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बारिश में सूर्यदेव न दिखे तो कैसे चढ़ाएं जल:घर में पूर्व दिशा में लगाएं सूर्य की तस्वीर या रखें मूर्ति, पानी में चावल और लाल फूल डालकर

रोज सुबह सूर्य की पूजा करने से दिनभर सकारात्मकता बनी रहती है। इस परंपरा की वजह से स्वास्थ्य लाभ भी मिलती है, लेकिन अभी बारिश का समय होने की वजह से कई बार सुबह सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो पाते हैं। जानिए बारिश के दिनों में सूर्यदेव की पूजा कैसे की जा सकती है…

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, जो लोग रोज सूर्य पूजा करते हैं, उन्हें अपने घर में पूर्व दिशा में सूर्य की तस्वीर लगानी चाहिए या मूर्ति रख सकते हैं। सूर्य पूर्व दिशा से ही उदय होते हैं, इसलिए इसी दिशा में इनकी तस्वीर या मूर्ति रखनी चाहिए। सुबह अर्घ्य अर्पित करते समय सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो रहे हैं तो घर में रखी तस्वीर या मूर्ति की पूजा करनी चाहिए। तांबे के लोटे से मूर्ति पर जल चढ़ाएं। हार-फूल से श्रृंगार करें। पूजन सामग्री चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं, भोग लगाएं और आरती करें। जो लोग विधिवत पूजा नहीं कर पाते हैं, उन्हें रोज घर से निकलने से पहले सूर्यदेव के दर्शन करना चाहिए।

पंचदेवों में से एक हैं सूर्य

शास्त्रों में पंचदेव बताए गए हैं। इनकी पूजा हर शुभ काम में की जाती है। पंचदेवों की पूजा के बाद ही शुभ काम शुरू होते हैं। इन पांच देवताओं में गणेश जी, शिव जी, विष्णु जी, देवी दुर्गा और सूर्यदेव शामिल हैं। सूर्यदेव एक मात्र साक्षात् दिखाई देने वाले देवता हैं। रोज सुबह इनकी पूजा करने से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। कुंडली के ग्रह दोष शांत होते हैं। कार्यों मे आ रही बाधाएं दूर होती हैं और सेहत ठीक रहती है। ऐसी मान्यता है।

ऐसे कर सकते हैं सूर्य पूजा

सूर्य को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करें। लोटे में जल के साथ चावल, कुमकुम, चंदन, लाल फूल डालें और फिर सूर्य को अर्पित करें। सूर्य को लाल फूल, लाल वस्त्र और गुड़ चढ़ाना चाहिए।

जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ भास्कराय नम: आदि मंत्रों का जप करना चाहिए।

अगर किसी की कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति ठीक नहीं है तो उसे सूर्य को रोज जल चढ़ाना चाहिए। इससे सूर्य के दोष दूर हो सकते हैं।

रविवार को गुड़ का दान करना चाहिए।

हनुमान जी के गुरु हैं सूर्य देव

सूर्य नौ ग्रहों के राजा हैं। ये ग्रह सिंह राशि का स्वामी है। शनिदेव, यमराज और यमुना सूर्य की संतानें हैं। सूर्यदेव हनुमान जी के गुरु हैं। सूर्य से ही हनुमानजी ने ज्ञान हासिल किया था। इसी वजह से जो लोग सूर्य पूजा करते हैं, उनका ज्ञान बढ़ता है, बुद्धि तेज होती है।

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