रविवार, 9 जुलाई को सावन मास का रविवार है। इसलिए ये दिन सूर्य पूजा के लिए विशेष शुभ फलदायी रहेगा। सावन में पर्जन्य नाम से भगवान सूर्य की पूजा करने का विधान हैं। ऐसा करने से बीमारियां और परेशानियां दूर होती हैं। साथ ही उम्र भी बढ़ती है।
पुराणों में ये भी कहा है कि सावन महीने के रविवार को सूर्य पूजा और व्रत करने से मनोकामना पूरी होती हैं। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि सावन में सूर्य पूजा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है, इसलिए उगते हुए सूरज को अर्घ्य अर्पित करने का विधान ग्रंथों में बताया है।
सूर्य पूजा से पहले तिल स्नान
रविवार को पानी में तिल और गंगाजल मिलाकर नहाना चाहिए। ऐसा करने से तीर्थ स्नान करने जितना पुण्य मिलता है और जाने-अनजाने में हुए पाप खत्म होते हैं। इस तरह पवित्र स्नान करने से के बाद सूर्य पूजा करनी चाहिए। पुराणों में सावन मास के लिए कहा गया है कि इस महीने पर्जन्य रूप में सूर्य, बारिश करवाते हैं। जिससे पूरे साल धरती के जीवों को पानी मिलता रहे।
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि रविवार को सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे लोटे में जल भरें और उसमें लाल फूल, चावल डाल लें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें।
सूर्य पूजा के बाद भगवान शिवजी की पूजा करनी चाहिए। शिव पुराण का कहना है कि सावन महीने के रविवार को की गई शिव पूजा पाप नाशक होती है। इस दिन शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाकर दूध से अभिषेक करें। फिर जनेऊ, मदार के फूल, धतूरा, बिल्वपत्र और भस्म चढ़ाएं।
पूजा के बाद आखिरी में मौसमी फल और मिठाई का नैवेद्य लगाकर आरती करें। फिर प्रसाद लें और दूसरों को भी बांटे। शिवलिंग के पास तिल के तेल का दीपक लगाने से रोग और दोषों से छुटकारा मिलने लगता है।