आज आषाढ़ महीने की पूर्णिमा है। जिससे गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। इस बार ये पर्व बहुत खास है। पूर्णिमा पर 2 ग्रह अपनी ही राशि में रहेंगे साथ ही दो शुभ योग बन रहे हैं। सितारों की शुभ स्थिति के प्रभाव से आषाढ़ पूर्णिमा पर स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष फल मिलेगा। इस शुभ पर्व पर खरीदारी, निवेश और लेन-देन करने से फायदा होता है।
ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि आषाढ़ पूर्णिमा के संयोग में पूरे दिन बुधादित्य और ब्रह्म योग रहेंगे। साथ ही बुध, और शनि भी अपनी-अपनी राशियों में होंगे। ग्रह-नक्षत्रों की इस शुभ स्थिति के कारण आषाढ़ पूर्णिमा पर किए गए स्नान-दान और पूजा-पाठ का पुण्य और भी बढ़ जाएगा।
स्नान-दान की परंपरा
इस दिन गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान और पितरों का पूजन करने से कई गुना पुण्य फल मिलेगा। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर नहा लेना चाहिए। ऐसा न कर पाएं तो घर पर ही पानी में गंगाजल या अन्य पवित्र नदियों का जल मिलाकर नहाना चाहिए। इस दिन शुभ मुहूर्त में दान करना चाहिए। ऐसा करने से पूरा पुण्य मिलता है।
सौभाग्य और आरोग्य बढ़ाने के लिए दान
पूर्वाषाढ़ नक्षत्र पूजा-पाठ और स्नान-दान का पुण्य बढ़ाने वाला है। इसका स्वामी जल है। इसी तरह ब्रह्म योग के अधिपति अश्विनी कुमार है। जो कि हर प्रकार के कार्य में सिद्धि प्रदान करने वाले हैं। इस पर्व पर धनु राशि में चंद्रमा होने से वैभव में वृद्धि होगी और इस दिन स्नान कर के जल, घट और सफेद चीजों का का दान करना शुभ रहेगा। इस तरह दान करने से सौभाग्य बढ़ता है और आरोग्य भी मिलता है। आषाढ़ पूर्णिमा पर किए गए दान से बीमारियां दूर होती हैं और समृद्धि बढ़ती है।
आषाढ़ पूर्णिमा पर क्या करें
आषाढ़ महीने की पूर्णिमा पर यज्ञ, तीर्थ स्नान-दान के साथ ही फर्नीचर, प्रॉपर्टी, व्हीकल और ज्वैलरी खरीदारी जैसे काम के लिए शुभ मुहूर्त होते हैं। पूर्णा तिथि होने से इस पर्व पर किए गए काम पूरे होते हैं। इसके साथ शनिवार होने से जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े और अन्न का दान खासतौर से करना चाहिए। इनके साथ ही इस दिन व्रत रखें और भगवान विष्णु की पूजा करें। इस पर्व पर गाय को खाने की चीजें और पूरे दिन की घास या चारा दान करें।