चीन में चल रही एशियन गेम्स में करारी हार के बाद हरियाणा के रेसलर बजरंग पूनिया की सोशल मीडिया पर खिंचाई हो रही है। उन पर बिना ट्रायल भेजे जाने को लेकर तंज कसा जा रहा है। हालांकि अब उनके समर्थन में वुमन रेसलर विनेश फोगाट आई हैं। विनेश फोगाट ने ‘जलो मत, रीस करो’ कहते हुए बजरंग की पुरानी उपलब्धियां गिनाई हैं।
विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर लिखा- बजरंग चैंपियन हमेशा था, अभी भी है और हमेशा रहेगा। कुश्ती की महिला खिलाड़ियों के लिए जो उसने किया, किसी ने आज तक सोचा भी नहीं। आभारी हैं हम आपके बजरंग, असली खिलाड़ी वहीं होता है जो हर बार उठ कर खड़ा हो। ना ही जीत आख़िरी होती है और ना ही हार।
एशियन गेम्स के 2 मुकाबले बुरी तरह से हारे बजरंग
बजरंग पूनिया ने शनिवार को एशियन गेम्स के 65KG वर्ग फ्री स्टाइल मुकाबले में हिस्सा लिया था। बजरंग पहले सेमीफाइनल में पूर्व वर्ल्ड चैंपियन ईरान के पहलवान अमजद खलीली रहमान से 1-8 से हार गए। इस दौरान बजरंग का कोई भी दांव फिट बैठता नजर नहीं आया। इसके बाद ब्रॉन्ज मेडल मैच में जापान के यामागुची के खिलाफ बजरंग एकतरफा मुकाबले में 10-0 से हार गए।
ट्रायल के बिना भेजे गए थे बजरंग
बजरंग पूनिया को एशियन गेम्स में बिना ट्रायल के भेजा गया था। इसके लिए ट्रायल जरूर हुए थे लेकिन उसमें बजरंग शामिल नहीं हुए। ट्रायल में हिसार के विशाल कालीरमन जीते थे लेकिन बजरंग की वजह से उन्हें नहीं भेजा जा सका। कालीरमन ने इसको लेकर एतराज भी जताया था लेकिन एडहॉक कमेटी के फैसले की वजह से वह कुछ नहीं कर सके।
विनेश का भी बिना ट्रायल चयन लेकिन नाम वापस लिया
बजरंग पूनिया के अलावा विनेश फोगाट का भी बिना ट्रायल के चयन हुआ था। हालांकि गेम्स से पहले विनेश फोगाट ने चोट लगने की वजह से नाम वापस ले लिया। इसके बाद उनकी जगह पर हिसार की रेसलर अंतिम पंघाल को एशियन गेम्स में भेजा गया और उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
पहलवानों के आंदोलन का दोनों बड़ा चेहरा
कुछ समय पहले WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगा था। इसको लेकर पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। इनकी अगुआई करने वाले 4 पहलवानों में विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया शामिल थे। इनके अलावा रोहतक की साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया की पत्नी संगीता फोगाट भी इनके साथ थे।