भारतीय फुटबॉल टीम ने सीजन में धमाकेदार आगाज किया है। टीम ने पिछले एक महीने में 3 बड़े अचीवमेंट हासिल कर लिए।
सुनील छेत्री की कप्तानी में टीम इंडिया ने अपने इंटरनेशनल कैंपेन की शुरुआत इंटरकॉन्टिनेंटल कप जीतकर की। फिर FIFA की टॉप-100 रैंकिंग में 5 साल बाद वापसी और मंगलवार रात को तीसरी बार साउथ एशियन फुटबॉल फेडरेशन (SAFF) चैम्पियनशिप के टाइटल का सफल बचाव किया। भारत ने फाइनल में कुवैत को पेनल्टी शूटआउट में 5-4 से हराया।
ऐसे में जानना जरूरी है कि क्या साल 2023 भारतीय फुटबॉल के लिए गेमचेंजर साबित होगा। क्या इस साल की सफलताएं भविष्य में भारतीय फुटबॉल को सुनहरे भविष्य की ओर ले जाएंगी। दिसंबर 1992 में FIFA का रैंकिंग सिस्टम शुरू होने के बाद भारतीय टीम के उल्लेखनीय प्रदर्शन का एनालिसिस आगे स्टोरी में हम जानेंगे।
शुरुआत करते हैं 3 अचीवमेंट से…
1. घर लौटा इंटरकॉन्टिनेंटल कप, लेबनान को 46 साल बाद हराया
18 जून को टीम इंडिया ने इंटरकॉन्टिनेंटल कप अपने नाम किया। यह कप 5 साल बाद घर आया। इससे पहले भारतीय टीम 2018 में चैम्पियन बनी थी।
भारत ने लेबनान को 46 साल बाद हराया। टीम इंडिया ने इससे पहले लेबनान को प्रेसिडेंट कप में 1977 में हराया था।
इस टूर्नामेंट की शुरुआत 2018 में हुई थी। भारत ही इसे हर बाद होस्ट करता है। टीम ने 3 सीजन में 2 बार खिताब जीता है।
2. अपनी चौथी बेस्ट रैंकिंग में पहुंचा भारत
इंटरकॉन्टिनेंटल कप के बाद भारत को FIFA रैंकिंग में फायदा हुआ और टीम अपने इतिहास की चौथी बेस्ट रैंकिंग पर पहुंच गई। टीम ने 5 साल बाद टॉप-100 रैंकिंग में वापसी की थी, जो बताता है कि टीम पिछले कुछ समय से अपना बेस्ट फुटबॉल खेल रही है।
3. 9वीं बार साउथ एशियन चैम्पियन बना भारत
भारत ने SAFF चैम्पियनशिप भी जीत ली। भारतीय टीम 9वीं बार साउथ एशियन चैम्पियन बनी है। फुल टाइम और एक्स्ट्रा टाइम में मुकाबला 1-1 से ड्रॉ रहने के बाद टीम ने कुवैत को पेनल्टी शूटआउट में 5-4 से हराया। 2023 से पहले भारतीय टीम गोल खाने के बाद कमजोर पड़ जाती थी, लेकिन SAFF फाइनल में भारत ने अपना नया रूप दिखाया। टीम ने फर्स्ट हाफ में ही गोल खाने के बावजूद शानदार कमबैक किया और सेकेंड हाफ में गोल स्कोर कर बराबरी हासिल की। टीम ने फिर पेनल्टी शूटआउट में मुकाबला भी जीता।
भारत ने ग्रुप स्टेज में कुवैत से ड्रॉ खेला था, वहीं नेपाल और पाकिस्तान पर जीत दर्ज की थी। सेमीफाइनल में टीम ने लेबनान को भी पेनल्टी शूटआउट में ही हराया। टीम ने लेबनान को 15 दिन में दूसरी बार हराया। इंटरकॉन्टिनेंटल कप भी टीम इंडिया ने लेबनान को हराकर ही जीता।
अब 2 पॉइंट्स में समझते हैं भारत के सर्वश्रेष्ठ साल…
1. भूटिया-विजयन की जोड़ी ने 1996 में बेस्ट रैंकिंग दिलाई
दिसंबर 1992 में पहली बार FIFA रैंकिंग की शुरुआत हुई। तब भारत के पास आई एम विजयन, जो पॉल आंचेरी और ब्रूनो कॉटिन्हो के दमदार आक्रमण वाली टीम थी। तब भारत ने 1993 में शानदार प्रदर्शन किया और साउथ एशियन गेम्स में सिल्वर जीतकर साल के अंत तक पहली बार टॉप-100 टीमों की रैंकिंग में प्रवेश किया।
उस साल भारत ने लेबनान से ड्रॉ खेला और 1994 फीफा विश्व कप क्वालिफायर्स में हॉन्गकॉन्ग पर जीत हासिल की। इतना ही नहीं, दो इंटरनेशनल मैच ड्रॉ भी कराए। टीम ने कैमरून और फिनलैंड को बराबरी पर रोका, जिसका फायदा रैंकिंग में मिला।
1994 के बाद एक-दो साल में ज्यादा इंटरनेशनल मैच नहीं मिलने से टीम की रैंकिंग 121 पर पहुंच गई। साल 1995 में बाइचुंग भूटिया के आने के बाद भारत की फॉरवर्ड लाइन और भी मजबूत और आक्रामक हो गई। टीम टीम इंडिया की फ्रंटलाइन में भूटिया और विजयन जैसे दमदार खिलाड़ी थे। 1996 में भूटिया और विजयन की जोड़ी ने ही भारत को ऑलटाइम बेस्ट 94वीं रैंकिंग तक पहुंचाया।
इस दौरान भारत ने SAFF चैम्पियनशिप (1997 और 1999) के लगातार दो खिताब अपने नाम किया। उसके बाद टीम इंडिया ने दो बार और लगातार दो खिताब जीते। इनमें 2009-11 और 2021-23 के सीजन शामिल हैं। यानी कि मंगलवार को भारत ने तीसरी बार SAFF चैम्पियनशिप में अपने खिताब का सफल बचाव किया।