इजराइल का सीरिया के मिलिट्री बेस पर हमला:UN चीफ ने सीजफायर की मांग की, कहा-

इजराइल और हमास के बीच जारी जंग का आज 19वां दिन है। इजराइली सेना ने मंगलवार रात को सीरिया के मिलिट्री बेस पर हमले किए। IDF ने बताया है कि सीरिया की तरफ से गोलन हाइट्स में इजराइली समुदाय पर रॉकेट दागे गए थे, जिसके बाद उन्होंने ये कार्रवाई की।

दूसरी तरफ, UN ने इजराइल-हमास जंग में सीजफायर की मांग उठाई है। UN चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने कहा- फिलिस्तीनी इस जंग में जो सह रहे हैं, उसके बावजूद भी हमास के हमलों को सही नहीं ठहराया जा सकता। इसी तरह हमास के हमलों की सजा सभी फिलिस्तीनियों को मिलना भी सही नहीं है।

गुटेरेस के इस बयान के बाद इजराइली प्रतिनिधि ने उनके इस्तीफे की मांग की। अमेरिका ने भी कहा कि वो अभी सीजफायर के समर्थन में नहीं है, क्योंकि इससे हमास को ही फायदा होगा।

तस्वीर में UN चीफ गुटेरेस अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन और UN में अमेरिका की प्रतिनिधि लिंडा थॉमस से जंग पर बात करते नजर आ रहे हैं।

तस्वीर में UN चीफ गुटेरेस अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन और UN में अमेरिका की प्रतिनिधि लिंडा थॉमस से जंग पर बात करते नजर आ रहे हैं।

अल-अमल अस्पताल पर इजराइल ने एयरस्ट्राइक की
अलजजीरा के मुताबिक, इजराइल ने मंगलवार को गाजा के खान यूनिस में रेड क्रिसेंट के हेडक्वार्टर और अल-अमल अस्पताल पर एयरस्ट्राइक की। यहां करीब 4 हजार फिलिस्तीनियों ने पनाह ले रखी है। हालांकि, इस हमले में कितने लोग मारे गए हैं, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है।

गाजा में फ्यूल की कमी, 6 अस्पताल बंद
वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि फ्यूल की कमी के चलते गाजा के 6 हॉस्पिटल बंद करने पड़े हैं। इनमें एक हजार लोग डायलिसिस पर हैं, जबकि 130 प्रीमैच्योर बच्चे हैं। अगर हालात नहीं सुधरे तो ICU में मौजूद दूसरे अस्पतालों के मरीजों की जान जा सकती है।

गाजा में अब तक राहत सामग्री लेकर कुल 54 ट्रक पहुंचे हैं। परेशानी की बात यह है कि इनमें से किसी में भी फ्यूल नहीं था। दवाइयां और फूड आयटम्स के साथ ही पानी भेजा गया है। 250 ट्रक इस हफ्ते पहुंचेंगे, लेकिन इनमें पेट्रोल और डीजल भेजा जाएगा या नहीं, ये बात साफ नहीं है।

गाजा के खान यूनिस में इजराइली हमले के बाद मलबे के बीच से लोगों को रेस्क्यू किया गया।

गाजा के खान यूनिस में इजराइली हमले के बाद मलबे के बीच से लोगों को रेस्क्यू किया गया।

एक दिन में सबसे ज्यादा मौतें
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री के हवाले से बताया है कि सोमवार और मंगलवार के बीच गाजा में 47 हवाई हमले हुए। इनमें 704 लोग मारे गए। यह आंकड़ा जंग शुरू के बाद से एक दिन में मारे गए लोगों के हिसाब से सबसे बड़ा है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रिफ्यूजी कैम्प और घरों को भी निशाना बनाया गया है।

इजराइल ने खुद माना है कि उसने एक दिन में 400 टारगेट्स हिट किए। खान यूनिस इलाके में एक गैस स्टेशन को तबाह कर दिया गया। हालांकि, इजराइल की तरफ से सिर्फ 47 लोगों के मारे जाने की बात कही गई है।

इजराइल की आर्मी ने मंगलवार को गाजा में कुछ पर्चे गिराए। इन पर लिखा था कि हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों का सुराग देने वालों को इनाम दिया जाएगा। AFP के मुताबिक, अरबी भाषा वाले इन पर्चों पर लिखा था- इजराइली फौज आपकी हिफाजत और इनाम का वादा करती है। इसमें एक फोन नंबर के साथ टेलिग्राम, वॉट्सअप और सिग्नल मैसेज सर्विस के IDs भी दिए गए हैं।

इजराइल की डिफेंस फोर्सेज ने ये पर्चे गाजा में गिरवाए हैं, ताकि लोग बंधकों की जानकारी दे सकें।

इजराइल की डिफेंस फोर्सेज ने ये पर्चे गाजा में गिरवाए हैं, ताकि लोग बंधकों की जानकारी दे सकें।

जंग से जुड़े अहम अपडेट्स…

  • इजराइल ने वेस्ट बैंक में 11 और लोगों को गिरफ्तार किया। यहां अब तक करीब 1300 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है।
  • ऑस्ट्रेलिया ने क्षेत्र में रहने वाले अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए मिडिल-ईस्ट में सैनिकों और दो ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की तैनाती की घोषणा की है।
  • अमेरिका ने कहा- उन्हें पूरा विश्वास है कि अल-अहली अरब अस्पताल पर हमले के लिए इजराइल जिम्मेदार नहीं है।
  • इजराइल ने बताया- मंगलवार को हमास के कई लड़ाकों ने समुद्र के रास्ते इजराइल में घुसने की कोशिश की। सभी लड़ाकों को सेना ने मार गिराया है।
हमास ने बयान जारी करके बताया कि उसने मानवीय कारणों से महिलाओं को रिहा किया है।

हमास ने बयान जारी करके बताया कि उसने मानवीय कारणों से महिलाओं को रिहा किया है।

हमास के कब्जे से छूटी महिला ने क्या बताया
85 साल की योचेवेड लिफशिट्ज ने बताया कि जिस दिन उन्हें अगवा किया था। उस दिन लड़ाकों ने उन्हें छड़ी से मारा था। आतंकियों ने उनकी घड़ी और सारी ज्वेलरी ले ली। फिर खेतों से होते हुए मकड़जाल जैसी सुरंगों में ले गए।

आतंकियों ने उन्हें कहा कि वो कुरान में विश्वास करते हैं और उन्हें मारेंगे नहीं। उनके सुरंग में पहुंचने के कुछ 2-3 घंटों के बाद 4 और बंधकों को वहां लाया गया था। उनका इलाज करने के लिए वहां डॉक्टर को भी बुलाया गया था। लिफशिट्ज ने बताया- उन्होंने हमारी सारी जरूरतों का ध्यान रखा। हमें वही खाने के लिए दिया गया जो वो लोग खाते थे।

पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आपने रिहा होते वक्त आतंकियों से हाथ क्यों मिलाया। इस पर उन्होंने कहा कि हमारे साथ बुरा व्यवहार नहीं करने की वजह से।

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