जापान की पुलिस ने 51 साल की महिला हिरोको हतागामी को करीब 3 हजार फेक एमरजेंसी कॉल करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह महिला पुलिस, अस्पताल, फायर ब्रिगेड को तीन साल से फर्जी फोन कर रही थी।
पूछताछ के दौरान उसने पुलिस को बताया कि वह अकेली और बेरोजगार है और वह चाहती थी कि कोई उसकी बात सुने और उस पर ध्यान दे।
दरअसल, हिरोको हतागामी जापान की राजधानी टोक्यो के नजदीक मात्सडो शहर में बेरोजगारी भरा जीवन काट रही थी। ऐसे में वह अपने घर, पड़ोस और मार्केट की लोकेशन भेजकर फर्जी इमरजेंसी कॉल किया करती।
2,761 कॉल कर फायर डिपार्टमेंट को किया परेशान
‘द मेनिची’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, हतागामी ने अगस्त 2020 और मई 2023 के बीच बार-बार फर्जी कॉल कर मात्सुडो फायर डिपार्टमेंट से एम्बुलेंस भेजने के लिए कहा। लेकिन जैसे ही एम्बुलेंस उसके पास पहुंचती वह मेडिकल हेल्प लेने से मना कर देती।
इतना ही नहीं वह यह बात मानने से भी इनकार कर देती कि उसने हेल्प के लिए कोई कॉल किया था। इस दौरान उसने 2,761 कॉल कीं।
हातागामी की ज्यादातर कॉल मनगढ़ंत हेल्थ प्रॉब्लम्स के इर्द-गिर्द होती थीं, जिनमें गंभीर पेट दर्द, नकली ओवरडोज और पैर दर्द के दावे शामिल रहते थे।
10 साल पहले 15 हजार कॉल करने वाली महिला हुई थी अरेस्ट
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में किसी महिला ने फर्जी कॉल की हों। दस साल पहले जापान की पुलिस ने 44 वर्षीय एक महिला को गिरफ्तार किया था।
दरअसल, उस महिला ने छह माह के अंदर ही 15 हजार से ज्यादा फर्जी कॉल की थीं। गिरफ्तार करने से पहले अथॉरिटी इस महिला के घर करीब 60 बार हेल्प के लिए पहुंची थी।
‘हिकिकोमोरी’ से परेशान हैं 15 लाख लोग
जापान में समाज से अलग रहने का चलन बढ़ा है। एक सर्वे में पता चला है कि जापान में करीब 15 लाख लोग अकेले रह रहे हैं जिसे ‘हिकिकोमोरी’ कहा जाता है। इस तरह अकेले रहने वाले लोग न तो उम्रदराज हैं और न ही खाली दिमाग वाले। बल्कि, ये बाकायदा कामकाजी लोग हैं। ये लोग जो सामाजिक संपर्क को नजरअंदाज करते हैं और अपने ही जीवन में खोए रहते हैं।