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सरकार ने नॉन-बासमती व्हाइट राइस के एक्सपोर्ट पर लगाया बैन:देशभर में चावल की बढ़ती कीमतों को कंट्रोल करने

सरकार ने नॉन-बासमती व्हाइट राइस (सफेद चावल) के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है। इस बात की जानकारी सरकार ने आज यानी 20 जुलाई (गुरुवार) को एक नोटिफिकेशन जारी कर दी है। देश में चावल की कीमत में तेजी को रोकने और डोमेस्टिक सप्लाई बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

कुछ शर्तों के साथ चावल के एक्सपोर्ट को अनुमति दी जाएगी
डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने नोटिफिकेशन में यह भी बताया है कि कुछ शर्तों के साथ चावल के एक्सपोर्ट को अनुमति दी जाएगी। अगर नोटिफिकेशन से पहले जहाजों में चावल की लोडिंग शुरू हो गई है तो उसके एक्सपोर्ट की अनुमति होगी। साथ ही उन मामलों में भी चावल के एक्सपोर्ट की अनुमति होगी, जहां सरकार ने दूसरे देशों को इसकी इजाजत दे रखी है।

पिछले 10 दिन में देशभर में चावल की कीमत 20% बढ़ी
सरकार ने इन देशों की फूड सिक्योरिटी की जरूरतों को देखते हुए इस तरह की अनुमति दी है। देश में पिछले कुछ समय से खाने-पीने की चीजों की कीमत में काफी तेजी आई है। गेहूं, चावल, दूध और सब्जियों की कीमत तेजी से बढ़ी हैं। पिछले 10 दिन में देशभर में चावल की कीमत में 20% की बढ़ोतरी देखने को मिली है।

मॉनसून की बारिश में कमी के कारण धान और दलहन की बुवाई का रकबा (जमीन/भूमि/खेत का क्षेत्रफल) घटा है। 14 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक, खरीफ की बुवाई 2% कम हुई है। धान का रकबा 6.1% और दलहन का 13.3% है। इसकी वजह यह है कि पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम बारिश हुई है।

भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर
पश्चिम बंगाल धान का बड़ा उत्पादक है, जबकि महाराष्ट्र और कर्नाटक में देश का 50% से भी ज्यादा दलहन होता है। दलहन और धान की बुवाई के लिए अगले 2 हफ्ते काफी अहम हैं। भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। पिछले साल सितंबर में सरकार ने टूटे हुए चावल के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी। साथ ही दूसरी तरह के कई चावल के एक्सपोर्ट पर 20% ड्यूटी लगाई गई थी।

देश में धान का उत्पादन करने वाले राज्यों में बारिश सही ढंग से नहीं हुई
इससे पहले ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि सरकार चावल की अधिकांश किस्मों के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है। इससे देश का 80% चावल का एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकता है। इससे देश में तो चावल की कीमत में गिरावट आएगी, लेकिन दुनियाभर में चावल की कीमत बढ़ सकती है। पिछले दस दिन में देशभर में चावल की कीमत में 20% तेजी आई है। इसकी वजह यह है कि देश में धान का उत्पादन करने वाले राज्यों में बारिश सही ढंग से नहीं हुई है।

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