सूर्य-शनि का समसप्तक योग 17 सितंबर तक:अशुभ ग्रह योग से बचने के लिए सावन शनिवार-रविवार को शिव पूजा का विशेष संयोग
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चार ग्रहों के शुभ संयोग में हरियाली तीज 19 को:इस तिथि पर पार्वती को मिला था शिवजी को पति रूप में पाने का वरदान

सावन महीने के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन हरियाली तीज मनाते हैं। भविष्य पुराण में इस बात का जिक्र है कि हरियाली तीज का व्रत करने और इस दिन भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। परिवार में सुख-समृद्धि भी बढ़ती है।

इस बार हरियाली तीज का व्रत 19 अगस्त, शनिवार को किया जाएगा। सावन के शुक्ल पक्ष की तीज पर सुहागन महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए ये व्रत रखती हैं। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।

पौराणिक कथा के मुताबिक देवी पार्वती की कठिन तपस्या से खुश होकर इसी तिथि पर शिवजी प्रकट हुए थे और पार्वती को पत्नी बनाने का वरदान भी दिया था, इसलिए महिलाएं भी सुख-शांति और समृद्धि की कामना से इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। हर कुंवारी कन्या अच्छे पति की कामना से ये व्रत रखती हैं।

हरियाली तीज पर ग्रहों का शुभ संयोग
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि 19 अगस्त, शनिवार को सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि की स्वामी गौरी हैं। जो कि देवी पार्वती का ही रूप है। इस दिन सिद्ध नाम का शुभ योग बन रहा है। जिसके स्वामी कार्तिकेय हैं।

ग्रह स्थिति की बात करें तो स्वराशि में स्थित सूर्य के साथ बुध होने से बुधादित्य योग बन रहा है। कन्या राशि में मौजूद चंद्रमा और मंगल की युति से महालक्ष्मी योग भी रहेगा। इस शुभ संयोग के चलते इस बार हरियाली अमावस्या पर की गई पूजा का शुभ फल और बढ़ जाएगा।

पूजा और व्रत की विधि
हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं। इसके बाद भगवान शिव-पार्वती की पूजा करें। फिर व्रत का संकल्प लें। दिनभर बिना कुछ खाए पूजन के लिए फूल, फल, पत्र और प्रसाद जुटाएं।

शाम को सूर्यास्त से पहले फिर नहाएं और श्रंगार करें। भगवान शिव-पार्वती की विधि-विधान से पूजा करें। माता पार्वती का श्रृंगार करें, शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें। बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद फूल और फल अर्पित करें।

‘ॐ उमा महेश्वराय नमः’ मंत्र का जाप करते हुए पूजा करें। भगवान को भोग अर्पित करें और सभी में प्रसाद बांटें। पूजा के बाद किसी जरूरतमंद को यथा संभव दान जरूर दें।

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