अमेरिका एक बार फिर से भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत शुरू करवाना चाहता है। दरअसल, 2 दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा था कि वो भारत से बातचीत के लिए तैयार हैं।
इसके बाद बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा- हम लंबे समय से जरूरी मुद्दों पर भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत के समर्थक रहे हैं। हम हमेशा से यही चाहते आए हैं।
पाकिस्तान के PM शाहबाज ने कहा था- ये जरूरी है कि गंभीर मुद्दों पर सामने वाला भी उतनी ही गंभीरता से बातचीत करे।
PM शाहबाज ने कहा था- जंग किसी मसले का हल नहीं
पाकिस्तान को लेकर भारत ने अपना पक्ष हमेशा साफ रखा है। भारत ने हर बार यही कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी मुमकिन है जब वो आतंकियों को पनाह देना बंद करेगा। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने सोमवार को कहा था कि वो भारत से बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
शरीफ ने कहा था- हम अपने उस पड़ोसी से भी बातचीत करना चाहते हैं, जिसके साथ हमने तीन जंग लड़ीं। जरूरी ये है कि गंभीर मुद्दों पर सामने वाला भी उतनी ही गंभीरता से बातचीत करे। शाहबाज ने कहा था- जंग से किसी मसले का हल नहीं निकल सकता। दोनों मुल्क एटमी ताकत हैं।
अगर ऐसी कोई जंग हुई तो ये बताने के लिए कोई नहीं बचेगा कि आखिर हुआ क्या था। हम अपने हर पड़ोसी के साथ चर्चा करने चाहते हैं। पाकिस्तान कभी किसी के खिलाफ किसी गलत चीज या साजिश को बढ़ावा नहीं देता है।
हिना रब्बानी बोलीं- भारत पश्चिमी देशों का चहेता है।
पाक मंत्री बोलीं- पड़ोसी देश के लिए आक्रामक रवैया रखता है भारत
दूसरी तरफ, बुधवार को पाकिस्तान की उप-विदेश मंत्री हिना रब्बानी ने भारत पर पड़ोसी देशों की तरफ युद्ध वाला रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। पाकिस्तान गवर्नेंस फोरम 2023 को संबोधित करते हुए रब्बानी ने भारत को पश्चिमी देशों का चहेता भी बताया था। उन्होंने कहा था- भारत ने पश्चिमी देशों का खास बने रहने का फैसला किया है, लेकिन वो अपने पड़ोसी देशों को लेकर बहुत आक्रामक रहता है।
मार्च में भारत से बात करने को कहा, फिर आर्टिकल 370 पर पलटे
इससे पहले मार्च में शाहबाज ने भारत से बातचीत की गुहार लगाई थी और सिर्फ दो दिन बाद आर्टिकल 370 का बहाना लेकर पलट भी गए थे। शाहबाज ने अल अरेबिया को दिए इंटरव्यू में कहा था- भारतीय लीडरशिप और प्रधानमंत्री मोदी को मेरा संदेश है कि आइए एक टेबल पर बैठते हैं और कश्मीर समेत तमाम मसलों पर बात करते हैं।
PM शाहबाज के इस बयान का काफी विरोध हुआ था। इसके बाद PM ऑफिस ने सफाई जारी करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री की बात को गलत तरीके से लिया गया। उन्होंने कहा है कि भारत से बातचीत तभी हो सकती है जब वो कश्मीर में 5 अगस्त 2019 का स्टेटस बहाल करे। आर्टिकल 370 और धारा 35A को बहाल करना होगा।