नूंह में आज कर्फ्यू में 8 घंटे की ढील:दोपहर 3 बजे तक खुलेंगे बाजार; नेटबंदी कल रात 12 बजे तक, 10 दिन से माहौल शांत
August 10, 2023
भगवान विष्णु की पूजा का दुर्लभ संयोग शनिवार को:12 अगस्त को चातुर्मास में पुरुषोत्तम महीने की एकादशी
August 10, 2023

अधिक मास की दूसरी एकादशी 12 अगस्त को:महाभारत काल से चला आ रहा है परम एकादशी व्रत,

अधिक मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम ‘परम’ है। इसका व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इससे मनुष्य को इस लोक में सुख और परलोक में सद्गति मिलती है। ये व्रत पूरे विधान से करना चाहिए और भगवान विष्णु का धूप, दीप, नैवेद्य और फूल से पूजन करना चाहिए। – ( ऐसा श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा)

इस एकादशी का व्रत द्वापर युग से चला आ रहा है। महाभारत काल में कौडिन्य ऋषि के कहने पर काम्पिल्य नगर (आज के फर्ररुखाबाद) के सुमेधा ब्राह्मण और उनकी पत्नी ने इस एकादशी का व्रत किया था। इसके पहले राजा हरिश्चंद्र ने ये व्रत किया था।

इस व्रत की जानकरी महाभारत के जरिये आम लोगों तक पहुंची। महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को इस व्रत का नाम और महत्व बताते हुए कौडिन्य ऋषि की कथा सुनाई।

हर तीन साल में आने वाले एक्स्ट्रा महीने को ज्योतिष में अधिक मास तो धर्म ग्रंथों में इसे पुरुषोत्तम मास कहा जाता है। क्योंकि श्रीमद् भागवत में बताया है कि भगवान विष्णु ने इस महीने को अपना नाम दिया, इसलिए इस महीने में आने वाली एकादशी को पुरुषोत्तमी एकादशी भी कहते हैं।

पुरुषोत्तम मास की पहली एकादशी को पद्मिनी और दूसरी वाली को परम एकादशी नाम दिया गया है। महाभारत, श्रीमद् भागवत, पद्म और ब्रह्मांड पुराण में इन एकादशी तिथियों का महत्व बताया गया है।

इन ग्रंथों में कहा गया है कि अधिक मास की एकादशी पर स्नान-दान और व्रत करते हुए भगवान विष्णु की पूजा करने से जाने-अनजाने में किए हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं और इन एकादशी व्रत को करने से मिलने वाला पुण्य अक्षय होता है।

पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि 3 साल में आने वाली ये एकादशी बहुत ही खास होती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत-उपवास करने से ही हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।

इस व्रत से सालभर की एकादशियों का पुण्य मिल जाता है। हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक पुरुषोत्तमी एकादशी व्रत अधिक मास में आता है। भगवान विष्णु के महीने में होने से ये व्रत और भी खास हो जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES