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क्या रोहित-विराट के बिना तैयार है टीम इंडिया:इनके बिना 35% वनडे-टी-20…45% टेस्ट हारते हैं

टीम इंडिया वेस्टइंडीज में रोहित शर्मा और विराट कोहली के बिना वनडे और टी-20 खेलने उतरी और लिमिटेड ओवर्स के 5 में से 3 मुकाबले गंवा दिए। इनमें 2 टी-20 और एक वनडे शामिल रहा। टीम मैनेजमेंट ने कहा कि वे एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं, इससे कई युवा खिलाड़ियों को मौका मिलेगा।

हेड कोच राहुल द्रविड़ ने भी एक्सपेरिमेंट स्ट्रैटजी का बचाव किया, लेकिन क्या टीम इंडिया वाकई में 36 साल के रोहित और 34 साल के विराट के बिना खेलने को तैयार है। आगे स्टोरी में हम इसी सवाल का जवाब जानेंगे।

शुरुआत टी-20 क्रिकेट से…

202 में से 167 टी-20 में कोई एक खिलाड़ी तो खेला ही
भारत ने 2006 में टी-20 इंटरनेशनल खेलना शुरू किया। सितंबर 2007 में रोहित शर्मा और साल 2010 में विराट ने टी-20 डेब्यू कर लिया। भारत ने अब तक 202 टी-20 खेले हैं, इनमें से 198 दोनों के डेब्यू के बाद रहे। 167 बार रोहित या विराट में से कोई खिलाड़ी तो टीम की प्लेइंग-11 का हिस्सा रहा ही है। भारत को इनमें 109 मुकाबलों में जीत मिली। यानी जीत परसेंट 65.27% रहा।

दोनों के एक साथ खेलने पर भी टीम 65% मैच जीतती है
2007 से अब तक टीम इंडिया ने दोनों को एक साथ प्लेइंग इलेवन में रखकर 96 टी-20 खेले। 63 में टीम को जीत और 30 में हार मिली। यानी जीत परसेंट करीब 65% का रहा। दोनों के साथ और दोनों में से किसी एक खिलाड़ी के होने से भारत लगभग एक समान टी-20 मुकाबले जीतता है। 2012 से तो भारत ने इन दोनों खिलाड़ियों को साथ में रखकर ही ज्यादातर मैच खेलने को प्राथमिकता दी।

दोनों के नहीं खेलने पर जीत परसेंट बिगड़ा
रोहित और विराट के बिना टीम इंडिया ने 2007 से अब तक 31 टी-20 खेले हैं। 18 में टीम को जीत और 11 में हार मिली। एक मैच टाई और एक ही बेनतीजा भी रहा। टीम का जीत परसेंट करीब 58% तक पहुंच गया, जो दोनों के साथ या दोनों में से किसी एक के खेलने के मुकाबले 7% तक कम रहा।

इतना ही नहीं, 2011 से 2018 तक टीम ने इनके बिना 6 ही टी-20 खेले थे। जिनमें से 5 मुकाबले जिम्बाब्वे और एक अफगानिस्तान के खिलाफ रहा, इनमें भी 2 में टीम को हार का सामना करना पड़ गया। यानी टीम इंडिया 2011 से 2018 तक टॉप टीमों के खिलाफ दोनों खिलाड़ियों के बिना टी-20 खेलने उतरी ही नहीं।टेस्ट फॉर्मेट में टीम इंडिया के परफॉर्मेंस पर नजर डालते हैं…

124 में से 113 टेस्ट में कोई एक तो खेला ही
20 जून 2011 को विराट कोहली ने डेब्यू किया, नवंबर 2013 में रोहित शर्मा ने टेस्ट डेब्यू कर लिया। इनके डेब्यू के बाद से भारत ने 124 टेस्ट खेले, इनमें से 113 मैच में दोनों में से कोई एक खिलाड़ी तो प्लेइंग-11 का हिस्सा रहा ही। 59 में टीम इंडिया को जीत, महज 32 में हार मिली और 22 मुकाबले ड्रॉ रहे। यानी टीम ने महज 28% मुकाबले गंवाए। 113 में से भी 111 टेस्ट में विराट कोहली प्लेइंग-11 का हिस्सा रहे।

दोनों के साथ 50 ही टेस्ट खेले, लेकिन जीत परसेंट बढ़ा
रोहित शर्मा ने टेस्ट टीम में अपनी जगह करीब 2021 के दौरान पक्की की, 2022 में उन्हें टेस्ट टीम की कप्तानी मिल गई। इसलिए उन्होंने 2013 में डेब्यू करने के बावजूद 52 ही टेस्ट खेले। लेकिन 50 टेस्ट में उनके साथ विराट भी रहे। इनमें 28 बार भारत को जीत और महज 13 बार हार मिली। 9 टेस्ट ड्रॉ रहे, यानी टीम ने 56% मैच जीते और महज 18% बार टीम को हार मिली।

दोनों के बिना 11 ही टेस्ट खेले
जून 2011 के बाद से भारत ने रोहित और विराट के बिना महज 11 टेस्ट खेले। 5 में टीम को जीत और 5 में ही हार मिली, वहीं एक टेस्ट ड्रॉ भी रहा। टीम का जीत परसेंट 45% के करीब रहा। जो दोनों में से किसी एक या दोनों खिलाड़ियों के साथ खेलने के मुकाबले कम है। टीम ने इस दौरान करीब 45% मैच गंवाए भी हैं, जो रोहित और विराट के साथ खेलने के मुकाबले बेहद खराब है।

इनमें भी 2018 तक इन दोनों के बिना भारत ने 8 ही टेस्ट खेले। जिनमें 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ 4 और वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 टेस्ट शामिल हैं। इंग्लैंड में टीम ने सभी मैच हारे, वहीं वेस्टइंडीज में सभी जीते। टीम ने एक-एक टेस्ट ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के खिलाफ भारत में भी खेला, दोनों में टीम इंडिया को जीत मिली।

अब आखिर में वनडे फॉर्मेट पर नजर डाल लेते हैं, जिसका वर्ल्ड कप 2 महीने बाद ही भारत में शुरू होने वाला है…

384 वनडे में से 324 में कोई एक तो खेला ही
23 जून 2007 को रोहित शर्मा ने वनडे डेब्यू किया। अगस्त 2008 में विराट ने भी वनडे डेब्यू कर लिया। इनके डेब्यू के बाद भारत ने 384 वनडे खेले, 324 में दोनों में से कोई एक खिलाड़ी तो प्लेइंग-11 का हिस्सा रहा ही। इनमें से 196 में टीम को जीत और 112 में हार मिली। यानी जीत परसेंट करीब 60% रहा।

दोनों के साथ खेलने पर भी जीत परसेंट 60% के करीब
195 वनडे मुकाबलों में रोहित और विराट दोनों ही एक साथ प्लेइंग-11 का हिस्सा रहे। 120 में टीम को जीत और महज 68 में हार मिली। यानी जीत परसेंट करीब 61% का रहा। इनमें से किसी एक के होने पर भी भारत 60% मैच तो जीतता है। यानी भारत के जीत के चांस बढ़ाने के लिए दोनों में से किसी एक का प्लेइंग-11 में होना जरूरी है।

दोनों के बिना 60 वनडे ही खेले, टॉप टीमों के खिलाफ आधे भी नहीं
अप्रैल 2007 के बाद से भारत ने रोहित और विराट के बिना महज 60 मैच खेले। इनमें से 39 में टीम को जीत मिली, यानी जीत परसेंट 65% का रहा। लेकिन 60 में से 26 मुकाबले टीम ने जिम्बाब्वे, स्कॉटलैंड, वेस्टइंडीज, श्रीलंका और अफगानिस्तान जैसी टीमों के खिलाफ खेले, जो मॉडर्न डे वनडे क्रिकेट में इतनी मजबूत नहीं मानी जातीं।

ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और पाकिस्तान जैसी टॉप टीमों के खिलाफ भारत ने रोहित और विराट के बिना 22 वनडे खेले, लेकिन सभी 2009 के पहले ही खेले। यानी टॉप टीमों के खिलाफ पिछले 14 साल में टीम इंडिया ने इन दोनों खिलाड़ियों के बिना उतरने की हिम्मत तक नहीं की है।

टीम ने इनके बिना 7 वनडे न्यूजीलैंड और 5 साउथ अफ्रीका के खिलाफ भी खेले। लेकिन न्यूजीलैंड से ज्यादातर मुकाबले 2011 के पहले हुए, वहीं साउथ अफ्रीका से 2019 के बाद हुए। इस दौरान दोनों ही टीमें बाकी टॉप टीमों के मुकाबले बेहद कमजोर रही।

दोनों के बिना टीम इंडिया को तैयार रहना क्यों है?
36 साल के रोहित शर्मा और 34 को साल के विराट कोहली टीम के सीनियर खिलाड़ी हो चुके हैं। रोहित 16 तो वहीं कोहली 15 सालों से भारत के लिए क्रिकेट खेल रहे हैं। दोनों अपने करियर का पीक लगभग पार कर चुके हैं और 2 से 4 सालों में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा भी कह सकते हैं।

अगर दोनों इन सालों में रिटायर नहीं हुए तो भी टीम को इनके बगैर खेलना सीखना ही होगा, क्योंकि रोहित और विराट ने भी टीम इंडिया में उस दौरान जगह पक्की की जब सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ जैसे सीनियर अपने करियर के आखिरी फेज में थे।

2023 के बाद दोनों के बिना खेलना शुरू करना ही होगा
टी-20, वनडे और टेस्ट दोनों ही फॉर्मेट में टीम इंडिया को रोहित शर्मा और विराट कोहली की जरूरत रहती है।

  • टी-20 फॉर्मेट में इनके बिना खेलना शुरू कर दिया है। अगर टीम नए खिलाड़ियों पर लगातार भरोसा दिखाती है तो 2024 टी-20 वर्ल्ड कप के बाद इन पर निर्भरता कम भी हो जाएगी।
  • वनडे में टीम इंडिया ने रोहित और विराट के बिना कुछ मुकाबले जरूर खेले हैं, लेकिन टीम अब भी दोनों पर ही निर्भर है। टीम को अगर इन पर निर्भरता कम करनी है तो 2023 वर्ल्ड कप के बाद दोनों खिलाड़ियों के बिना खेलना शुरू करना ही होगा, ताकि टीम 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी और 2027 के वनडे वर्ल्ड कप तक इनके बिना भी तैयार रहे।
  • टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया रोहित और विराट के बिना कोई मुकाबले खेलना पसंद नहीं करती। भारत को आने वाले 2-3 सालों में दोनों का रीप्लेसमेंट ढूंढना ही होगा, क्योंकि दोनों के जाने से टीम में बहुत बड़ा गैप बनेगा, जिसे भर पाना मुश्किल होगा।

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