अमेरिका में आतंकी हमले की साजिश रच रहे एक 17 साल के लड़के को फिलाडेल्फिया में गिरफ्तार किया गया है। इंडिपेंडेन्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इस लड़के के संबंध अल-कायदा से थे और ये एक बड़े हमले की तैयारी कर रहा था।
उसके पास से जो सामान बरामद हुआ है उसमें टैक्टिकल इक्विपमेंट, तार, केमिकल और रिमोट डेटोनेटर की तरह इस्तेमाल किए जाने वाले डिवाइस शामिल हैं। ABC न्यूज के मुताबिक, आरोपी इन सामान से बड़े पैमाने पर हमला करने वाला हथियार बना रहा था।
विस्फोटक सामग्री बना रहा था आरोपी
FBI के स्पेशल एजेंट जैकलीन मैगियर के मुताबिक, आरोपी ने न सिर्फ इन सामानों को इकट्ठा किया था, बल्कि वो इनको जोड़कर विस्फोटक सामग्री बनाने का काम भी शुरू कर चुका था। FBI ने बताया कि उसके पास से कई बंदूकें भी बरामद हुई हैं। आरोपी पर जो चार्ज लगाए गए हैं, वो फिलाडेल्फिया में आतंकवादी गतिविधियों के लिए लगे अब तक के सबसे गंभीर चार्ज हैं।
तस्वीर आरोपी के घर की है, जहां FBI के अधिकारी नजर आ रहे हैं।
फिलाडेल्फिया के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी लैरी क्रैसनर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- FBI की जॉइंट टेररिजम टास्क फोर्स की वजह से आज काउंटी में एक बड़ा आतंकी हमला टल गया। ये हमला एक विकृत सोच के नाम पर प्लान किया जा रहा था, जो असल में किसी भी धर्म के लोगों की मानसिकता, विचारों या मान्यताओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।
अल-कायदा संबंधी KTJ आतंकी संगठन से जुड़ा था शख्स
फिलाडेल्फिया के युवक के खिलाफ जांच तब शुरू हुई जब FBI को उसके कटिबात-अल-तव्हीद-वल-जिहाद (KTJ) आतंकी संगठन से जुड़े होने के संकेत मिले थे। KTJ के अल-कायदा से संबंध हैं। इसके बाद FBI ने टीनएजर की पहचान कर उसके खिलाफ जांच शुरू की। इस दौरान उसकी जासूसी भी की गई।
जब FBI को कंफर्म हो गया कि युवक आतंकी गतिविधियों में लिप्त है, तो पुलिस बल उसके घर पहुंचा जहां उसे गिरफ्तार कर तलाशी ली गई। युवक के खिलाफ जो आरोप तय किए गए हैं, उनमें मास डिस्ट्रक्शन से जुडे़ हथियार रखने, साजिश रचने, तबाही मचाने की कोशिश करने, अपराध करने, हथियार रखने, शहर में आतंक फैलाने की कोशिश करने और दूसरों की जान खतरे में डालने के चार्ज शामिल हैं।
तस्वीर आरोपी के घर की है, जिसके बाहर FBI की गाड़ियां तैनात हैं।
अल-कायदा ने ही किया था 9/11 हमला
अल-कायदा ही वो आतंकी संगठन है जिसने अमेरिका में 9/11 हमला किया था। 11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने चार कॉमर्शियल प्लेन हाइजैक किए थे। इनमें से दो प्लेन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ और साउथ टावर से टकरा दिए गए थे। वहीं, तीसरा प्लेन पेंटागन पर क्रैश किया गया था। इस हमले में 93 देशों के 2 हजार 977 लोग मारे गए थे।
हमले को अल-कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के नेतृत्व में अंजाम दिया गया था। 9/11 हमले के बाद अमेरिका ने ओसामा और अलकायदा के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था। 2 मई 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में अमेरिकी नेवी सील के 25 कमांडो ने अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के सिर और चेहरे पर 3 गोलियां मारी थीं।
इसी के साथ अमेरिका ने 10 साल पहले हुए 9/11 हमले का बदला ले लिया था। इस ऑपरेशन का नाम नेप्च्यून स्पियर था और ओसामा की मौत के बाद का संदेश था- जेरोनीमो EKIA यानी दुश्मन मारा गया।
तस्वीर अमेरिका के ट्विन टावर पर हुए आतंकी हमले की है।
कैसे बना अल कायदा?
अल-कायदा का अरबी में मतलब ‘आधार’ होता है। 1980 के दशक में अफगानिस्तान पर सोवियत संघ का कब्जा था, उस दौर में सोवियत संघ को अफगानिस्तान से बाहर निकालने के लिए कई संगठन बने। इन संगठनों को अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन था।
इनमें से एक अल-कायदा भी था। ओसामा बिन लादेन ने इसका गठन किया था। उसे सोवियत संघ के खिलाफ लड़ रहे मुजाहिद्दीनों का भी समर्थन था।