पुतिन से बगावत के बाद पहली बार दिखे वैगनर चीफ:बेलारूस में लड़ाकों से बोले- यूक्रेन जंग में हिस्सा नहीं लेंगे, अफ्रीका की तैयार करो

रूस की प्राइवेट आर्मी वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन पुतिन के खिलाफ विद्रोह करने के बाद पहली बार नजर आए हैं। बुधवार को प्रिगोजिन ने एक वीडियो जारी कर अपने लड़ाकों का बेलारूस में स्वागत किया। उन्होंने कहा- वैगनर अब यूक्रेन जंग में हिस्सा नहीं लेगा। उन्होंने अपने लड़ाकों को अफ्रीका के लिए नए सफर की शुरुआत करने का आदेश दिया।

रॉयटर्स के मुताबिक, वीडियो में प्रगोजिन कहते हैं- हमने यूक्रेन में सम्मान के साथ लड़ाई लड़ी। आप सबने रूस के लिए बहुत कुछ किया। यूक्रेन में अभी जो कुछ हो रहा है वो शर्मनाक है और हमें उसमें शामिल होने की जरूरत नहीं है। हो सकता है हम इस जंग में वापस लौटें जब हमें शर्मिंदा होने पर मजबूर नहीं किया जाएगा। हम कुछ समय तक बेलारूस में ही रहेंगे और तब कर यहां की आर्मी को दुनिया की दूसरी सबसे ताकतवर सेना बनाएंगे।

ये वही वीडियो है, जिसमें प्रगोजिन को वैगनर का झंडा सौंपा जाता है। (भास्कर इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।)

ये वही वीडियो है, जिसमें प्रगोजिन को वैगनर का झंडा सौंपा जाता है। (भास्कर इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।)

वैगनर के गठन में शामिल रहे उत्किन बोले- ये अंत नहीं
इसके बाद वैगनर का गठन करने में शामिल रहे दिमित्री उत्किन ने कहा- ये अंत नहीं है। यह दुनिया के सबसे बड़े काम की शुरुआत है जो जल्द ही पूरा किया जाएगा। वीडियो में प्रिगोजिन को एक काले रंग का वैगनर का झंडा दिया जाता है, जिस पर उनका मोटो ब्लड, ऑनर, मदरलैंड और करेज लिखा हुआ है। प्रिगोजिन का ये वीडियो उनकी प्रेस सर्विस ने भी टेलीग्राम पर शेयर किया है।

बेलारूस की सेना को ट्रेनिंग दे रहे वैगनर के लड़ाके
कुछ दिन पहले ही यूक्रेन और पोलैंड ने दावा किया था कि वैगनर के लड़ाके बेलारूस पहुंच चुके हैं। वो राजधानी मिंस्क के दक्षिण-पूर्वी इलाके में वहां की सेना को मिलिट्री ट्रेनिंग दे रहे हैं। बेलारूस पहुंचे के कुछ दिन बाद वहां के राष्ट्रपति लुकाशेंको ने कहा था कि प्रिगोजिन उनके देश से जा चुके हैं।

तस्वीर बेलारूस के मीडिया ने जारी की है। इसमें वैगनर के लड़ाके बेलारूस की सेना को ट्रेनिंग देते दिखाई दे रहे हैं।

तस्वीर बेलारूस के मीडिया ने जारी की है। इसमें वैगनर के लड़ाके बेलारूस की सेना को ट्रेनिंग देते दिखाई दे रहे हैं।

वैगनर चीफ के मॉस्को या सेंट पीटर्सबर्ग में होने की आशंका जताई थी। इसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि विद्रोह के बाद प्रिगोजिन और पुतिन की 2 बार मुलाकात हुई थी।

23 जून को वैगनर ने किया था विद्रोह
23 जून को वैगनर ग्रुप ने रूस के खिलाफ विद्रोह की घोषणा की थी। वैगनर आर्मी यूक्रेन के कैंप छोड़कर रूसी सीमा में दाखिल हो गई थी। उसने रोस्तोव शहर और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर कब्जा कर लिया था। प्रिगोजिन ने तब कहा था- हम मरने से नहीं डरते। उन्होंने दावा किया था वैगनर लड़ाकों ने रूसी सेना के कई हेलिकॉप्टर्स को मार गिराया था। RT के मुताबिक, प्रिगोजिन ने रूस के रक्षा मंत्री को रोस्तोव आकर उनसे मिलने के लिए कहा था।

ये तस्वीर 24 जून की है, जब प्रिगोजिन रूस के रोस्तोव शहर से वापस लौट रहे थे।

ये तस्वीर 24 जून की है, जब प्रिगोजिन रूस के रोस्तोव शहर से वापस लौट रहे थे।

बेलारूस ने कराया था समझौता
हालांकि, इसके 24 घंटे के अंदर ही प्रिगोजिन ने मॉस्को की ओर अपना कूच रोक दिया था। पुतिन और प्रिगोजिन के बीच बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको ने समझौता करवाया था। इस समझौते के तहत प्रिगोजिन को रूस छोड़कर बेलारूस जाने का आदेश दिया गया था। बदले में उसने वैगनर चीफ के खिलाफ कोई भी कार्रवाई न करने का वादा किया था। इसके बाद 27 जून को प्रिगोजिन बेलारूस पहुंच गया था।

वहीं वैगनर चीफ के जो लड़ाके विद्रोह में शामिल नहीं थे उन्हें रूसी डिफेंस मिनिस्ट्री के साथ एक अनुबंध साइन करने के लिए कहा गया था जिसके तहत वो मंत्रालय के आदेश के तहत काम करेंगे। रॉयटर्स के मुताबिक, रूस और वैगनर के बीच तल्खी यूक्रेन के बाखमुत में प्राइवेट आर्मी के ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल अटैक के बाद शुरू हुई थी। इस हमले में कई वैगनर लड़ाके मारे गए थे। प्रिगोजिन ने क्रेमलिन को इसका दोषी बताया था।

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