शिमला में लैंडस्लाइड से मंदिर ढहा, 5 की मौत:25 से ज्यादा लोग दबे, शिव बावड़ी मंदिर में सुबह-सुबह पूजा करने गए थे
August 14, 2023
आज पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस:आर्मी चीफ ने छेड़ा कश्मीर का मुद्दा, कहा- 76 साल पहले हम आजाद हुए कश्मीर भी होगा
August 14, 2023

चांद के बाद अब सूरज की स्टडी करेगा इसरो:अंतरिक्ष में तैनात करेगा आदित्य L-1 ऑब्जर्वेटरी,

इंडियन स्पेस रिसर्स ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) चांद के बाद अब सूरज की स्टडी करने की तैयारी में है। इसके लिए आदित्य एल-1 नाम की ऑब्जर्वेटरी को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इसकी लॉन्चिंग की तारीख अभी सामने नहीं आई है, हालांकि इसरो के एक अधिकारी के हवाले से इसे सितंबर के पहले हफ्ते में लॉन्च किया जा सकता है।

आदित्य L-1 सूरज का अध्ययन करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। ये स्पेसक्राफ्ट लॉन्च के चार महीने बाद सूरज-पृथ्वी के सिस्टम में लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी आसानी से की जा सकती है।

आदित्य एल-1 की तस्वीरें…

आदित्य L1 स्पेसक्राफ्ट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।

आदित्य L1 स्पेसक्राफ्ट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।

लॉन्चिंग के लिए बेंगलुरु के यू आर राव सैटलाइट सेंटर में बने सैटलाइट का इस्तेमाल किया जाएगा।

लॉन्चिंग के लिए बेंगलुरु के यू आर राव सैटलाइट सेंटर में बने सैटलाइट का इस्तेमाल किया जाएगा।

आदित्य L1 काे पहले लो अर्थ ऑर्बिट में प्लेस किया जाएगा। इसके बाद ऑर्बिट को इलिप्टिकल (अंडाकार) बनाया जाएगा।

आदित्य L1 काे पहले लो अर्थ ऑर्बिट में प्लेस किया जाएगा। इसके बाद ऑर्बिट को इलिप्टिकल (अंडाकार) बनाया जाएगा।

धीरे-धीरे ऑर्बिट को बढ़ाया जाएगा, जिससे स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के ग्रैविटेशनल स्फियर ऑफ इन्फ्लुएंस (SOI) से बाहर निकलेगा।

धीरे-धीरे ऑर्बिट को बढ़ाया जाएगा, जिससे स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के ग्रैविटेशनल स्फियर ऑफ इन्फ्लुएंस (SOI) से बाहर निकलेगा।

यहां से क्रूज फेज शुरू होगा और स्पेसक्राफ्ट को L1 के चारों तरफ हैलो ऑर्बिट में प्लेस किया जाएगा।

यहां से क्रूज फेज शुरू होगा और स्पेसक्राफ्ट को L1 के चारों तरफ हैलो ऑर्बिट में प्लेस किया जाएगा।

लॉन्चिंग से L1 पॉइंट तक पहुंचने में आदित्य L1 को करीब चार महीने का समय लगेगा। लॉन्चिंग डेट अभी तय नहीं की गई है।

लॉन्चिंग से L1 पॉइंट तक पहुंचने में आदित्य L1 को करीब चार महीने का समय लगेगा। लॉन्चिंग डेट अभी तय नहीं की गई है।

पृथ्वी से लैगरेंज पॉइंट की दूरी 15 लाख किमी
पृथ्वी और सूरज के बीच की दूरी करीब 15 करोड़ किमी है। जहां इस सैटलाइट आदित्य L1 को प्लेस किया जाएगा वो लैगरेंज पॉइंट L1 धरती से करीब 15 लाख किमी दूर है। इसके लॉन्च के लिए बेंगलुरु के यू आर राव सैटलाइट सेंटर में बनी सैटलाइट को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर लाया गया है।

आदित्य L1 पृथ्वी से L1 पॉइंट तक पहुंचने के लिए इस ट्रैजेक्टरी पर चलेगा।

आदित्य L1 पृथ्वी से L1 पॉइंट तक पहुंचने के लिए इस ट्रैजेक्टरी पर चलेगा।

ऐसे काम करेगा आदित्य L1

  • सोलर एक्टिविटीज और रियल टाइम में अंतरिक्ष के मौसम पर उनके असर को समझा जा सकेगा।
  • ये स्पेसक्राफ्ट सात पेलोड लेकर जाएगा जो इलेक्ट्रोमैग्नेट और पार्टिकल और मैग्नेटिक फील्ड डिटेक्टर्स की मदद से फोटोस्फियर, क्रोमोस्फियर और सूरज की बाहरी परतों की स्टडी करेंगे।
  • L1 पॉइंट से चार पेलोड सीधे सूरज को देखेंगे और तीन पेलोड वहीं पर पार्टिकल्स और फील्ड की स्टडी करेंगे।
  • आदित्य L1 सोलर कोरोना और उसके हीटिंग मैकेनिज्म के साइंस की स्टडी करेगा।
आदित्य L1 को तस्वीर में दिखाए गए L1 पॉइंट पर प्लेस किया जाएगा।

आदित्य L1 को तस्वीर में दिखाए गए L1 पॉइंट पर प्लेस किया जाएगा।

क्या है लैगरेंज पॉइंट्स

  • लैगरेंज पॉइंट्स अंतरिक्ष में वो जगह होती है जहां किसी ऑब्जेक्ट को रखा जाए तो वहीं रहता है।
  • लैगरेंज पॉइंट पर दो बड़ी बॉडीज के बीच गुरुत्वाकर्षण उतना ही होता है जितनी उन दोनों बॉडीज के बीच मौजूद छोटे ऑब्जेक्टस को मूव करने के लिए सेंट्रिपिटल फोर्स की जरूरत होती है।
  • लैगरेंज-1 पॉइंट पर प्लेस की जाने वाली सैटलाइट के पास सबसे बड़ा एडवांटेज ये होता है कि यहां ग्रहण का असर नहीं होता। बिना किसी बाधा के सैटलाइट सूरज को लगातार स्टडी कर सकती है।

ये खबर भी पढ़ें…

आज चंद्रमा के और करीब पहुंचेगा चंद्रयान-3:तीसरी बार अपनी ऑर्बिट घटाएगा, 17 अगस्त को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होगा लैंडर

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) 14 अगस्त को 11:30 से 12:30 बजे बीच तीसरी बार चंद्रयान-3 की ऑर्बिट घटाएगा। अभी वो चंद्रमा की 174 Km x 1437 Km की ऑर्बिट में है। यानी चंद्रयान-3 चंद्रमा की ऐसी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है, जिसमें उसकी चांद से सबसे कम दूरी 174 Km और सबसे ज्यादा दूरी 1437 Km है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES