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रूस के हमले में चीनी कॉन्सुलेट को नुकसान:जेलेंस्की बोले- चीन के लिए रखा 60 हजार टन अनाज तबाह

यूक्रेन जंग के बीच गुरुवार को रूस ने ओडेसा शहर पर हमला किया, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई। रॉयटर्स के मुताबिक, इस हमले में चीन के कॉन्सुलेट ऑफिस को भी नुकसान पहुंचा है। ओडेसा के गवर्नर ने बिल्डिंग की एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें एक खिड़की टूटी नजर आ रही है।

इसके अलावा, बुधवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताया था कि एक पोर्ट सिटी पर रूस के हमले में चीन को भेजने के लिए रखा 60 हजार टन कृषि उत्पाद (अनाज) नष्ट हो गया। दरअसल, 17 जुलाई को रूस ने यूक्रेन के साथ ‘ब्लैक सी ग्रेन डील’ खत्म कर दी थी। इससे ठीक एक दिन पहले क्रीमिया ब्रिज पर अटैक में 2 लोगों की मौत हो गई थी।

ये ब्रिज रूस के लिए यूक्रेन में मिलिट्री सप्लाई का अहम रूट है। रूस ने इस हमले के लिए यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद से रूस लगातार यूक्रेन की पोर्ट सिटीज पर जवाबी हमले कर रहा है। यूक्रेन की मिलिट्री के मुताबिक, रूस ने 19 मिसाइल और 19 ड्रोन्स से हमला किया। यूक्रेन इसमें से सिर्फ 5 मिसाइल और 13 ड्रोन्स को मार गिराने में कामयाब हो पाया।

तस्वीर यूक्रेन के ओडेसा शहर में मौजूद चीनी कॉन्सुलेट की है, जिसकी एक खिड़की रूस के हमले में टूट गई।

तस्वीर यूक्रेन के ओडेसा शहर में मौजूद चीनी कॉन्सुलेट की है, जिसकी एक खिड़की रूस के हमले में टूट गई।

ब्लैक सी पोर्ट पर दिखने वाले जहाजों पर हमले की धमकी
इससे पहले बुधवार को रूस ने कहा था कि यूक्रेन के ब्लैक सी पोर्ट पर दिखने वाले जहाजों को मिलिट्री टारगेट समझा जाएगा। रूस ने कहा था कि वो किसी भी जहाज पर हमले से नहीं कतराएगा। ग्रेन डील खत्म होने के बाद भी कीव ने वादा किया था कि रूस के डील से हटने के बाद भी वो टेंपरेरी शिपिंग रूट बनाकर ग्रेन्स को एक्सपोर्ट करना जारी रखेगा।

क्या थी ब्लैक सी ग्रेन डील

  • यूक्रेन फूड सप्लाई के मामले में दुनिया के अव्वल देशों में से एक है। ब्लैक सी से गुजरने वाले उसके ग्रेन शिप्स पर रूस के हमलों का खतरा था। लिहाजा, उसने सप्लाई रोक दी और इससे चेन एंड सप्लाई कमजोर पड़ गई। कई यूरोपीय और अफ्रीकी देशों में लोगों के भूख से मरने का खतरा पैदा हो गया।
  • तुर्किये और UN की कोशिशों से पिछले साल जुलाई में एक डील हुई। इसमें यह था कि रूस और यूक्रेन दोनों ही एक-दूसरे के कार्गो शिप्स पर हमले नहीं करेंगे।
  • इसके अलावा UN के अफसर हर शिप की जांच करेंगे, ताकि इनका इस्तेमाल हथियार ले जाने में न हो। ये डील 17 जुलाई को एक्सपायर हो गई और रूस ने इसे रिन्यू करने से इनकार कर दिया। इसका मतलब अब वो अनाज ले जा रहे जहाजों को भी निशाना बना सकता है।

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