अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को एस जयशंकर के साथ मीटिंग के वक्त निज्जर की हत्या का मुद्दा उठाया। रॉयटर्स के मुताबिक, एक अमेरिकी अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की। अधिकारी ने बताया- ब्लिंकन ने भारत सरकार से मामले की जांच में सहयोग करने के लिए कहा है।
इससे पहले कनाडा के PM ट्रूडो ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि उन्हें पूरा भरोसा है कि अमेरिका भारत के सामने ये गंभीर मुद्दा जरूर उठाएगा। उन्होंने कहा था- मुझे इस मामले में अमेरिकी अधिकारियों की तरफ से आश्वासन भी मिला है। अमेरिका ने अब तक हमारा साथ निभाया है। उन्होंने लगातार भारत से कहा है कि वो कनाडा में निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग करें।
अमेरिका के इंडिया हाउस में विदेश मंत्रियों ने सांसदों से मुलाकात की।
जयशंकर-ब्लिंकन ने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की
मीटिंग में ब्लिंकन-जयशंकर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने को लेकर चर्चा की। बैठक के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय के स्टेटमेंट में बताया गया कि दोनों नेताओं के बीच भारत की G20 प्रेसिडेंसी, इंडिया-मिडिल ईस्ट कॉरिडोर के अलावा ट्रेड, डिफेंस, स्पेस और क्लीन एनर्जी पर चर्चा हुई। हालांकि, इसमें निज्जर मामले का कोई जिक्र नहीं किया गया।
मीटिंग से पहले ब्लिंकन के साथ जयशंकर मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा कि यहां वापस आकर अच्छा लगा। इसके साथ ही उन्होंने G20 समिट में सपोर्ट करने के लिए अमेरिका को धन्यवाद दिया।
जयशंकर ने NSA सुलीवन से भी मुलाकात की
ब्लिंकन के अलावा जयशंकर ने अमेरिका के NSA जेक सुलीवन, कई अमेरिकी सांसद और थिंक टैंक्स से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मजबूत करने पर फोकस रहा। इससे पहले दोनों विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली यानी UNGA के सेशन के दौरान मिले थे।
तब कनाडा और निज्जर को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी। बैठक से पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से भारत-कनाडा पर सवाल पूछा गया। तब उन्होंने कहा कि इस पूरे मुद्दे पर अमेरिका का रुख साफ है। हम भारत से मांग करते हैं कि वो निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा का सहयोग करें।
भारत सरकार कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में मौजूद खालिस्तानी आतंकियों की पहचान करके उनका ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया यानी OCI कार्ड को कैंसिल करने की तैयारी में है।
भारत-कनाडा विवाद पर अब तक अमेरिका का रुख
18 सितंबर को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी संसद में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया था। इसके बाद अमेरिका ने कहा था कि वो दोनों पक्षों के संपर्क में हैं। मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
इसके बाद 22 सितंबर को अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) जेक सुलिवन ने व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा कि वह इस हत्या के मामले में भारत के खिलाफ जांच में कनाडा के प्रयासों का समर्थन करते हैं। सुलिवन ने कहा था कि कोई भी देश हो इस तरह के कामों के लिए किसी को भी स्पेशल छूट नहीं मिलेगी।
इसी दिन अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका हत्या पर जवाबदेही चाहता है। ब्लिंकन ने एक प्रेस ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा था- प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों से हम बेहद चिंतित हैं।
24 सितंबर को न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया कि निज्जर की हत्या के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कनाडा को इंटेलिजेंस इकट्ठा करने में मदद की थी। इसी के आधार पर कनाडा को यह निष्कर्ष निकालने में मदद मिली कि भारत इसमें शामिल था। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत पर आरोप लगाते समय कनाडा ने जिस खुफिया रिपोर्ट का हवाला दिया था, वह उसने खुद जुटाई थी।