फेम-2 स्कीम के तहत सब्सिडी घटने के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियां कीमतों को कॉम्पिटिटर बनाए रखने के लिए प्रोडक्ट्स में बदलाव करने पर विचार कर रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक, प्रमुख इलेक्ट्रिक टू व्हीलर कंपनियां बैटरी के साइज और फीचर्स में कटौती करके कम स्पेसिफिकेशन वाले वेरिएंट लॉन्च कर सकती हैं।
दरअसल, मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज ने 19 मई को एक नोटिफिकेशन जारी कर टू व्हीलर पर फेम-2 की सब्सिडी मौजूदा 15,000 रुपए प्रति किलोवॉट से घटाकर 10,000 रुपए प्रति किलोवॉट करने और अधिकतम सब्सिडी की सीमा 40% से घटाकर 15% करने का निर्णय लिया है।
यह बदलाव 1 जून 2023 से लागू होंगे। इसके चलते इलेक्ट्रिक टू व्हीलर की कीमतों में 5,000 रुपए तक बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में कंपनियों को दाम कम रखने के अतिरिक्त उपाय करने होंगे, ताकि मांग बढ़ती रहे।
मौजूदा सब्सिडी ग्रोथ के लिए पर्याप्त नहीं
ईवी और आम वाहनों के दाम में बड़ा अंतर है। इन्हें समान स्तर पर पहुंचने में 2-2.5 साल लगेंगे। हो सकता है मौजूदा सब्सिडी ग्रोथ के लिए पर्याप्त न हो। -सुमन मिश्रा, सीईओ, महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी
ज्यादातर ई-दोपहिया में 1.5-2 क्षमता वाली बैटरी होगी
लिथियम-आयन बैटरी पैक बनाने वाली कंपनी सिग्नी एनर्जी के सीईओ वेंकट राजा रमन ने कहा, ‘जब जून 2021 में इलेक्ट्रिक दोपहिया पर इन्सेंटिव बढ़ाकर 15,000 रुपए प्रति किलोवाट किया गया था, तो कई कंपनियों ने बैटरी का आकार बढ़ाकर 2.5-3 किलोवाट कर दिया था। अब सब्सिडी घटाकर 10,000 रुपए प्रति किलोवॉट की जा रही है तो ज्यादातर वाहनों में 1.5-2 किलोवॉट की कम क्षमता वाली बैटरी होगी। यदि पेट्रोलियम वाहनों के साथ प्रतिस्पर्धा करना है तो ईवी पर सब्सिडी जारी रखा जाना चाहिए।’
रुपए प्रति किलोवॉट करने और अधिकतम सब्सिडी की सीमा 40% से घटाकर 15% करने का निर्णय लिया है। यह संशोधन एक जून 2023 से लागू होंगे। इसके चलते ई दोपहिया की कीमतों में 5,000 रुपए तक बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में कंपनियों को दाम कम रखने के अतिरिक्त उपाय करने होंगे, ताकि मांग बढ़ती रहे।