदी के तट पर स्थित है त्र्यंबकेश्वर। शिवजी के बारह ज्योतिर्लिगों में श्री त्र्यंबकेश्वर का दसवां स्थान है। मंदिर के अंदर एक छोटे से गड्ढे में तीन छोटे-छोटे लिंग है, जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु और शिव का प्रतीक माना जाता हैं। काले पत्थरों से बना ये मंदिर देखने में बेहद आकर्षक है। नासिक आएं हैं, तो यहां आना न मिस करें।