ब्रिटेन में सेल्फ एग्जाइल (अपनी मर्जी से देश से दूर रहना) काट रहे नवाज शरीफ और उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) के लिए बुरी खबर है। हाल ही में उनकी पार्टी की तरफ से करवाए 3 ओपिनियन पोल में सामने आया है कि न सिर्फ पार्टी बल्कि नवाज शरीफ भी लोकप्रियता के मामले में इमरान और उनकी पार्टी से पीछे हैं। इतना ही नहीं, पंजाब में नवाज से ज्यादा लोकप्रिय उनके छोटे भाई शहबाज हैं।
PML-N ने जुलाई में तीन अलग-अलग कंपनियों से पूरे पाकिस्तान में ओपिनियन पोल कराया था। इसके बाद, लंदन में नवाज शरीफ, शहबाज शरीफ और मरियम नवाज की मुलाकात के दौरान इन सभी सर्वे के नतीजों पर विस्तार से चर्चा हुई।
तीनों सर्वे के मुताबिक 9 मई को हुई हिंसक घटनाओं के बावजूद इमरान की पॉजिटिव अप्रूवल रेटिंग 60% हैं, जबकि नवाज शरीफ 36% और शहबाज 35% और मरियम शरीफ 30% पर हैं। सर्वे में सामने आया है कि अगर अभी चुनाव हो तो पीएमएल-एन को वोट देने वालों से दोगुने ज्यादा लोग इमरान की पीटीआई को वोट देंगे।
आधे समर्थकों ने कहा- इमरान नहीं तो भी पार्टी को वोट
सर्वे में शामिल 38% जवाब देने वाले लोगों ने पीटीआई को भारी समर्थन दिया है, जबकि 16% लोगों ने पीएमएल-एन को और 10% लोगों ने पीपीपी के समर्थन जताया है। सर्वे में शामिल पीटीआई के आधे समर्थकों का कहना है कि अगर इमरान खान पीटीआई के अध्यक्ष नहीं रहे तो भी वे पीटीआई को ही वोट देंगे।
अगर किसी भी कारण से पीटीआई चुनाव नहीं लड़ती है तो एक चौथाई पीटीआई समर्थकों का कहना है कि वे शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन को वोट देंगे।
युवा वोटर्स की पसंद है पीटीआई और इमरान
सर्वे के मुताबिक पीटीआई और इमरान खान युवा वोटर्स खासकर पहली बार वोट डालने वालों के बीच में काफी लोकप्रिय है। इंटरनेट प्रयोग करने वाले लोगों में इमरान प्रसिद्ध हैं। पीटीआई उत्तरी पंजाब में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं।
सेंट्रल और वेस्ट पंजाब में कम लोकप्रिय हैं। कराची में भी पीटीआई को भारी समर्थन हैं। पीएमएल-एन अन्य क्षेत्रों की तुलना में सेंट्रल पंजाब में ज्यादा मजबूत हैं। कम-पढ़े लिखे लोग पीएमएल-एन के समर्थक ज्यादा हैं।
एक्सपर्ट बोले: जेल जाने से इमरान खान को फायदा, शरीफ के पास मुद्दा ही नहीं
विश्लेषक इम्तियाज गुल का कहना है कि पार्टियां वोटरों के मन को भांपने के लिए सर्वे कराती है। इमरान खान ने समझौता करने की बजाय जेल को चुना है, इससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी है।नवाज की परेशानी यह है कि उनके पास वोटर्स को लुभाने के लिए कोई कहानी नहीं है।
पहले नवाज और मरियम ने पूर्व आर्मी प्रमुख जनरल बाजवा, पूर्व आईएसआई प्रमुख ले. जनरल फैज हमीद और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पर आरोप लगाए थे, लेकिन मामला गड़बड़ होते देख शहबाज ने उन्हें रोक दिया।