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अमेरिका में 17 साल धमाके करने वाले प्रोफेसर की मौत:जंगल में रहकर खुद बम बनाता था, FBI को इसे पकड़ने में लगे 20 साल

अमेरिका को लगभग 17 सालों तक बम धमाकों से परेशान करने वाले आतंकी और मैथ प्रोफेसर थियोडरे काजिंस्की की शनिवार को मौत हो गई। 81 साल का कजिंस्की बेगुनाह लोगों की जान लेने का दोषी पाए जाने के बाद 1996 से जेल की सजा काट रहा था।

नोर्थ कैरोलिना के जेल अधिकारी ने बताया कि काजिंस्की शनिवार सुबह अपनी सेल में मृत पाया गया। वो काफी समय से बीमार चल रहा था। अमेरिका में काजिंस्की को टेड और उनाब़ॉम्बर के नाम से जाना जाता था। इसकी वजह ये थी कि वो खुद जंगलों में रहकर अपने बम बनाता था और अकेले ही हमलों को अंजाम देता था।

पत्नी और बच्चे के साथ टेड काजिंस्की की तस्वीर।

पत्नी और बच्चे के साथ टेड काजिंस्की की तस्वीर।

1978 से 1995 तक अमेरिका में हमले किए
शिकागो के रहने वाला टेड काजिंस्की वो शख्स है, जिसे पकड़ने के लिए FBI ने अपने इतिहास की सबसे लंबी और महंगी जांच चलाई। वो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ा था और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में मैथ का प्रोफेसर बनने वाले सबसे कम उम्र का व्यक्ति बना। हालांकि, 30 जून 1969 को टेड ने इस्तीफा दे दिया। वो मोंटाना के जंगलों में अपनी झोपड़ी बनाकर रहने लगा।

कजिंस्की का आईक्यू लेवल 167 था, आमतौर पर बहुत कम लोग ही ऐसे होते हैं। 130 आईक्यू लेवल के लोगों की गिनती बहुत ही तेज तर्रार लोगों में होती है, लेकिन ये उन लोगों से काफी आगे था। खासकर मैथ्स में उसका दिमाग काफी तेजी से चलता था।

1978 में उसने अमेरिका में बम धमाके करना शुरू कर दिया। जो 1995 में उसके पकड़े जाने तक जारी रहे। वो निशाने पर रखे गए लोगों को डाक के जरिए भी बम भेजता था। पकड़ में न आने के लिए वो दूसरों के फिंगर प्रिंट्स का इस्तेमाल करता था।

एक बार उसने अमेरिकन एयरलाइन की फ्लाइट के कार्गो में बम रख दिया था। हालांकि, कुछ गड़बड़ी की वजह से कुछ नहीं हुआ सिर्फ धुआं उठा। अगर बम फट जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था।

तस्वीर मोंटाना की उस झोपड़ी की है, जिसमें टेड कांजिस्की रहता था।

तस्वीर मोंटाना की उस झोपड़ी की है, जिसमें टेड कांजिस्की रहता था।

टेड काजिंस्की की झोपड़ी से मिली डायरी।

टेड काजिंस्की की झोपड़ी से मिली डायरी।

न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट में छपवाया मेनिफेस्टो
काजिंस्की ने 1995 में अमेरिका के टॉप अखबारों न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉशिंगटन पोस्ट में अपना मेनिफेस्टो छपवाया था। जो 35 हजार शब्दों का था। इसमें उसने मॉडर्न होती दुनिया की जीवनशैली पर सवाल खड़े किए थे। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक काजिंस्की को लगता था कि टेक्नोलॉजी की वजह से अमेरिका के लोग कमजोर होते जा रहे हैं।

मेनिफेस्टो छपने के बाद काजिंस्की की भाई और उसकी भाभी ने उसकी भाषा को पहचान लिया। इसकी जानकारी FBI को दी गई। तब जाकर अप्रैल 1996 में वो पकड़ा गया। उसके हमलों में 3 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 23 से ज्यादा घायल हुए थे।

1996 में मेनिफेस्टो छपने के बाद उसे FBI ने गिरफ्तार कर लिया था।

1996 में मेनिफेस्टो छपने के बाद उसे FBI ने गिरफ्तार कर लिया था।

इसके बाद उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। गिरफ्तारी के वक्त FBI को कजिंस्की के जंगल में बने घर से बम बनाने में इस्तेमाल होने वाली ढेर सारी समाग्री और 40 हजार से अधिक मैग्जीन मिली थी। जो काजिंस्की ने लिखी थी। इन पत्रिकाओं में कजिंस्की ने अपने अपराधों की दुनिया और बम बनाने के प्रयोगों का जिक्र किया था।

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