आषाढ़ पूर्णिमा आज:सौभाग्य और आरोग्य बढ़ाने के लिए इस पर्व पर किया जाता है स्नान-दान, दो शुभ योग बनने से खास रहेगा दिन
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पूर्णिमा पर्व आज:मन्वादि तिथि होने से इस दिन किया स्नान-दान अक्षय पुण्य देने वाला होता है, गुरु के साथ शिव-पार्वती पूजा का भी महत्व

आज आषाढ़ महीने की पूर्णिमा है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। स्कंद पुराण के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा पर भगवान विष्णु का वास जल में होता है, इसलिए तीर्थ या पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। आषाढ़ महीने की पूर्णिमा पर भगवान शिव और पार्वती की पूजा भी की जाती है। इस दिन किए गए दान और उपवास से अक्षय फल मिलता है।

हर माह की पूर्णिमा को कोई न कोई पर्व जरूर मनाया जाता है। पूर्णिमा पर एक समय भोजन किया जाए और चंद्रमा या भगवान सत्यनारायण का व्रत करें तो हर तरह के सुख प्राप्त होते हैं। साथ ही समृद्धि और पद-प्रतिष्ठा भी मिलती है।

पूर्णिमा का विशेष नाम सौम्या है। यह पूर्णा तिथि है। यानी पूर्णिमा पर किए गए शुभ काम का पूरा फल प्राप्त होता है। इसके स्वामी स्वयं चन्द्र देव ही हैं। ज्योतिष ग्रंथों में पूर्णिमा तिथि की दिशा वायव्य बताई गई है।

आषाढ़ पूर्णिमा का महत्व
आषाढ़ महीने की पूर्णिमा पर तीर्थ स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। इस महीने की पूर्णिमा पर भगवान शिव-पार्वती की पूजा के साथ कोकिला व्रत किया जाता है। इस व्रत के प्रभाव दांपत्य सुख बढ़ता है और अविवाहित कन्याओं को अच्छा वर मिलता है। इस दिन महर्षि वेद व्यास की जयंती मनाई जाती है। इसलिए गुरु पूजा की परंपरा होने से गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है। इसके साथ ही भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है।

स्नान-दान का अक्षय पुण्य वाला पर्व
आषाढ़ महीने की पूर्णिमा पर चाक्षुष मन्वंतर शुरू हुआ था, इसलिए ये मन्वादि तिथि कहलाती है। इस तिथि पर किए गए स्नान-दान से मिलने वाला पुण्य अक्षय होता है। मन्वादि तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा भी है। इस तिथि पर भगवान विष्णु के साथ महर्षि वेदव्यास का पूजन भी किया जाता है।

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