ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली ने भारत के शेयर बाजार पर अपने आउटलुक को बढ़ाकर ओवरवेट कर दिया है। जबकि चीन, ताइवान और ऑस्ट्रेलिया पर आउटलुक डाउनग्रेड कर इक्वलवेट कर दिया है। स्टैनली का मानना है कि भारत में लंबी तेजी की शुरुआत होने वाली है, जबकि चीन की तेजी खत्म होने के करीब है। इससे 4 महीने पहले 31 मार्च को ब्रोकरेज फर्म ने भारत को अंडरवेट से इक्वलवेट में अपग्रेड किया था।
मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि भारत का भविष्य काफी हद तक चीन के अतीत जैसा दिखता है। ऐसा लगता है कि दशक के अंत में चीन का GDP ग्रोथ रेट भारत के 6.5% की तुलना में लगभग 3.9% रहेगा। नोट में यह भी कहा गया है कि डेमोग्राफिक ट्रेंड भी भारत के फेवर में दिख रहा है। जबकि चीन में पिछले दशक की शुरुआत से कामकाजी उम्र की आबादी में गिरावट देखी गई है।
दिसंबर तक सेंसेक्स 68,500 पहुंच सकता है
मॉर्गन स्टेनली कहा कि भारत अब उभरते बाजारों के बीच टॉप रैंक वाला, सबसे पसंदीदा बाजार है। उसे उम्मीद है कि दिसंबर तक सेंसेक्स 68,500 के स्तर तक पहुंच जाएगा। हालांकि ये टारगेट तभी पूरा होगा जब कमोडिटी प्राइस में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी न हो और अमेरिका में मंदी न आए।
अभी सेंसेक्स 65,500 के करीब है। यानी 4 महीने में इसमें 3,000 अंकों की तेजी आ सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2022 के मुकाबले भारतीय बाजारों के वैल्युएशंस बहुत ज्यादा नहीं हैं। 2022 में ब्रोकरेज फर्म ने कहा था कि भारतीय बाजार में बुल रन की शुरुआत हो रही है।
मॉर्गन स्टेनली के रेटिंग बढ़ाने के 4 कारण
भारतीय बाजार के लिए 2 डाउनसाइड रिस्क
भारत के ओवरवेट होने का क्या मतलब है?
जब कोई रिसर्च फर्म किसी मार्केट को ओवरवेट कहती है तो इसका मतलब है कि ये मार्केट दूसरे बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगा। वहीं इक्वलवेट का मतलब है कि मार्केट का दूसरे बाजारों की तरह ही परफॉर्म करना। अंडरवेट का मतलब है कि बाजार का दूसरों से पिछड़ना।
दुनिया की टॉप-3 इकोनॉमी में शामिल होगा भारत
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में रीडेवलप किए गए इंटरनेशनल एग्जीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर (IECC) का इनॉगरेशन करने के बाद कहा था कि मेरे तीसरे टर्म में दुनिया की पहली तीन इकोनॉमीज में एक नाम भारत का होगा। ये मोदी की गारंटी है। उन्होंने कहा था कि 2024 के बाद तीसरे टर्म में देश की विकास यात्रा तेजी से बढ़ेगी।