हरियाणा के नारनौल शहर के ब्लड कैंसर से पीड़ित युवक की मौत हो गई है। उसने PGI रोहतक जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया, जबकि जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सामने उसकी बहन ने इलाज की गुहार लगाई थी, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिलने पर उसकी जान चली गई। युवक की मौत के लिए परिजन अधिकारियों को जिम्मेदार बता रहे हैं।
झज्जर एम्स में नहीं चलता आयुष्मान कार्ड
नारनौल के गांव सीहमा में 25 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का जन संवाद कार्यक्रम था। इसमें ब्लड कैंसर से पीड़ित प्रवीण कुमार ने अपना इलाज करवाने के लिए आवाज उठाई थी। कार्यक्रम में पीड़ित की बहन ने मुख्यमंत्री से फरियाद लगाई थी कि उसके भाई का कहीं भी इलाज नहीं हो रहा। नारनौल में भी चिकित्सा अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे।
मुख्यमंत्री की बहन ने कहा था कि उनके पास आयुष्मान कार्ड है तथा वे BPL श्रेणी में आते हैं। इसके बावजूद न तो उनको नारनौल में इलाज मिला, न ही रोहतक PGI में। जब वे झज्जर एम्स गए तो वहां पर आयुष्मान कार्ड मानने से मना कर दिया गया। उनको कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिली, जिसके कारण वह अपने भाई का इलाज नहीं करवा सकती।
मुख्यमंत्री का आदेश भी नहीं माना गया
पीड़िता की गुहार सुनकर मुख्यमंत्री ने सिविल सर्जन को प्रवीण को हर संभव चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए कहा था। वहीं सिविल सर्जन ने भी इसकी हामी भरी थी, लेकिन इसके बावजूद भी पीड़ित कोई इलाज नहीं मिल पाया। सोमवार को प्रवीण की अचानक तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। उसको नारनौल के नागरिक अस्पताल में लाया गया, लेकर उसे PGI रेफर किया गया, रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।