युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवनी ने सोमवार को समलैंगिकों के खिलाफ दुनिया का सबसे सख्त कानून पारित किया है। इससे वहां समलैंगिक संबंध बनाने पर अब उम्र कैद से लेकर मौत की सजा तक मिल सकती है। हालांकि युगांडा में सेम सेक्स रिलेशन्स पर पहले भी बैन था, लेकिन इतनी सख्त सजा का प्रावधान नहीं था।
सांसदों ने कानून पारित करते हुए समलैंगिक संबंधों को समाज के मूल्यों के खिलाफ होना बताया है। साथ ही कानून का ठीक से पालन करवाने की शपथ भी ली है। कानून पास होते ही दुनिया भर में इसकी आलोचनाएं शुरू हो चुकी हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने तो युगांडा के कई अधिकारियों और अफसरों पर पाबंंदियां लगाने और वहां अमेरिकी निवेश को कम करने की चेतावनी दी है।
तस्वीर युगांडा की संसद की है, सांसद समलैंगिक संबंधों के मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं।
HIV संक्रमित ने संबंध बनाए तो मिलेगी मौत की सजा
युगांडा में नए कानून के मुताबिक 18 साल से कम उम्र के किसी व्यक्ति या एचआईवी संक्रमित के साथ समलैंगिक यौन संबंध बनाने पर मौत की सजा हो सकती है। वहीं, होमोसेक्शुअलिटी को प्रोमोट करने पर 20 साल जेल में रहना होगा।
हालांकि, किसी को सिर्फ गे, लेस्बियन या होमोसेक्शुइल होने पर कोई सजा नहीं होगी। सजा तभी होगी जब वो समलैंगिक संबंधों में शामिल होगा। हालांकि, मुसेवेनी ने सांसदों से ‘गंभीर समलैंगिकता’ को मृत्युदंड देने वाले प्रावधान से हटाने की सलाह दी थी जिसे सांसदों ने खारिज कर दिया।
इसका मतलब है कि बार-बार अपराध करने वालों को मौत की सजा दी जा सकती है। हालांकि युगांडा ने कई साल से मृत्युदंड नहीं दिया है। इससे पहले जब मार्च में राष्ट्रपति के पास ये बिल पारित करवाने के लिए भेजा गया था तो उसमें किसी को गे होने पर भी सजा देने की बात कही गई थी। जिसे राष्ट्रपति ने आपत्ति के बाद हटाया गया था।
अफ्रीका महाद्वीप में केवल युगांडा ऐसा देश नहीं है जहां समलैंगिक संबंधों पर पाबंदियां हों। बल्कि वहां 30 से ज्यादा देशों में सेम सेक्स रिलेशन्स बनाने पर पाबंदियां लगी हैं।