डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ‘द कश्मीर फाइल्स’ के बाद अपनी अगली फिल्म ‘द वैक्सीन वॉर’ को लेकर चर्चा में हैं। यह फिल्म 28 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। हाल ही में इस फिल्म की प्रोड्यूसर और एक्टर पल्लवी जोशी ने दैनिक भास्कर को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया और बताया कि डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री की सोच पॉलिटिकल है। उन्होंने इंडस्ट्री के बदले हुए बर्ताव के बारे में भी बात की और कहा कि शायद ‘द वैक्सीन वॉर’ के बाद जिंदगी फूलों की सेज की तरह न रहे।
विवेक की है पॉलिटिकल सोच
विवेक अग्निहोत्री की फिल्मों में लोग राजनीति जोड़ने लगते हैं, इस बात पर पल्लवी ने कहा,’विवेक पॉलिटिकल फिल्में बनाते हैं क्योंकि उनकी रूचि है। अगर लोग ऐसा समझते हैं, तो बिल्कुल सही समझते हैं लेकिन हां, जिस तरह से कुछ लोग रिएक्ट करते हैं उससे मुझे आपत्ति है।’
क्या है फिल्म की कहानी
पल्लवी जोशी ने मात्र 4 साल की उम्र से फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। ‘द वैक्सीन वॉर’ के ट्रेलर लॉन्च के बारे में पल्लवी ने बताया कि जिस तरह से लोग ट्रेलर को पसंद कर रहे हैं, वे बहुत शुक्रगुजार हैं। आगे फाइट की बात करते हुए कहा, ‘कोविड के दौरान कुछ लोगों का ग्रुप था जो इस बात पर अड़ गया था कि विदेशी वैक्सीन ही हम लोगों को लेनी चाहिए।
अगर वो वैक्सीन इंडिया में नहीं आएगी तो 40 करोड़ लोग इन्फेक्ट हो जाएंगे। हमारी पूरी फिल्म इसी के बारे में है।’
क्या नसीर ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखी है
नसीरुद्दीन शाह ने कश्मीर फाइल्स, केरला स्टोरी, गदर-2, जैसी फिल्मों को लेकर जो तंज कसा कि ऐसी फिल्में खतरनाक ट्रेंड और अति राष्ट्रवाद हैं जो समाज को बाटेंगी और नफरत फैलाएंगी। इस कॉन्ट्रोवर्सी में पल्लवी ने अपनी राय रखते हुए कहा,’देखिए, मैं नसीर को बतौर एक्टर बहुत रिस्पेक्ट करती हूं लेकिन मैं यह भी पूछना चाहती हूं कि क्या नसीर ने ये फिल्में देखी हैं?
या फिर ये सिर्फ सुनी-सुनाई बातों पर रिएक्ट कर रहे हैं। मैं जानती हूं कश्मीर फाइल्स उन्होंने नहीं देखी है मगर मेरी इच्छा है कि वे कश्मीर फाइल्स देखें। हो सकता है तब इस फिल्म के बारे में नसीर की राय बदल जाए।’
हो सकता है जिंदगी फूलों की सेज की तरह न रहे
कश्मीर फाइल्स के बाद मिली धमकियों और सोशल मीडिया के जरिए फैली नेगेटिविटी को लेकर और अब जब से ‘द वैक्सीन वॉर’ का ट्रेलर लॉन्च हुआ है, क्या कभी खौफ नहीं आता कि ऐसी चीजों से बचना चाहिए? इस सवाल के जवाब में पल्लवी ने कहा,’अगर आप पढ़ें ही नहीं तो क्या खौफ लगेगा?
सोशल मीडिया में हम ये कमेंट्स नहीं पढ़ते और मैं तो हूं ही नहीं सोशल मीडिया पर। जब हमनें शुरुआत की थी तब मुझे ऐसा लग रहा था कि इस पथ पर चलें कि न चलें? हो सकता है जिंदगी फूलों की सेज की तरह न रहे इसलिए जो सोच विचार करना था वो पहले ही कर लिया था।’