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एशिया कप क्रिकेट सीरीज, पार्ट-1:2019 से टी-20 मुकाबले 500% बढ़े, ODI में 15% की गिरावट; क्या खतरे में है वनडे क्रिकेट

30 अगस्त से एशिया कप शुरू हो रहा और इसके खत्म होने के 17 दिन बाद ही भारत में क्रिकेट वर्ल्ड कप शुरू हो जाएगा। ये दोनों टूर्नामेंट वनडे फॉर्मेट में है। यानी अगला ढाई महीना 50-50 ओवर के क्रिकेट मैचों का।

हालांकि, वनडे-फॉर्मेट को लेकर चिंता कुछ और ही है। पिछले 4 सालों में वंडे फॉर्मेट टी-20 से शायद हारने को है। आज की स्टोरी में इसी का एनालिसिस।

सबसे पहले दो फैक्टर्स

1. T20I मैचों में भारी इजाफा, वनडे में कमी

टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरुआत 2005 में हुई और इन 18 सालों में इस फॉर्मेट के 2,215 इंटरनेशनल मैच खेले जा चुके हैं। पांच साल पहले तक टी-20 फॉर्मेट के लिए बहुत बड़ा खतरा नजर नहीं आ रहा था। फरवरी 2005 से 2018 तक टी-20 फॉर्मेट में 717 इंटरनेशनल मैच खेले गए। यानी 1 साल में औसतन 55 मैच। इसी टाइम पीरियड में 1,847 वनडे मैच हुए थे। सालाना औसत… 142 मैच। फिर, 2019 से तस्वीर बदल गई।

2019 से अब तक 555 वनडे और 1,498 टी-20 इंटरनेशनल मैच हो चुके हैं। यानी सालाना करीब 120 वनडे और 325 टी-20 मुकाबले। इन 5 सालों में टी-20 मैचों की सालाना दर पर 490% बढ़ गई वहीं। वनडे मैचों की संख्या 15% घट गई।

ऊपर दिए ग्राफिक्स में आप देख सकते हैं कि टी-20 इंटरनेशनल की शुरुआत के पहले 13 साल में हर साल औसतन 46 टेस्ट होते थे। 2019 के बाद से यह नंबर 39 टेस्ट का रह गया। वनडे हर साल 142 की जगह 120 होने लगे। लेकिन टी-20 ने लंबी उड़ान भरी। इस फॉर्मेट के मुकाबले 55 से बढ़कर 325 हो गए।

2. दुनियाभर में फ्रेंचाइजी लीग का शुरू होना
2008 में IPL की शुरुआत हुई थी। यह टी-20 फॉर्मेट में दुनिया की पहली फ्रेंचाइजी लीग थी। इस समय 14 फ्रेंचाइजी लीग खेली जा रही हैं। साल के लगभग हर महीने में कहीं न कहीं फ्रेंचाइजी लीग हो रही होती है। कई स्टार खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट को छोड़कर टी-20 का रुख कर रहे हैं। वे समय से पहले रिटायरमेंट ले रहे हैं।

साउथ अफ्रीका के फाफ डुप्लेसिस इसकी बड़ी मिसाल हैं। वे लीग क्रिकेट में कप्तानी करते हैं, लेकिन साउथ अफ्रीका के लिए नहीं खेलते। इंग्लैंड के मोइन अली ने लीग क्रिकेट की खातिर ज्यादा समय निकालने के लिए टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया।

सरसरी तौर पर देखने पर ये दोनों फैक्टर वाजिब साबित होते हैं और इसके आधार पर कहा जा सकता है कि वनडे और टेस्ट दोनों तरह की क्रिकेट खतरे में है। इस चिंता को कई इंटरनेशनल क्रिकेटर्स ने भी समय-समय पर जाहिर किया है। मोइन अली का बयान अगली तस्वीर में पढ़िए।

हालांकि, ऊपर बताए गए दोनों फैक्टर्स और कुछ खिलाड़ियों के बयान पूरी तस्वीर बयान नहीं करते हैं। मामले की गहराई में उतरने पर जो फाइंडिंग सामने आती है उससे पता चलता है कि वनडे मैचों के नंबर्स कम हुए हैं, लेकिन इससे फॉर्मेट खतरे में आ जाए ऐसी स्थिति अभी संभवतः नहीं बनी है।

पहली फाइंडिंगः टी-20 मैच इसलिए बढ़े क्योंकि ज्यादा देशों को क्रिकेट से जोड़ा गया
ऊपर आपने पढ़ा कि 2019 से टी-20 इंटरनेशनल मैचों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई। सालाना मैचों की संख्या 2018 तक की संख्या की तुलना में करीब 500% बढ़ गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने इस दौरान ज्यादा से ज्यादा देशों में क्रिकेट को बढ़ावा देने की कोशिश की।

2005 से 2018 तक कुल 23 देशों ने टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले। वहीं, इसके बाद से 78 और टीमों को और जोड़ा गया है। नई क्रिकेटिंग कंट्रीज के लिए टी-20 के जरिए खेल में एंट्री करना आसान था।

टेस्ट फॉर्मेट में कोई देश बहुत समय लेकर बहुत मुश्किल से बेहतर बनता है। बांग्लादेश 23 साल से टेस्ट खेल रहा है, लेकिन इसके स्तर में खास सुधार नहीं हुआ। वनडे खेलना टेस्ट की तुलना में आसान है लेकिन सबसे आसान टी-20 साबित हुआ है। जब देशों की संख्या बढ़ी तो इनके बीच मैच भी हुए। लिहाजा टी-20 इंटरनेशनल मैचों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ गई।

दूसरी फाइंडिगः एस्टैब्लिश्ड क्रिकेटिंग कंट्रीज अब भी ठीक-ठाक वनडे खेल रहे, लेकिन तरजीह टी-20 को
जब टी-20 इंटरनेशनल मैचों की शुरुआत हुई तब तक 10 देश वनडे फॉर्मेट में एस्टैब्लिश्ड थे। ये देश भारत, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, बांग्लादेश और जिम्बाब्वे हैं।

इन देशों की टीमों ने टी-20 की शुरुआत से 2018 तक 1606 वनडे इंटरनेशनल खेले थे। यानी सालाना 123 मैच। 2019 से अब तक इन्होंने 361 मैच खेले हैं। यानी सालाना 78 मैच। यानी 2019 से बड़ी टीमों के वनडे मैचों में 36% की कमी आई है।

टी-20 फॉर्मेट में इन 10 टीमों ने 17 फरवरी 2005 से 2018 तक 567 मैच खेले। सालाना 44 मैच। वहीं, 2019 से अब तक इन टीमों ने कुल 421 मैच खेले हैं। सालाना 91 मैच। यानी 2019 से बड़ी टीमों के टी-20 मैचों में 107% का इजाफा हुआ है।

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