आज भगवान गणेश की स्थापना के सिर्फ दो मुहूर्त हैं। मुहूर्त के मुताबिक दोपहर 2 बजे तक ही गणेश स्थापना की जा सकती है, लेकिन अगर किसी कारण से आप इस समय तक ना कर पाएं तो फिर इसके बाद के किसी अच्छे चौघड़िए में भी स्थापना कर सकते हैं। वैसे सबसे अच्छा मुहूर्त दोपहर का ही है क्योंकि शास्त्र भी कहते हैं भगवान गणपति का जन्म दोपहर में ही हुआ था।
आज से मंगलमूर्ति गणेश 10 दिन के लिए विराजेंगे फिर अनंत चतुर्दशी पर उनकी विदाई होगी। मान्यता है कि अगर आप किसी कारण से पूरे 10 दिन गणपति पूजा ना कर सकें तो स्थापना के तीन, पांच या सातवें दिन भी विसर्जन कर सकते हैं। उसी के मुताबिक यहां 3, 5 और 7वें दिन के विसर्जन के मुहूर्त भी दिए जा रहे हैं।
इस बार गणेश स्थापना पर मंगलवार का संयोग बन रहा है। विद्वानों का कहना है कि इस योग में गणपति के विघ्नेश्वर रूप की पूजा करने से इच्छित फल मिलता है। गणेश स्थापना पर शश, गजकेसरी, अमला और पराक्रम नाम के राजयोग मिलकर चतुर्महायोग बना रहे हैं।
जैसे योग सतयुग में गणेश जन्म के समय थे, वैसे ही आज भी हैं
पुराणों के मुताबिक गणेश जी का जन्म भादौ की चतुर्थी को दिन के दूसरे प्रहर में हुआ था। उस दिन स्वाति नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त था। ऐसा ही संयोग आज बन रहा है। इन्हीं तिथि, वार और नक्षत्र के संयोग में मध्याह्न यानी दोपहर में जब सूर्य ठीक सिर के ऊपर होता है, तब देवी पार्वती ने गणपति की मूर्ति बनाई और उसमें शिवजी ने प्राण डाले थे।
गणेश स्थापना और पूजा न कर पाएं तो क्या करें…
पूरे गणेशोत्सव में हर दिन ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करने से भी पुण्य मिलता है। सुबह नहाने के बाद गणेशजी का मंत्र पढ़कर प्रणाम कर के ऑफिस-दुकान या किसी भी काम के लिए निकलना चाहिए।
जो लोग 3, 5 या 7वें दिन गणपति विसर्जन करना चाहते हैं उनके लिए मुहूर्त नीचे दिए गए हैं।
एक्सपर्ट –
प्रो. रामनारायण द्विवेदी, काशी विद्वत परिषद
डॉ. गिरिजाशंकर शास्त्री, ज्योतिष विभागाध्यक्ष, बीएचयू
डॉ. गणेश मिश्र, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी
डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति