यूक्रेन वापस लौटे जंग के हीरो:तुर्किये ने मारियुपोल के 5 कमांडरों को किया आजाद; रूस बोला

रूस-यूक्रेन जंग को 500 दिन पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की तुर्किये से 5 पूर्व यूक्रेनी कमांडरों को देश वापस लेकर आए। रॉयटर्स के मुताबिक, ये कमांडर पिछले साल मारियुपोल के एजोवस्तल स्टील प्लांट में तैनात थे और इन्होंने 3 महीने तक रूसी सेना को चुनौती दी थी। इन कमांडर्स को यूक्रेन का शेर या हीरो भी कहा जाता है।

रूस ने कमांडरों के वापस लौटने का विरोध किया है। उसने इस प्रिजनर स्वैप एग्रीमेंट का उल्लंघन बताया। दरअसल, पिछले साल सितंबर में तुर्किये ने रूस-यूक्रेन के बीच कैदियों के एक्सचेंज के लिए डील कराई थी। इसके बदले तुर्किये ने जंग खत्म होने तक यूक्रेन के सैनिकों को अंकारा में रखने का वादा किया था।

तस्वीर में जेलेंस्की तुर्किये से वापस आए यूक्रेनी कमांडरों के साथ नजर आ रहे हैं।

तस्वीर में जेलेंस्की तुर्किये से वापस आए यूक्रेनी कमांडरों के साथ नजर आ रहे हैं।

रूस बोला- हमें कैदियों को छोड़ने की जानकारी नहीं मिली
अल जजीरा के मुताबिक इन कमांडरों के नाम डेनिस प्रोकोपेंको, स्वेयातोस्लाव पालमार, सेरहीय वोलिंस्की, ओलेह खोमेंको, डेनिस श्लेहा हैं। कमांडरों की रिहाई पर क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा- अंकारा ने समझौते के तहत लोगों को जंग खत्म होने तक तुर्किये में रखने का वादा किया था। उन्होंने सैनिकों को छोड़ने से पहले रूस को जानकारी नहीं दी। उन्होंने डील का उल्लंघन किया है। उनके ऊपर NATO के दूसरे देशों ने ऐसा करने का प्रेशर बनाया है।

जेलेंस्की ने प्लेन में कमांडरों से जंग पर चर्चा की।

जेलेंस्की ने प्लेन में कमांडरों से जंग पर चर्चा की।

तुर्किये में कमांडरों को देखते ही जेलेंस्की ने उन्हें गले लगा लिया।

तुर्किये में कमांडरों को देखते ही जेलेंस्की ने उन्हें गले लगा लिया।

जेलेंस्की बोले- देश के सैनिकों को घर लाने का सिलसिला जारी रहेगा
वहीं कमांडरों को वापस लाने के बाद ल्वीव में एक सेरेमनी के दौरान जेलेंस्की ने कहा- हम जंग के हीरोज को वापस उनके घर लेकर आए हैं। अब ये लोग अपने परिवार के साथ रह सकेंगे। मैं इसके लिए तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को धन्यवाद कहता हूं। हम आगे भी अपने कमांडरों को देश वापस लाने का सिलसिला जारी रखेंगे।

मारियुपोल में 3 महीने चली थी जंग, हजारों नागरिकों की हुई थी मौत
पिछले साल 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के तुरंत बाद रूस ने मारियुपोल शहर पर हमला कर दिया था। 3 महीने तक इस शहर में चली जंग में यूक्रेन के हजारों नागरिकों की मौत हो गई थी। इसके बाद 17 मई को सरकार के कहने पर यूक्रेनी सैनिकों ने सरेंडर कर दिया था।

रूस ने यूक्रेन के सैनिकों को कैदी बना लिया था। फिर सितंबर में तुर्किये ने रूस-यूक्रेन के बीच प्रिजनर स्वैप के लिए डील करवाई थी। इसके तहत यूक्रेन के सैनिकों को रूस से अंकारा शिफ्ट कर दिया गया था।

तुर्किये बोला- यूक्रेन को NATO में शामिल होने का हक
इससे पहले शुक्रवार को जेलेंस्की ने तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन के NATO में शामिल होने का समर्थन किया था। साथ ही उन्होंने जंग खत्म करने के प्रयासों पर भी जोर देने की बात कही थी। जंग के 500 दिन पूरे होने पर इस्तांबुल से वापस आकर जेलेंस्की ने स्नेक आइलैंड का दौरा किया था। इस दौरान जंग में शामिल कई यूक्रेनी सैनिकों का सम्मान भी किया गया था।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा- रूस न्याय और स्थायी शांति में एकमात्र बाधा है। हम यूक्रेन का तब तक साथ देंगे जब तक इसकी जरूरत होगी। वहीं फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा- समय के साथ रूस के ये एहसास जरूर होगा कि उसने गुस्से में गलत तरह से जंग शुरू करके कितनी बड़ी गलती की है और उसे इसे खत्म करना चाहिए।

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