रोहतक में पिकअप ड्राइवर का मर्डर:मारने के बाद हमलावरों ने चौक पर फेंका शव, 6 महीने पहले ही बना था पिता
July 4, 2023
मंगल के राशि परिवर्तन का फल:18 अगस्त तक तुला सहित 6 राशियों को धन लाभ और तरक्की के योग; कन्या,
July 4, 2023

आज से सावन शुरू:घर पर ही सरल स्टेप्स में कैसे करें शिव पूजा, कौन-कौन सी चीजें हैं जरूरी?

आज (मंगलवार) सावन का पहला दिन है। इस बार अधिक मास की वजह से सावन दो महीनों का है। 4 जुलाई से 31 अगस्त की सुबह तक सावन रहेगा और फिर भाद्रपद मास शुरू होगा। रक्षा बंधन 30 अगस्त को मनाया जाएगा। इस महीने में शिव जी का अभिषेक करने की परंपरा है। शिवलिंग पर जल चढ़ाकर ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप कर सकते हैं। आज से 31 अगस्त तक 16 दिन सर्वार्थसिद्धि, अमृत सिद्धि, द्विपुष्कर जैसे शुभ योग रहेंगे। इन योगों में पूजा-पाठ के साथ खरीदारी भी की जा सकती है।

जानिए सावन से जुड़ी खास बातें, शिव पूजा की सरल स्टेप्स और पूजा के लिए जरूरी चीजें…

19 साल बाद सावन में अधिक मास

2023 से पहले 2004 में भी सावन महीने में अधिक मास आया था। सावन मास में दो चतुर्थियां, दो एकादशियां, हरियाली अमावस्या, नाग पंचमी, रक्षाबंधन मनाया जाएगा। अधिक मास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा और इस पूरे महीने में व्रत-उपवास और पूजा-पाठ किए जाएंगे।

सावन के दूसरे सोमवार पर सोमवती अमावस्या है। सातवें सोमवार को नाग पंचमी और आखिरी सोमवार को प्रदोष व्रत रहेगा। इस साल रक्षा बंधन (30 अगस्त) पर भद्रा की वजह से राखी बांधने के लिए दिन में कोई मुहूर्त नहीं होगा। रात में 9 बजे बाद रक्षाबंधन मनाया जा सकेगा।

सवाल- क्या सभी ज्योतिर्लिंगों में सावन 4 जुलाई से ही शुरू होगा?

जवाब – नहीं, क्योंकि देशभर में दो तरह के हिंदी पंचांग प्रचलित हैं। एक पूर्णिमांत पंचांग, जिसमें महीने की शुरुआत पूर्णिमा के अगले दिन होती है। दूसरा अमांत पंचांग, जिसमें महीने की शुरुआत अमावस्या के अगले दिन से होती है। गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में अमांत पंचांग मान्य है।

इस कारण गुजरात के सोमनाथ, महाराष्ट्र के घृष्णेश्वर, भीमाशंकर, त्र्यंबकेश्वर, दक्षिण भारत के रामेश्वरम् और मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंगों में सावन महीने की शुरुआत 18 जुलाई से होगी, 14 सितंबर तक सावन मास ही माना जाएगा। वहीं, मध्यप्रदेश के महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, उत्तराखंड के केदारनाथ, झारखंड के बैद्यनाथ, उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंगों में 4 जुलाई से सावन माह शुरू होगा, 31 अगस्त की सुबह समाप्त होगा।

सवाल – सावन में कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं?

जवाब – सावन में खरीदी, नए काम की शुरुआत जैसे कामों के लिए 16 दिन शुभ योग रहेंगे।

सर्वार्थसिद्धि योग – 9 जुलाई, 11, 23, 27 और 30 जुलाई को। इसके बाद 6 अगस्त, 9, 14, 15, 20 और 24 अगस्त को। सर्वार्थसिद्धि योग में किए गए नए काम और पूजन कर्म सिद्ध होते हैं यानी सफल होते हैं।

अमृत सिद्धि योग – 11 और 23 जुलाई के बाद 20 अगस्त को। इस योग में शुरू किए गए काम लंबे समय तक लाभ देते हैं, ऐसी मान्यता है।

द्विपुष्कर योग – 25 जुलाई और 12 अगस्त को। ​​​​​​

त्रिपुष्कर योग – 4 जुलाई को। इन योगों में नया वाहन ले सकते हैं, नया मकान बनाने का काम शुरू कर सकते हैं।

पुष्य नक्षत्र – 14 अगस्त की दोपहर 12 बजे से 15 अगस्त की दोपहर 2.20 बजे तक। ये शनि का नक्षत्र है और शनि के नक्षत्र में की गई खरीदारी ज्यादा समय तक लाभ देती है।

सवाल – सावन को श्रावण क्यों कहते हैं और इस महीने में सबसे ज्यादा शिव जी की पूजा क्यों की जाती है?

जवाब – शिवपुराण की विद्येश्वरसंहिता के अध्याय 16 में शिव जी कहते हैं कि सभी मासों में श्रावण (सावन) मुझे सबसे अधिक प्रिय है। इस महीने में श्रवण नक्षत्र वाली पूर्णिमा रहती है। इस कारण इसे श्रावण मास कहते हैं। मान्यता है कि इसी महीने में देवी पार्वती ने भगवान शिव से विवाह के लिए तपस्या शुरू की थी। कई सालों की तपस्या के बाद शिव ने प्रसन्न होकर इसी महीने में उन्हें वरदान दिया था। इसी कारण शिव को सावन मास प्रिय है।

सवाल – शिवलिंग पर जल और बिल्व पत्र क्यों चढ़ाते हैं?

जवाब – इस परंपरा का संबंध समुद्र मंथन से है। पुराने समय में देवताओं ने दावनों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया था। इस मंथन में सबसे पहले हलाहल विष निकला। हलाहल की वजह सृष्टि के सभी लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया था। सभी की सुरक्षा के लिए शिव जी ने ये विष पी लिया।

इस विष को शिव जी ने अपने गले में धारण किया था, इस कारण उनका कंठ नीला हो गया और वे नीलकंठ कहलाए। विष की वजह शिव जी के शरीर में गर्मी बहुत बढ़ गई थी। इस गर्मी को और विष के असर को खत्म करने के लिए शिव जी को बिल्व पत्र खिलाए गए और शिवलिंग पर ठंडे जल की धारा चढ़ाई गई थी। इसी वजह से शिवलिंग पर चंदन, दूध, दही, गंगाजल जैसी ठंडी तासीर वाली चीजें खासतौर पर चढ़ाने की परंपरा है।

सवाल – सावन में ग्रहों की स्थिति कैसी रहेगी?

जवाब – दो महीनों के सावन में 9 में से 5 ग्रह राशि बदलेंगे। गुरु, शनि और राहु-केतु का राशि परिवर्तन नहीं होगा। सूर्य 17 जुलाई को मिथुन से कर्क में और फिर 17 अगस्त को सिंह में प्रवेश करेगा। चंद्र सावन की शुरुआत में मकर राशि में है। ये ग्रह हर ढाई दिन में राशि बदलता है। मंगल 18 अगस्त को सिंह से कन्या मे जाएगा।

बुध 8 जुलाई से कर्क में, 24 से सिंह में रहेगा। 24 अगस्त को ये ग्रह सिंह राशि में ही वक्री हो जाएगा। गुरु ग्रह पूरे सावन मेष राशि में रहेगा।

शुक्र 6 जुलाई से सिंह में रहेगा और 23 जुलाई को इसी राशि वक्री हो जाएगा। वक्री रहते हुए ही शुक्र 7 अगस्त को कर्क राशि में आ जाएगा।

शनि कुंभ में, राहु मेष और केतु तुला में रहेगा।

सवाल – सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा सावन?

जवाब – सावन में मेष, वृषभ, मिथुन, तुला और कुंभ राशि के लोगों को लाभ मिल सकता है। अटके हुए काम सफल हो सकते हैं। घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलेगा।

कर्क, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि के लोगों को सावन में संभलकर रहना होगा। छोटी सी गलती बड़ा नुकसान करवा सकती है।

धनु और मकर राशि के लिए समय सामान्य रहेगा। ये लोग जितना काम करेंगे, उतना लाभ मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Updates COVID-19 CASES